वाराणसी। जनचौक की एक खबर का असर हुआ है। वाराणसी के एक गांव में दलित उत्पीड़न की एक घटना के जनचौक पर प्रकाशित होने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने न केवल वाराणसी पुलिस कमिश्नर को नोटिस भेजी है बल्कि मामले का जल्द से जल्द जवाब देने का निर्देश दिया है। दरअसल वाराणसी जिला मुख्यालय से लगभग साठ किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्चिम में सुइलरा गांव है, जो कपसेठी ब्लॉक में पड़ता है।
सुइलरा गांव में 06-07 जुलाई-2022 को एक दलित किशोर को महज चार किलो चावल चोरी के आरोप में गांव के ही ठाकुर समाज के कुछ लोगों ने बेरहमी से पीटा और धमकी दी। कुछ रोज बाद लड़के (विजय राम, उम्र- 14) की मौत हो गई। जनचौक की टीम जब पीड़ित परिवार के गांव घटना की जानकारी लेने 4 अगस्त, दिन मंगलवार को पहुंची।तो पीड़ितों ने बताया कि आरोपी के खिलाफ निष्पक्षता से कार्रवाई नहीं की गई है। उसके बाद जनचौक ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया और “वाराणसी से ग्राउंड रिपोर्ट: 4 किलो चावल चोरी के आरोप में ठाकुरों ने ले ली एक दलित किशोर की जान” शीर्षक से पीड़ित व ग्रामीणों से मिलकर विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की।
अब जनचौक की खबर का संज्ञान लेते हुए नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन नई दिल्ली ने, 20 दिसंबर 2022 को पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी को पत्र जारी कर मृतक विजय राम को न्याय दिलाने के क्रम में अब तक आरोपियों पर कार्रवाई का विवरण चार हफ़्तों के भीतर मांगा है। साथ ही जवाब की प्रतिलिपि स्टेट ह्यूमन राइट्स कमीशन को प्रेषित कर मामले से अवगत कराने के निर्देश दिया है। नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन नई दिल्ली ने कहा है कि यह चिंता का विषय है और जल्द से जल्द पुलिस व सम्बंधित विभाग मामले को गंभीरता से ले। वाराणसी एडिशनल सुपरिटेंडेंट पुलिस (ग्रामीण) मामले को देखें। यदि मामला पेंडिंग है तो जांच कर कार्रवाई को आगे बढ़ाएं। आपको बता दें कि ह्यूमन राइट्स कमीशन 13 ऑफ़ पीएचआर अधिनियम 1993 के तहत निर्देश देता है।
विदित हो कि चावल चोरी के आरोपों के बाद गांव में पुलिस आई और उल्टा दलित बच्चे के माता-पिता से चार किलो चावल का जुर्माना ठाकुरों को दिलवाया। बस्ती के लोगों ने बताया कि इसके एक-दो दिन बाद देर शाम को बच्चा बस्ती की एकमात्र दुकान पर घर का सामान खरीदने गया। लोगों ने बताया कि यह दुकान उन्हीं ठाकुर लोगों की थी, जिन पर पहले से थी किशोर से मारपीट के आरोप लग चुके थे।
बहरहाल, उसी दिन शाम को उन लोगों ने विजय को पकड़कर घर में ले जाकर बहुत मार मारा और धमकी भी देकर डराए कि अपने मम्मी-पापा को बताओगे तो उन्हें भी काट देंगे। विजय घर आया और अपनी बर्बर पिटाई की बात किसी से नहीं कहा। दर्द होने पर वह मेडिकल से दवा लेकर खाता रहा। एकाएक उसकी तबियत बिगड़ गई तो उसको गोराईं स्थित एक अस्पताल में ले जाकर भर्ती कर दिया गया। सुबह होते-होते यानि एक अगस्त को उक्त बयान देकर लड़के ने दम तोड़ दिया। ऐसा बस्ती के दूधनाथ ने बताया।
(वाराणसी से पत्रकार पीके मौर्य की रिपोर्ट।)
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