Saturday, April 27, 2024

गुजरात हेरोइन कांड में ईडी ने दर्ज किया मनी लॉड्रिंग केस, मुंद्रा पोर्ट से 24 टन पहले भी आ चुकी है अवैध ड्रग

गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से अब तक की ड्रग्स की सबसे बड़ी खेप बरामद की है। बरामद हेरोइन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 21,000 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने मुंद्रा बंदरगाह से लगभग 21,000 करोड़ रुपये मूल्य की लगभग 3,000 किलोग्राम हेरोइन की जब्ती की मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की है। उधर, हैदराबाद से छपने वाले डेक्कन क्रॉनिकल अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, नशीले पदार्थों के सौदागर इससे पहले 72,000 करोड़ रुपये की 24 टन हेरोइन बाहर से मंगा चुके हैं और देश के अलग-अलग हिस्सों में इसकी सप्लाई की जा चुकी है। इस बीच गुजरात में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का गृह राज्य होने के कारण विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस ने इस मामले पर बीजेपी पर तीखा हमला बोला है।

सोमवार को बरामद हुई ड्रग्स अफगानिस्तान से ईरान के रास्ते भारत पहुंची थी। अधिकारियों ने कहा कि संदेह को दूर करने के लिए ड्रग्स को थैलों के नीचे पैक किया गया था, ऊपर पाउडर की परतें रखी गई थीं। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है और अहमदाबाद, चेन्नई और दिल्ली में तलाशी अभियान चलाया है। डीआरआई के अनुसार, हेरोइन ले जाने वाले कंटेनर्स को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा स्थित एक फर्म द्वारा आयात किया गया था और फर्म ने खेप को ‘टेल्कम पाउडर’ घोषित किया था।

कंटेनरों को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा स्थित आशी ट्रेडिंग फर्म द्वारा अफगानिस्तान से ईरान और ईरान से मुंद्रा पोर्ट पर आयात किया गया था। आयात करने वाले आशी ट्रेडिंग फर्म चलाने वाले दंपति सुधाकर और वैशाली को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया गया है। इन्हें पिछले सप्ताह गुजरात की एक विशेष अदालत में पेश किया गया। 10 दिनों के लिए डीआरआई हिरासत में भेज दिया गया है। अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में हेरोइन की कीमत सात करोड़ प्रति किलोग्राम होने का अनुमान लगाया है, जिससे यह भारत में की गई अब तक की सबसे बड़ी जब्ती बन गयी है।

इस बीच, हैदराबाद से छपने वाले डेक्कन क्रॉनिकल अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, नशीले पदार्थों के सौदागर इससे पहले 72,000 करोड़ रुपये की 24 टन हेरोइन बाहर से मंगा चुके हैं और देश के अलग-अलग हिस्सों में इसकी सप्लाई की जा चुकी है। रविवार को गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर बरामद की गई तीन टन हेरोइन की मात्रा नशीले पदार्थों की चल रही तस्करी का एक छोटा सा हिस्सा भर है।

अख़बार के अनुसार राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अनुमानों के मुताबिक़ रविवार को ज़ब्त की गई हेरोइन की कीमत 21 करोड़ रुपये थी। लेकिन हेरोइन की जो खेप इससे पहले तस्करी के रास्ते भारत पहुंचने में कामयाब रही, उसकी क़ीमत 70,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा थी।

डेक्कन क्रॉनिकल ने अपनी पड़ताल के आधार पर लिखा है कि आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा शहर की आशी ट्रेडिंग कंपनी ने इस साल जून में कथित तौर पर इसकी 25 टन मात्रा मंगवाई थी और इसे ‘सेमी कट टैलकम पाउडर ब्लॉक्स’ कहा था। ये वही चीज़ थी जिसे डीआरआई ने रविवार को ज़ब्त किया है। विजयवाड़ा की कंपनी की ये शिपमेंट दिल्ली के एक कारोबारी को जिस ट्रक से भेजी गई थी, वो मुंद्रा पोर्ट और नई दिल्ली के 1176 किलोमीटर लंबे रास्ते के किसी भी टोलगेट से नहीं गुजरी। दिल्ली के उस कारोबारी की पहचान भी अब फ़र्ज़ी बताई जा रही है।

अख़बार ने लिखा है कि या तो ये सामान गुजरात में ही है, जिसकी संभावना कम है या फिर इसे दूसरी जगहों पर भेज दिया गया है।विजयवाड़ा की कंपनी को पिछले साल काकिनाडा पोर्ट से चावल एक्सपोर्ट करने के लिए रजिस्टर्ड कराया गया था। कंपनी के नाम से बाहर से अभी तक यही एक शिपमेंट आई थी।

कांग्रेस ने भाजपा से पूछा, क्या आप हमें बता सकते हैं कि गुजरात मादक पदार्थों की तस्करी का इतना बड़ा अड्डा क्यों बन गया है? उन्होंने कहा कि, क्या कारण है कि गुजरात में इतनी अधिक नशीली दवाओं की तस्करी आ रही है? हम इस रैकेट का भंडाफोड़ क्यों नहीं कर रहे हैं? यह सिंडिकेट अभी भी कैसे चल रहा है? यह एक गंभीर मामला है।

कांग्रेस ने मंगलवार को गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर करीब 21000 करोड़ रुपए कीमत की करीब 3,000 किलोग्राम हेरोइन की जब्ती को लेकर केंद्र पर हमला बोला है। हेरोइन की जब्ती पर केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पूछा कि आखिर कैसे सरकार और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की नाक के नीचे इस तरह का ड्रग सिंडिकेट चल रहा है।

पवन खेड़ा ने सरकार से यह भी सवाल किया कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्णकालिक प्रमुख का पद 18 महीने से खाली क्यों है? खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह, जो गुजरात से हैं, इस ड्रग सिंडिकेट को तोड़ने में असमर्थ क्यों हैं?

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कुछ महीनों में भारत में मादक पदार्थों की तस्करी में काफी वृद्धि हुई है और यह पिछले कुछ सालों से चल रहा है। मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए पवन खेड़ा ने कहा कि यह न केवल भारत के युवाओं के वर्तमान और भविष्य को नष्ट कर सकता है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर आतंकवादी संगठनों के वित्तपोषण के लिए संभावित वित्त पोषण का मार्ग है। खेड़ा ने दावा किया कि मुंद्रा पोर्ट से लगभग तीन टन हेरोइन की जब्ती न केवल भारत में, बल्कि दुनिया में सबसे बड़ी अवैध दवाओं में से एक है।

खेड़ा ने दावा किया कि जब्त ड्रग्स की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 21000 करोड़ रुपए है। कांग्रेस ने सरकार से सवाल किया है कि इतनी बड़ी मात्रा ड्रग्स पोर्ट पर कैसे पहुंची, सरकार और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो क्या कर रहा था? खेड़ा ने दावा किया कि पिछले कुछ सालों में गुजरात तट पाकिस्तान, ईरान या अफगानिस्तान से भारत में मादक पदार्थों की तस्करी के लिए सबसे पसंदीदा मार्ग बन गया है। ड्रग्स की जब्ती को लेकर खेड़ा ने सरकार से कई सवाल भी किए। खेड़ा ने पूछा कि क्या ड्रग्स की 10 खेपों को जाने दिया जा रहा है और एक पकड़ लिया जा रहा है ताकि लोगों को यह पता चल सके एजेंसियां काम कर रही हैं।

उधर मुंद्रा पोर्ट ने मामले में अपना पक्ष रखा है। इसमें मुंद्रा पोर्ट की तरफ से कहा गया है कि 16 सितंबर 2021 को, डीआरआई और सीमा शुल्क के एक संयुक्त अभियान ने मुंद्रा इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल, मुंद्रा पोर्ट पर पहुंचे अफगानिस्तान से दो कंटेनरों से भारी मात्रा में प्रतिबंधित हेरोइन का पता लगाया। हम अवैध ड्रग्स को जब्त करने और आरोपी को पकड़ने के लिए डीआरआई और सीमा शुल्क टीमों को धन्यवाद देते हैं और बधाई देते हैं। मुंद्रा पोर्ट ने कहा है कि हमें पूरी उम्मीद है कि यह बयान अडानी समूह के खिलाफ सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे प्रेरित, दुर्भावनापूर्ण और झूठे प्रचार पर विराम लगा देगा।

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल इलाहाबाद में रहते हैं।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles