नई दिल्ली/शिमला। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन से आयी प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। उन्होंने यह पत्र हिमाचल प्रदेश के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद लिखा है। इस दौरान उन्होंने सूबे के तमाम पीड़ितों से मुलाकात की और उनको सरकार की ओर से हर संभव सहायता दिलवाने का भरोसा दिलाया।
उन्होंने पत्र में कहा है कि हिमाचल देवभूमि होने के साथ-साथ सच्चे, सरल और मेहनती लोगों का प्रदेश है। हिमाचल की स्त्रियां, किसान, कर्मचारी, कारोबारी और युवा बहुत परिश्रमी और स्वाभिमानी हैं। आज की तारीख में वही लोग अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहे हैं। राज्य में आई बाढ़ और भूस्खलन से भीषण विनाश हुआ है।
उन्होंने अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले दिनों मैं शिमला, कुल्लू, मनाली और मंडी में आपदा पीड़ितों से मिली। हर तरफ हुई तबाही देखकर बहुत दुःख हुआ। अब तक इस आपदा में 428 लोगों ने जान गंवाई है। कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपने सभी परिजन इस आपदा में खो दिए। मृतकों में छोटे बच्चे भी शामिल हैं, जो अपनी माताओं के साथ सावन के अंतिम सोमवार को सुबह-सुबह शिव मंदिर में पूजा करने गए थे।
उन्होंने पूरी आपदा का ब्योरा देते हुए कहा कि राज्य में 16,000 से ज्यादा पशु-पक्षी मारे गये हैं जिनमें 10,000 से अधिक पोल्ट्री बर्ड और 6,000 से अधिक गाय, भैंसें व अन्य पालतू जानवर हैं। 13,000 से ज्यादा घर और मकान पूरी तरह या आंशिक रूप क्षतिग्रस्त हुए हैं। शिमला से परवाणू राष्ट्रीय राजमार्ग और कुल्लू-मनाली-लेह राजमार्ग के बड़े-बड़े हिस्से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये हैं। राज्य की अनेक सड़कें पूर्णतः या अंशतः टूट चुकी हैं। प्रदेश को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है।
प्रियंका गांधी ने सूबे की सरकार के प्रयासों की सराहना की लेकिन इसके साथ ही केंद्र की इस दिशा में कोई पहल न होने पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस तबाही से निपटने के लिए राज्य सरकार अपने स्तर पर हरसंभव प्रयास कर रही है। उनका कहना था कि उन्होंने हिमाचल की जनता को राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संकट का सामना करते हुए देखा। कहीं कोई सड़क की मरम्मत के लिए श्रमदान में जुटा है तो कहीं आपदा प्रभावित लोग, स्कूली बच्चे, किसान आपस में चंदा जुटाकर राहत कार्यक्रमों में मदद कर रहे हैं। उनका कहना था कि एकजुटता की इस भावना से वह बहुत प्रभावित हुईं। और इसी भावना के साथ उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखा है।
उन्होंने कहा कि “इस त्रासदी में, जब हिमाचल की जनता मदद की उम्मीद में चारों ओर देख रही है, उसी समय केंद्र सरकार द्वारा विदेशी सेब पर आयात ड्यूटी घटाने से हिमाचल के सेब किसानों और बागबानों पर दोहरी आर्थिक मार पड़ेगी। मेरी समझ में, इस मुश्किल वक्त में किसानों को ऐसी चोट नहीं देनी चाहिए बल्कि केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल के किसानों को किसी भी तरह की आर्थिक मदद मिल पाये तो उन्हें सहूलियत मिलेगी”।
उन्होंने पत्र के आखिर में कहा कि “मैं आपसे अपील करती हूं कि इस आपदा को 2013 की केदारनाथ त्रासदी की तरह राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाये और पीड़ितों व राज्य को आर्थिक मदद पहुँचाई जाये ताकि हिमाचल के भाई-बहनों को राहत मिले और राज्य का समुचित ढंग से पुनर्निर्माण किया जा सके”।
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