पटना। भाकपा-माले राज्य सचिव ने बेगूसराय जिले के बलिया थानान्तर्गत कसवा गांव में एक मासूम बच्ची के साथ घटित दुष्कर्म की घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि भाजपा-जदयू शासन में महिलाएं और बच्चियां पूरी तरह असुरक्षित हैं, और सरकार अपराधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने में नाकाम साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि स्नेहा कुशवाहा कांड के बाद अब बेगूसराय सहित राज्य के विभिन्न जिलों से इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे यह साफ हो जाता है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है।
उन्होंने यह भी कहा कि 2 मार्च को गांधी मैदान, पटना में आयोजित होने वाले महाजुटान में महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा का मुद्दा सबसे प्रमुख होगा। महिलाएं और बच्चियां अपने हक और सुरक्षा के लिए इस महाजुटान में एकजुट होकर सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगी। महाजुटान में इस मुद्दे को केंद्रीय सवाल के रूप में उठाया जाएगा।
इसी बीच, भाकपा-माले के बेगूसराय जिला सचिव दिवाकर प्रसाद, इंसाफ मंच जिला संयोजक एहतेशाम अहमद (अधिवक्ता) और संजय ठाकुर के तीन सदस्यीय जांच दल ने आज कसवा गांव का दौरा किया। जांच दल ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और घटना के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। गांववासियों से भी बातचीत की गई और इस घटना को लेकर उनके विचार लिए गए।
जांच दल ने कहा कि भाजपा सांसद गिरीराज सिंह, जो अक्सर हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के बीच नफरत फैलाने का काम करते हैं, उन्हें कसवा गांव पहुंचकर पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय से मिलकर संवेदना व्यक्त करनी चाहिए थी, लेकिन दुखद बात यह है कि भाजपा और जदयू के नेताओं ने इस गंभीर घटना पर पूरी तरह चुप्पी साध ली है और आरोपितों को बचाने के प्रयासों में जुटे हुए हैं।
जांच दल ने कहा कि कसवा गांव में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है और सभी समुदाय के लोग आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। भाकपा-माले ने इस मामले में पीड़ित परिवार को न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखने का भरोसा दिया है और उनका समर्थन किया है।
भाकपा-माले ने आरोपितों के खिलाफ स्पीडी ट्रायल की मांग की है और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देने की आवश्यकता जताई है। साथ ही, पीड़ित परिवार को मुआवजा देने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग की गई है। भाकपा-माले ने यह भी अपील की है कि इस जघन्य अपराध के खिलाफ दोनों समुदायों से एकजुट होकर संघर्ष तेज किया जाए ताकि ऐसे अपराधों की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।
इस घटना के खिलाफ 27 फरवरी 2025 को बेगूसराय में नागरिक प्रतिवाद मार्च आयोजित किया जाएगा, जिसमें लोगों से इस मुद्दे पर आवाज उठाने की अपील की गई है।
(प्रेस विज्ञप्ति)