Friday, April 19, 2024

कोर्ट को ठेंगा दिखाकर फरीदाबाद नगर निगम ने मजदूरों के आशियानों को किया मलबे में तब्दील

देश में चारों ओर जहां पर कोरोना की महामारी ने काल बनकर कोहराम मचाया हुआ है वहीं दूसरी फरीदाबाद नगर निगम ने आज मजदूरों और उनके मानवाधिकारों पर दिनदहाड़े हमला किया है। 

फरीदाबाद के खोरी गांव में रहने वाले असंगठित क्षेत्र के उन तमाम मजदूरों को जो कि अपने किसी आशियाने में लंबे अरसे से रह रहे थे आज 2 अप्रैल, 2021 की सुबह नगर निगम फ़रीदाबाद 9 बुलडोजर लेकर पहुंचा और लगभग 300 घरों को तोड़ दिया गया। 

जनहित याचिका पर सुनवाई पर फैसला आये बिना ही तोड़ा गया मजदूरों का घरौंदा

अपनी इस अमानवीय बर्बर कार्रवाई के बचाव में नगर निगम ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह बेदखली की जा रही है। 

जबकि खोरी गांव रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने चंडीगढ़ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर रखी है। साथ ही नगर निगम ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर रखी है जिस पर 5 अप्रैल को सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट ने किसी भी प्रकार से लंबित जनहित याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ताओं एवं उनके क्षेत्र में डिमोलिशन करने का आर्डर जारी नहीं किया। और जब तक मामला सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में लंबित है और इस पर न्यायालय का अंतिम फैसला नहीं आ जाता तब तक प्रशासन का जबरदस्ती बेदखली के लिए लिया गया निर्णय मजदूर के मानवाधिकारों का सरासर उल्लंघन है। 

पिछले 1 वर्ष से कोरोना की महामारी से जहां मजदूरों ने रोजी और रोटी दोनों खो दी हो वहीं दूसरी ओर प्रशासन द्वारा उनके घरौंदों को तोड़कर उनके सामने आवास की समस्या को एक बहुत बड़ी चुनौती बनाकर उनके सामने खड़ी कर दी गई है। इन मजदूरों के पास में खाने-पीने और कमाने का कोई साधन नहीं है ऐसे में मजदूर कैसे इस समस्या से उबरेंगे और इस समस्या का सामना करेंगे। 

मानवाधिकार कार्यकर्ता मजदूरों के साथ खड़े हुए 

मानवाधिकार संगठन मजदूरों के साथ खड़े हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट में 5 अप्रैल 2021 को खोरी गांव रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन का मामला आने वाला है उससे पहले ही फरीदाबाद नगर निगम ने जबरदस्ती बेदखली का यह जो कदम उठाया है इसकी बंधुआ मुक्ति मोर्चा संगठन की ओर से कड़ी निंदा की गयी है।

बंधुआ मुक्ति मोर्चा के जनरल सेक्रेटरी निर्मल गोराना ने पूरे मामले पर कहा है कि – ” जबरदस्ती बेदखली को लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के कई फैसले हैं जिनका फरीदाबाद नगर निगम घोर उल्लंघन कर रहा है। बंधुआ मुक्ति मोर्चा ने हरियाणा सरकार से अपील करता है कि जबरदस्ती बेदखली को तुरंत बंद किया जाए एवं  बेदखली करने के 3 महीने पहले मजदूरों को लिखित में नोटिस दिया जाए ताकि मजदूर अपने आवास की व्यवस्था कर सकें। साथ ही मजदूरों को उनकी ओर से अपने दस्तावेज प्रस्तुत करने का पूरा मौका दिया जाए”। 

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

जौनपुर में आचार संहिता का मजाक उड़ाता ‘महामानव’ का होर्डिंग

भारत में लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद विवाद उठ रहा है कि क्या देश में दोहरे मानदंड अपनाये जा रहे हैं, खासकर जौनपुर के एक होर्डिंग को लेकर, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर है। सोशल मीडिया और स्थानीय पत्रकारों ने इसे चुनाव आयोग और सरकार को चुनौती के रूप में उठाया है।

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।

Related Articles

जौनपुर में आचार संहिता का मजाक उड़ाता ‘महामानव’ का होर्डिंग

भारत में लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद विवाद उठ रहा है कि क्या देश में दोहरे मानदंड अपनाये जा रहे हैं, खासकर जौनपुर के एक होर्डिंग को लेकर, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर है। सोशल मीडिया और स्थानीय पत्रकारों ने इसे चुनाव आयोग और सरकार को चुनौती के रूप में उठाया है।

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।