Friday, March 29, 2024

ब्लू स्टार की बरसी पर स्वर्ण मंदिर के सामने पुलिस और कट्टरपंथियों में तीखी झड़प

ऑपरेशन ब्लू स्टार की 36वीं बरसी पर आज श्री हरमंदिर साहिब परिसर के बाहर पुलिस और सिख कट्टरपंथियों एवं खालिस्तानियों के बीच तीखी बहस के बाद जबरदस्त हाथापाई हुई। पुलिस ने आसपास के सारे रास्ते सख्ती के साथ सील किए हुए हैं और झड़प की वजह यह रही कि कट्टरपंथी तलवारें लहराते और ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाते हुए श्री अकाल तख्त साहिब जाना चाहते थे। बड़ी संख्या बल के साथ पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान की सरपरस्ती वाला अलगाववादी सियासी दल अमृतसर अकाली दल (मान के बेटे) ईमान सिंह और सिख यूथ फेडरेशन (भिंडरांवाले) के प्रधान भाई बलवंत सिंह गोपाला की अगुवाई में श्री हरमंदिर साहिब और श्री अकाल तख्त साहिब जाने को बाजिद था। पुलिस ऐसा होने नहीं दे रही थी। 

हल्के बल प्रयोग से पुलिस फोर्स ने उन्हें रोका। पहले तीखी बहस हुई और फिर हाथापाई। लेकिन सिमरनजीत सिंह मान के बेटे ईमान सिंह और सिख यूथ फेडरेशन (भिंडरांवाले) के अध्यक्ष भाई बलवंत सिंह गोपाला अपने समर्थकों सहित श्री अकाल तख्त साहिब पहुंच गए। इस झड़प में ईमान सिंह के पांव में चोट आई है। श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ जाने से पहले उन्होंने फिर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एसजीपीसी पर बादलों की सरपरस्ती वाला शिरोमणि अकाली दल काबिज है। यह पहली बार है कि ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर अलगाववादी सिख सियासत दान सिमरनजीत सिंह मान स्वर्ण मंदिर नहीं पहुंचे।    

पुलिस की झड़प श्री अकाल तख्त साहिब के समानांतर जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड के साथ भी हुई। उन्हें शहर के बाहर लगे नाकों पर पुलिस ने रोका। तगड़ी नोंक-झोंक के बाद उन्हें जाने दिया गया। पुलिस मीडिया को भी जाने से रोक रही है।                            

कोरोना वायरस और खराब मौसम के चलते इस बार ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर बहुत कम श्रद्धालु अमृतसर पहुंचे हैं। सुबह श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अखंड पाठ के भोग के बाद कौम के नाम संदेश जारी किया और वह ‘खालिस्तान’ के पक्ष में जमकर बोले। जत्थेदार ने कहा कि सरकार अगर सिखों को खालिस्तान देती है तो वे इसे सहर्ष कबूल करेंगे।     

जिक्रेखास है कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार बादलों के खासम खास हैं और उनके कार्यकाल में ऐसा पहली बार है कि उन्होंने खालिस्तान की इस मानिंद खुली हिमायत की। बेशक प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल इस बार ऑपरेशन ब्लू स्टार और उससे संबंधित हर पहलू पर पूरी तरह खामोश हैं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह के नए तेवर उनके लिए कहीं न कहीं मुसीबत का सबब जरूर बन सकते हैं। खासतौर से इसलिए भी कि बादल परिवार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गहरी नजदीकी जगजाहिर है और बादल बहू हरसिमरत कौर केंद्रीय मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री हैं।     

हालांकि अलगाववादी और खालिस्तानी सिख संगठन ज्ञानी हरप्रीत सिंह के नए पैंतरे को एक ढोंग बता रहे हैं। सिख यूथ फेडरेशन (भिंडरांवाले) के अध्यक्ष भाई बलवंत सिंह गोपाला ने कहा कि सिख कौम ज्ञानी हरप्रीत सिंह को श्री अकाल तख्त साहिब का जत्थेदार नहीं मानती बल्कि जगतार सिंह हवारा को मानती है। गौरतलब है कि जगतार सिंह हवारा, पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या का प्रमुख साजिशकर्ता है। फिलहाल सजायाफ्ता। गोपाला ने आरोप लगाया कि उन्हें और ईमान सिंह को श्री अकाल तख्त साहिब के भीतर नहीं जाने देने की योजना ज्ञानी हरप्रीत सिंह, एसजीपीसी अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगो वाल और प्रकाश सिंह बादल व सुखबीर सिंह बादल ने बनाई थी।           

शेष पंजाब के विभिन्न गुरुद्वारों में भी ऑपरेशन ब्लू स्टार की 36वीं बरसी पर समागम हुए। कहीं से किसी तनाव की खबर नहीं है।

(पंजाब से वरिष्ठ पत्रकार अमरीक सिंह की रिपोर्ट।)

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