आज ऐक्टू, आइसा, इनौस ने त्रिपुरा में फ़र्जी तरीके से वकीलों व पत्रकारों पर दर्ज यूएपीए (UAPA) के खिलाफ इलाहाबाद के सिविल लाइन्स स्थित गिरिजाघर पर धरना प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन को संयुक्त रूप से सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज पूरे देश में केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से लोकतांत्रिक व्यवस्था खत्म की जा रही है, जिसे हम आज त्रिपुरा में देख रहे हैं। त्रिपुरा में सुनियोजित व संगठित ढंग से अल्पसंख्यक समुदाय खासकर मुसलमानों को निशाना बनाकर हिंसा की गई और राज्य मशीनरी हमलावरों की मदद करती रही, ज़िसमें असीमित सम्पत्तियों व जान का भारी नुकसान हुआ, उसकी जांच के लिए गये मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल (PUCL) के सदस्यों खासकर मजदूर नेता ऑल इन्डिया सेंट्रल काउन्सिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (ऐक्टू) के दिल्ली राज्य कमेटी सदस्य व अधिवक्ता कॉ. मुकेश व अधिवक्ता अंसार इन्दौरी को त्रिपुरा के खिलाफ वीभत्स सच को उजागर करने के कारण यूएपीए में मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके पूर्व कई पत्रकारों, सोशल मीडिया में सक्रिय लोगों को इस काले कानून के तहत भाजपा सरकार ने जेल भेज दिया है, जिसके खिलाफ आज़ हम त्रिपुरा की हिंसा व इस कानून के दुरूपयोग के विरुद्ध विरोध व्यक्त कर रहें है। विरोध प्रदर्शन में निम्न रखी गई –
1. त्रिपुरा हिंसा के ज़िम्मेदार लोगों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध फास्ट ट्रैक अदालत गठित कर पीड़ितों को त्वरित न्याय दिया जाय।
2. त्रिपुरा के घटना क्रम और दशा को उजागर करने वाले ऐक्टू नेता व अधिवक्ता कामरेड मुकेश व अधिवक्ता अंसार इन्दौरी व अन्य के विरुद्ध यूएपीए के तहत दर्ज मुकदमा वापस लिया जाय।
3. यूएपीए खत्म करो, राज्य द्वारा फैलाए जा रहे नफरत व दमन पर रोक लगा कर नागरिकों को जीवन व उनकी सम्पत्तियों की रक्षा की गारंटी की जाय।
धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से ऐक्टू प्रदेश सचिव अनिल वर्मा, ऐक्टू जिला सचिव डॉ. कमल उसरी, एडवोकेट माता प्रसाद पाल, एडवोकेट आर बी कुशवाहा, एडवोकेट आशुतोष कुमार तिवारी लॉयर्स एसोसिएशन, एडवोकेट राजीव कुमार, एडवोकेट आर आर पाल, आइसा प्रदेश अध्यक्ष शैलेश पासवान, कुमारी अंशू, मनीष कुमार, संतोष कुमार, एस सी बहादुर, राजेन्द्र त्रिपाठी, राजेश सचान, अनिल सिंह, इनौस से प्रदीप ओबामा इत्यादि लोग शामिल रहे। कार्यक्रम के अंत में महामहिम राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन द्वारा एसीएम फ़र्स्ट प्रयागराज को सौंपा गया।
(ऐक्टू, आइसा, इनौस से संयुक्त रूप से जारी प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित)