सुप्रीम कोर्ट में 10 अगस्त को सुनवाई से एक दिन पहले आज पेगासस जासूसी मामले पर रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा है कि एनएसओ के साथ कोई डील नहीं हुई है।
पेगासस जासूसी विवाद के बीच रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी कि सरकार ने एनएसओ समूह के साथ कोई लेन-देन नहीं किया है। बता दें कि सदन में उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार ने एनएसओ ग्रुप टैक्नॉलोजीस के साथ कोई लेन-देन किया था।
उल्लेखनीय है कि इजराइल की निगरानी सॉफ्टवेयर कंपनी एनएसओ समूह पर भारत सहित कई देशों में लोगों के फोन पर नज़र रखने के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के आरोप लग रहे हैं।
पेगासस जासूसी मुद्दे को लेकर संसद के मानसून सत्र में विपक्ष लगातार चर्चा और जवाबदेही की मांग लेकर गतिरोध पैदा करता आ रहा है जिससे दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित होती रही है। बता दें कि इजराइल की निगरानी सॉफ्टवेयर कंपनी एनएसओ समूह पर भारत सहित कई देशों में लोगों के फोन पर नज़र रखने के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के आरोप लग रहे हैं।
इससे पहले इसके जवाब में कहा, रक्षा मंत्रालय ने एनएसओ ग्रुप टैक्नॉलोजीस़ के साथ कोई लेन-देन नहीं किया है। तब उन्होंने सदन में पेगासस का मुद्दा उठाने को भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास बताया था। आईटी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीयों की जासूसी के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के मुद्दे पर कहा था कि- “संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले लगाए गए आरोपों का मकसद भारतीय लोकतंत्र की छवि को खराब करना है। सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले लगाए गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं।”
संसद के दोनों सदनों में दिए गए अपने एक बयान में वैष्णव ने कहा था कि- “जब देश में नियंत्रण और निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री का यह बयान मीडिया में आई उन खबरों के मद्देनजर था कि कुछ राजनीतिक नेताओं, सरकारी अधिकारियों, पत्रकारों सहित कई भारतीयों की निगरानी के लिए पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग किया गया था।”