Saturday, April 27, 2024

फेसबुक पर ‘जोशीमठ में सरकार के प्रयास नाकाफी’ लिखना प्रशासन की नजर में आपत्तिजनक, पुलिस ने बैठाई जांच

हल्द्वानी कोतवाली से बोल रहा हूं कहते हुए 9410518019 नंबर से मंगलवार को फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि “आपने फेसबुक पर कोई आपत्तिजनक पोस्ट की है, अपना एड्रेस बताओ।” मैंने कहा,”कौन सी पोस्ट? कब की?” तो जवाब मिला, “जोशीमठ को लेकर आपने कोई आपत्तिजनक पोस्ट की है।” मैंने कहा कि, “जोशीमठ आपदा और जोशीमठ की जनता के संघर्ष को लेकर तो मैंने बहुत पोस्ट की हैं। आप कौन सी पोस्ट की बात कर रहे हैं। उन में क्या आपत्तिजनक है?”

तो उधर से कहा गया कि, “आपने कोई पोस्ट डाली है जिसमें कहा गया है कि “जोशीमठ को लेकर सरकार के प्रयास नाकाफी हैं”। इसी को लेकर श्रीनगर गढ़वाल कोतवाली से मामला यहां हल्द्वानी कोतवाली को ट्रांसफर हुआ है। क्या वहां से आपको फोन नहीं आया? मैंने कहा कुछ दिन हुए एक बार फोन आया तो था”।

कुछ दिन पहले मुझे फोन आया था जिसमें कहा गया कि श्रीनगर गढ़वाल कोतवाली से बोल रहे हैं, आपका कोई मामला आया है आप कोतवाली आ जाओ। जब मैंने पूछा कि मामला क्या है तो उधर से कहा गया कि आपने फेसबुक पर कोई पोस्ट की है उसकी जांच हमारे पास आई है। मैंने कहा मैं तो फेसबुक पर पोस्ट डालता रहता हूं। आप किस पोस्ट की बात कर रहे हैं तो कहा गया कि मैं कोतवाली आ जाऊं। मैंने फिर पूछा कि कौन सी पोस्ट है? क्या लिखा है? ये तो बताओ तो फिर कहा गया कि कोतवाली आ जाओ। जब बार-बार पूछने पर भी पोस्ट के बारे में कोई बात न बता कर कहा जाता रहा कि कोतवाली आ जाओ। तो मैंने कहा कि मैं तो 2011 तक ही श्रीनगर गढ़वाल में था अब तो हल्द्वानी में रहता हूं।

मैंने सोचा जो भी हो, जब कौन सी पोस्ट, क्या लिखा है बता नहीं रहे हैं तो जो भी होगा देख लिया जाएगा। बात आई गई हो गई।

अब आज हल्द्वानी कोतवाली से फोन आने पर स्पष्ट हुआ कि “जोशीमठ में सरकार के प्रयास नाकाफी हैं” पोस्ट लिखा जाना आपत्तिजनक पाया गया है।

फेसबुक पर जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले अतुल सती के नेतृत्व में चल रहे जोशीमठ की संघर्षशील जनता के आन्दोलन के समर्थन पर मैंने कई पोस्ट लिखीं, लेकिन हम लोग केवल पोस्ट लिखने वाले ही नहीं हैं। हम लोगों ने हल्द्वानी, रामनगर, लालकुआं, नैनीताल में भाकपा माले, आइसा, इंकलाबी नौजवान के बैनर पर और कभी तमाम जनसंगठनों के साथ मिलकर जोशीमठ की संघर्षशील जनता के साथ एकजुटता में प्रदर्शन, सभाएं, सरकार को मांग पत्र भेजने की जन कार्रवाइयां लगातार करते रहे हैं।

भाकपा माले के तत्कालीन उत्तराखण्ड राज्य सचिव राजा बहुगुणा के नेतृत्व में 20-22 जनवरी, 2023 को जोशीमठ जाने वाले भाकपा (माले) के प्रतिनिधिमंडल में गिरिजा पाठक के साथ मैं भी शामिल रहा। वहां जनता की भीषण तबाही के साथ-साथ सरकार के आपदा प्रबंधन की नाकामी को हमने अपनी आंखों से देखा। वहां के आपदा पीड़ित लोगों से कई पहलुओं पर बात की और अपने आंकलन और सरकार को जनता को तत्काल राहत देने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए इसको लेकर अपने सुझाव भी भाकपा माले की ओर से प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से सार्वजनिक किए।

22 जनवरी, 2023 को हुई इस प्रेस वार्ता में राजा बहुगुणा, गिरिजा पाठक, इंद्रेश मैखुरी, अतुल सती के साथ ही मैं भी शामिल था। हम लोगों द्वारा जो सुझाव उत्तराखण्ड सरकार के मुख्यमंत्री और आपदा प्रबंधन के लिए तैनात सरकार के नुमाइंदों को दिए गए उस पर तो अमल अभी तक नहीं दिखता, जिस “आपदा प्रबंधन में सरकार के प्रयास नाकाफी” को लेकर तब लिखा बोला गया था उसकी हकीकत तो यह है कि 16 अप्रैल 2023 को जोशीमठ आन्दोलन के 100 दिन पूरे होने के बाद भी सरकार के प्रयास नाकाफी ही नहीं बल्कि बेमन से हैं और दिशाहीनता का शिकार हैं।

असल में उत्तराखण्ड की भाजपा की धामी सरकार के पास जोशीमठ को लेकर कोई स्पष्ट योजना ही नहीं है। न ही राज्य सरकार का अभी तक के काम करने के तौर तरीके से लगता है कि जोशीमठ को लेकर वह कुछ गंभीर है। यह सरकार समय काटने की मानसिकता से काम कर रही है जिससे जनता थककर ‘खुद ही सेटल’ हो जाय। लेकिन जनता के एकताबद्ध संघर्ष सरकार की इस कोशिश को सिरे से नकार रहा है।

इसीलिए 100 दिन से अधिक बीत जाने के बाद भी बारिश ठंड और बर्फबारी के बावजूद राशन, आधे अधूरे जीओ, मुआवजे और तात्कालिक राहत के झुनझुने को नकारते हुए जोशीमठ की संघर्षशील जनता अपने अधिकारों को बुलंद करने के लिए डटी हुई है। साथ ही निम्न मांगों को लगातार सरकार के सामने पुरजोर तरीके से रख रही है-

  • सम्पूर्ण जोशीमठ को आपदा प्रभावित घोषित करो। देश की आठ संस्थाओं द्वारा किये गये अध्ययन सर्वेक्षण की रिपोर्ट तुरन्त सार्वजनिक करो। एनटीपीसी की परियोजना पर रोक लगाओ, परियोजना को जोशीमठ की तबाही के लिये जिम्मेदार मानते हुए जुर्माना लगाओ। हेलंग मारवाड़ी बाईपास बंद करो।
  • जोशीमठ के लिये समग्र विस्थापन पुनर्वास नीति घोषित करो।
  • विस्थापन पुनर्वास, सभी वर्गों को उनके अध्यवसाय के हिसाब से उचित मुआवजा, नुकसान की उचित भरपाई, धंसाव और तबाही के कारणों की उचित पड़ताल और समाधान। विनाशकारी परियोजनाओं पर रोक, जिम्मेदारी और जुर्माना।

जोशीमठ की जनता का लगातार चल रहा संघर्ष बता रहा है कि सरकार के प्रयास कितने नाकाफी हैं। अब ये तो हो सकता है कि आप किसी एक्टिविस्ट पर “जोशीमठ मामले में सरकार के प्रयास नाकाफी हैं” लिखने के ‘संगीन आरोप’ में साइबर एक्ट में मुकदमे की कार्रवाई शुरू कर दें, लेकिन यह सवाल तो बना ही रहेगा कि सरकार जी जोशीमठ के लिए आप कर क्या रहे हैं? जनता को राहत देने में आपकी सरकार अभी तक नाकाम क्यों साबित हुई है?

इसलिए मैं तो फिर-फिर कहूंगा सरकार, “जोशीमठ के लिए आपके प्रयास नाकाफी हैं!” न सिर्फ़ आपके प्रयास नाकाफी हैं बल्कि ये भी कहना चाहता हूं कि आपकी जनविरोधी नीतियों के कारण ही जोशीमठ में धंसाव घटित हो रहा है। आप इसके मुख्य जिम्मेदार कारण एनटीपीसी द्वारा बनाई जा रही तपोवन विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना की सुरंग के लिए किए गए विस्फोटों को जिम्मेदार मानने को तैयार ही नहीं हैं और जनता के प्रति आपका गैरजिम्मेदाराना और उदासीनता भरा जनविरोधी रवैया इस आपदा की तीव्रता में इज़ाफा कर रहा है।

(भाकपा माले नैनीताल के जिला सचिव डा. कैलाश पाण्डेय का लेख)

जनचौक से जुड़े

5 1 vote
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles