नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है कि अपने पिट्ठू पूँजीपति मित्रों के लिए सरकार ने किसानों को बदनाम किया है और उनका आंदोलन तोड़ने की कोशिश की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अभी सिंघु बॉर्डर पर किसानों पर पुलिस के संरक्षण में अराजक तत्वों से हमला करवाया गया है। ये सरासर ज्यादती है।
उन्होंने कहा कि पिछले 2 महीने से किसान शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। लगभग 150 से अधिक किसान धरना स्थल और गांवों में शहीद हो चुके हैं। किसान शांतिपूर्वक अपनी मांगों पर कायम हैं।
उन्होंने कहा कि ये सरकार ही तो है जिसने साम, दाम, दंड, भेद सब अपनाया। अन्न उगाने वाला अन्नदाता अपनी खेती और खेत बचाना चाहता है। ये गुनाह तो नहीं है। भाजपा सरकार ने हर बार किसानों का अपमान किया। ये पता लगाने की बजाय कि किन लोगों ने आंदोलन में घुस कर उपद्रव किया, भाजपा सरकार ने किसान नेताओं को ही धमकाना शुरू कर दिया।
उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जगह-जगह भाजपा नेता व विधायक गुंडे लेकर पहुंच गए व हिंसक नारे लगाने लगे। भाजपा सरकार के कहने पर मीडिया का एक हिस्सा, सरकारी स्क्रिप्ट पर डांस करते हुए किसानों को अपशब्द कहने लगा, और उन्हें अपराधी साबित करने पर जुट गया। इसके लिए पूरा माहौल बनाया गया।
सरकार ने धरना स्थल की लाइट काट दी। सरकार ने किसानों का पानी बंद कर दिया। सरकार पुलिस और गुंडों को लगाकर किसानों के हुक्का को लात मारने व टेंट उखाड़ने की तैयारी करने लगी। किसान नेताओं को इस अत्याचार ने रुला दिया।
हुक्का-पानी किसान की इज्जत होती है। किसान अन्न उगाता है और शान से हुक्का-पानी के साथ रहता है। सरकार ने किसानों का अपमान किया है।
अब गांव-गांव से हुक्का पानी किसानों के समर्थन में पहुंच रहा है। अब किसान की इज्जत का सवाल है। तीनों काले कृषि कानून वापस लेने ही होंगे।