यूक्रेन में होस्टल में फंसे भारतीय छात्र-छात्राओं के पास खाने पीने का स्टॉक खत्म होने के कगार पर

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यूक्रेन कीव के एक यूनिवर्सिटी होस्टल में फंसे 15 बच्चों ने जनचौक संवाददाता अवधू आज़ाद को फोन करके बताया है कि वो लोग बंकरों में फंसे हुये हैं और भारत सरकार और भारतीय दूतावास से उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है।

अवधू आज़ाद ने यूक्रेन में फंसे 15 भारतीय छात्र-छात्राओं से बारी बारी से बात की है। इनमें सीमा पटेल, सैफिक मोहम्मद, भरूच गुजरात; अदिति मलिक, मुंबई महाराष्ट्र; साकेत वेदुला, जामनगर गुजरात; अखिल गोयल, हिसार हरियाणा; मोहम्मद  हमजा अबरार, अनुराति रावत, अनुराग सैनी, खुशिका सिंह, ईशा, सुकांत मंडल, आयशा मुस्तफा शैख, रुहिना रफीक शैख, सौम्या शुक्ला, अक्षिता यादव, सुयश राज जैन शामिल हैं।

रूस द्वारा यूक्रेन में ज़ारी हमले में फंसी छात्रा सीमा पटेल ने वहां के ख़ौफ़नाक मंजर को अवधू आज़ाद से बयां करते हुए फोन पर बताया है कि उन लोगों के सामने से टैंक जा रहे हैं। मिसाइल छोड़े जाने की आवाज़ आ रही है। हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।

सीमा पटेल ने आगे अपने कुछ दोस्तों के बंकर में फंसे होने की जानकारी देते हुए कहा है कि “हमारे समझ में नहीं आ रहा है कि हम क्या करें। हम जहां हैं वहां के पास के मेट्रो स्टेशन पर हमले हो रहे हैं। हमारे दोस्त परसों रात से बंकर में फंसे हुये हैं। यहां बहुत ठंड है”।

सीमा पटेल ने भारत सरकार की उपेक्षा व गैर-जिम्मेदाराना रवैये की पोल खोलते हुये अवधू आज़ाद को फोन पर बताया है कि – मैंने भारतीय दूतावास के दो नंबरों पर कॉल किया। पहले नंबर पर फोन कॉल रिसीव नहीं किया गया, जबकि दूसरे नंबर पर उनकी पीड़ा और मदद की गुहार को सुनकर कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया गया, बिना कुछ भी कहे। सीमा बताती हैं कि कई बच्चों ने कॉल किया है इंडियन एम्बेसी में लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में व्यस्त भारत सरकार की असंवेदनशीलता को जाहिर करते हुये छात्रा सीमा पटेल ने अवधू आज़ाद को फोन पर बताया है कि – ” हमें या किसी अन्य छात्र को भारतीय दूतावास से कोई कॉल नहीं किया गया है, न ही कोई एडवाइजरी जारी की गयी है। छात्रों से कहा गया है कि यूक्रेन की सीमा तक आओ वहां से हम ले जायेंगे”।

सीमा आगे बताती हैं कि हम जहाँ जिस जगह पर हैं वहाँ से यूक्रेन की सीमा 900 किलोमीटर दूर है । हम बॉर्डर तक कैसे जायें।

अवधू आज़ाद द्वारा फोन पर एयर इंडिया की फ्लाइट का जिक्र करने पर सीमा बताती हैं कि 24 फरवरी को एयर इंडिया को आना था वो वापस नहीं गये।

खाना पानी के बारे में पूछने पर सीमा पटेल फोन पर बताती हैं कि खाने का थोड़ा सा पुराना स्टॉक पड़ा है थोड़ा थोड़ा करके खा रहे हैं। बाहर नहीं निकल रहे हैं। हमारे पास पानी भी बहुत कम है। यहां बहुत ठंड है।

कॉलेज प्रशासन और यूक्रेन सरकार द्वारा कोई मदद देने के सवाल पर सीमा पटेल बताती हैं कि – “कॉलेज ने कुछ नहीं बोला। यूक्रेन सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली है।

आखिर में सीमा पटेल यूक्रेन में फंसे इंडिया के 900 से अधिक छात्र छात्राओं की ओर से गुहार लगाते हुए कहती हैं कि -” होस्टल में 900 बच्चे हैं। जिसमें इंडिया के कई राज्यों के बच्चे हैं। हमें कोई आईडिया नहीं है कि हम क्या करें। भारत सरकार कुछ तो एडवाइज करे कि हम क्या करें”।

15 भारतीय छात्र-छात्राओं ने वीडियो बयान ज़ारी करके भारत के प्रधानमंत्री और भारतीय दूतावास से अपनी यथाशीघ्र सकुशल घर वापसी के लिये गुहार लगाई है।

(जनचौक के लिए अवधू आजाद की रिपोर्ट)

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