Friday, April 19, 2024

विपक्ष ने भारतीय निर्वाचन आयोग को भंग करने की मांग की

“EC की गाड़ी ख़राब, 

भाजपा की नीयत ख़राब,

लोकतंत्र की हालत ख़राब!” -उपरोक्त टिप्पणी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कल असम में भाजपा प्रत्याशी की कार से ईवीएम बरामद होने की घटना पर की है। 

बिहार में नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने भारतीय निर्वाचन आयोग को भंग करने की मांग करते हुए कहा है- “इस समय भारतीय निर्वाचन आयोग को भंग कर दिया जाना चाहिए और भाजपा को इस शो को पीछे से चलाने के बजाय पूरी तरह से अपने सभी कामकाज को संभालना चाहिए। बिहार चुनावों में ECI ने खुद भाजपा और JDU के इशारे पर नौकरशाही के साथ चुनाव और परिणाम में हेराफेरी की।” 

वहीं इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए सीपीआईएमएल महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने बैलट पेपर से मतदान कराये जाने की मांग करते हुए कहा है- “ईवीएम के उत्साही दावा करते हैं तकनीक ने बूथ कैपचरिंग को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। खैर, यहां ईवीएम-कैप्चरिंग का असम से एक नमूना साक्ष्य है, पुराने बूथ-कैप्चरिंग मॉडल को तकनीक द्वारा सरल और एक समझौतापरस्त पोलिंग मशीनरी द्वारा और सरल कर दिया गया है।

वहीं सीपीआईएम के महासचिव सीता राम येचुरी ने मामले में कहा है, “चुनाव आयोग की तटस्थता पर सवालिया निशान खड़े होते रहते हैं। चुनाव आयोग लोगों को आश्वस्त करने में विफल रहा है कि लोकतांत्रिक फैसले को नकारने के लिए ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। चुनाव आयोग को सख्त दंडात्मक कार्रवाई करनी चाहिए और भाजपा उम्मीदवार को अयोग्य घोषित करना चाहिए।”

वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है, “क्या स्क्रिप्ट है? चुनाव आयोग की गाड़ी खराब हुई, तभी वहां एक गाड़ी प्रकट हुई। गाड़ी भाजपा के प्रत्याशी की निकली। मासूम चुनाव आयोग उसमें बैठ कर सवारी करता रहा।

प्रियंका गांधी ने आगे कहा है, “प्रिय EC, माजरा क्या है? आप देश को इस पर कुछ सफाई दे सकते हैं? या हम सब मिलकर बोलें EC की निष्पक्षता को वनक्कम?”

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस पर सवाल उठाते हुए पूछा कि जब भी किसी निजी गाड़ी में ईवीएम मिलती है तो वो बीजेपी नेता की ही क्यों होती है।

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा है, “समस्या किसी विशेष बूथ का पुनर्मतदान नहीं है। एक भाजपा उम्मीदवार की कार में ईवीएम कैसे पहुंचती है?, यहाँ कौन किसके साथ और कितने समय से बिस्तर पर है।

एक संयुक्त संसदीय समिति जांच की आवश्यकता है।” 

पूरा मामला क्या है 

असम में कल दूसरे चरण का चुनाव संपन्न हुआ। मतदान के बाद करीमगंज जिले के कनिसैल कस्बे में एक लावारिस बोलेरो मिली जिसमें ईवीएम मशीन थी। जांच के बाद पता चला कि ये बोलेरो पाथरकांडी विधानसभा सीट के बीजेपी उम्मीदवार कृष्णेंदु पाल की है। जोकि उनकी पत्नी के नाम पर दर्ज़ है।

शुरुआती रिपोर्ट में ईवीएम के सही सलामत होने का दावा किया गया। चुनाव आयोग को डीएम से मिली शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, पोलिंग पार्टी की गाड़ी बीच रास्ते में खराब हो गई थी, इसके बाद पीठासीन अधिकारी ने रास्ते से गुज़र रही एक गाड़ी को जिला मुख्यालय पहुंचाने का आग्रह किया, गाड़ी उनको ला रही थी, पोलिंग टीम को शुरुआत में जानकारी नहीं थी कि जिस गाड़ी में वो लिफ्ट ले रहे हैं, वह बीजेपी विधायक और मौजूदा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार की गाड़ी है। लेकिन चुनाव आयोग की कहानी तब धरी की धरी रह जाती है जब ये पता चलता है कि उक्त कार के साथ न तो चुनाव आयोग का कोई अधिकारी था, ना ही कार के भीतर कोई सुरक्षा थी। इस मामले में चुनाव आयोग ने चार मतदान अफसरों को निलंबित कर दिया है। साथ ही एफआईआर लिखने का आदेश दिया गया है। चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट भी तलब की है। 

बताया गया है कि लिफ्ट लेकर जब बीजेपी प्रत्याशी की गाड़ी से पोलिंग पार्टी लौट रही थी तभी स्थानीय लोगों ने इनको देख लिया और गाड़ी रोक दी, पोलिंग पार्टी के सदस्यों को स्थानीय लोगों ने गाड़ी से निकाल दिया और भीड़ हिंसात्मक भी होने लगी, रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ईवीएम सही सलामत है, उसका सील भी नहीं टूटा है, यह वोटिंग में इस्तेमाल हुई थी। चुनाव आयोग को जिला निर्वाचन अधिकारी से दूसरी और विस्तृत रिपोर्ट का भी इंतजार है। 

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