संतकबीर नगर। यूं तो भाजपा राज में हर त्योहार हर्ष उल्लास से मनाने की जगह विषाद और तनाव के रूप में ही बीत रहा है। उस पर होली का त्यौहार जो आमतौर पर सामंती वर्चस्व खास कर पुरुष वर्चस्व गरीब और महिलाओं पर अभिव्यक्त करने का माध्यम रहा है। भाजपा से जुड़े लोग खासकर इन अवसरों का दलित, गरीबों मुसलमानों की आबादी पर कहर बरपाने में बखूबी उपयोग कर रहे हैं। इस सब में उनके निशाने पर गरीबों की जमीन, दुकान, मकान व व्यवसाय पहले से निशाने पर रहता है। यह बात संतकबीर नगर जिले में स्थित कर्री गांव के दौरे के बाद भाकपा माले के एक जांच दल ने कही है।
आपको बता दें कि होली के दिन 14 मार्च को यहां भूमिहार समुदाय से जुड़े सवर्ण परिवार के दबंगों ने नंगा नाच किया है। उन्होंने पिछड़ों समुदाय से जुड़े राजभर समुदाय की बस्ती में न केवल आग लगायी बल्कि लोगों को मारा-पीटा और महिलाओं के साथ यौन दुर्व्यवहार भी किया।
गांव का नाम कर्री है जो संत कबीर नगर के जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर है और महूली थानांतर्गत के तहत आता है। यहां राजभर बस्ती में 21 परिवार रहते हैं। होली के दिन गांव के ही दबंग भूमिहारों ने महिलाओं और बच्चों सहित सबको लाठियों से पीटा और फिर 21 घरों को आग के हवाले कर दिया। इसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिसमें दो लोग अभी भी गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में जीवन मरण के बीच जूझ रहे है।
घटना की जांच में बुधवार को गोरखपुर से भाकपा माले राज्य कमेटी सदस्य राजेश साहनी के नेतृत्व में एक सात सदस्यीय दल जिसमें जिला सचिव गोरखपुर राकेश सिंह, बस्ती जिला प्रभारी राम लौट, गोरखपुर जिला कमेटी सदस्य दीनदयाल यादव, बस्ती के डीएलटी सदस्य नंदकुमार नाग व मोहम्मद रफीक शामिल रहे। कर्री गांव जलाए गए राजभर बस्ती में अपराह्न 3:00 बजे पहुंचा।
जहां पूरी बस्ती की महिलाएं, पुरुष और बच्चे एक जगह इकट्ठा हो गए और जांच दल के सामने एक-एक कर सिलसिलेवार तरीके से उन्होंने घटना का विवरण दिया।

निखिल, गोलू, राहुल, श्रवण, कौसूर, 8 वर्षीय सुकन्या, 15 वर्षीय प्रिंस, 19 वर्षीय विवेक, विशाल, निर्मला, प्रियंका, महातम की पत्नी पवन, रेशमा, चंद्रभान ने अपनी अपनी बात बताई। निर्मला, रेशमा, रिंका और महातम की पत्नी ने बताया कि होली के दिन 14 मार्च को राजभर बस्ती के लड़के डीजे बजा रहे थे तभी पूजन राय, गोपाल राय सहित 15-20 भूमिहार बिरादरी के लोग नशे में धुत थे, आए और अश्लील गीत लगाने के लिए लड़कों पर दबाव बनाने लगे, राजभर समुदाय के युवकों ने डीजे बंद कर दिया और अश्लील गीत लगाने से इंकार कर दिया।
इससे गुस्साए इन भूमिहार समुदाय से जुड़े लोगों ने उन्हें डंडे से मारना-पीटना शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने घरों में घुसकर गाली गलौज किया। महिलाओं के विरोध करने पर वो और ज्यादा उग्र हो गए और फिर ईंट-पत्थर चलाने लगे। उसके बाद बस्ती से बिल्कुल सटे जयप्रकाश यादव की छत पर चढ़कर वो राजभर समुदाय के घरों पर ईंट पत्थर फेंकने लगे। लोगों ने बताया कि जय प्रकाश यादव जो खुद खलिहान की जमीन पर कब्जा कर पक्का घर बना लिए हैं, राजभर बस्ती से खुन्नस रखते हैं। उसके बाद उन्होंने अपने घर से हमलावरों को डीजल और माचिस उपलब्ध कराया। और फिर सभी ने मिलकर राजभर बस्ती में आग लगा दी।
इस आग की चपेट में आकर महिला, बच्चों समेत दर्जन भर लोग घायल हो गए। संतराम, 50 वर्ष पुत्र स्व. चौथी और अनिल, 50 वर्ष पुत्र स्वर्गीय काशी, मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। इन दोनों की हालत चिंताजनक बनी हुई है। आपको बता दें कि लगभग 60 डिसमिल घुरगड्ढा की जमीन है जो भूमिहार टोले के उत्तर सड़क के किनारे स्थित है, इसी जमीन पर 21 राज भर परिवार 50 वर्षों से बसा हुआ है। 15-20 वर्ष पहले तत्कालीन ग्राम प्रधान रामरेखा चौधरी ने इसी जमीन का डेढ़-डेढ़ कठ्ठा हर परिवार को दिया था।
इसमें प्रजापति, गौण व सुनार बिरादरी से जुड़ा एक-एक परिवार भी शामिल है। लेकिन यह बात भूमिहार समुदाय के लोगों को रास नहीं आयी। नतीजतन उन लोगों ने एसडीएम कोर्ट में इन बसे हुए परिवारों को हटाने के लिए मुकदमा कर दिया। इस तरह से गांव समाज बनाम अवैध कब्जेदार का मुकदमा शुरू हो गया। इस मुकदमे में संबंधित परिवारों के ऊपर जुर्माना लगा और उन्होंने जुर्माने की राशि भी जमा की और इसकी रसीद भी 5-7 लोगों के पास मौजूद है। जबकि इसके बरखिलाफ राजभर बस्ती से सटे पूरब के इलाके में एक बीघा कीमती बंजर भूमि पर दबंग भूमिहारों का कब्जा है।
लोगों ने बताया कि दो-ढाई बजे मारपीट और आगजनी की सूचना देने के बाद भी 12 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय से एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड व पुलिस की गाड़ी तब पहुंची जब पूरी बस्ती जलकर खाक हो गई। अभी भी चार-पांच लोगों की गिरफ्तारी की बात बताई जा रही है लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है।
राजनीतिक दलों में स्थानीय भाजपा विधायक, सुभा सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर, सपा का जांच दल बस्ती में आया और सिर्फ न्याय दिलाने का कोरा आश्वासन दिया है। ओम प्रकाश राजभर ने घायलों को इलाज के लिए एक-एक दो-दो हजार रुपये ज़रूर दिए हैं। डीएम और एसपी अभी तक गांव नहीं पहुंचे हैं। जिला प्रशासन की ओर से अभी तक कोई राहत सामग्री, खाद्यान्न, कपड़ा और दवा या फिर इलाज के लिए किसी तरह का पैसा नहीं दिया गया है। महिलाओं ने जांच दल से आशंका व्यक्त की है कि भूमिहारों की ओर से एक बार फिर हमला हो सकता है। इस तरह की धमकी दी जा रही है।
भाकपा-माले जांच दल ने मांग किया है, कि-
1-जले घरों को तत्काल प्रधानमंत्री आवास देकर बनवाया जाए।
2- जमीन को उक्त राजभर परिवारों को पट्टा आदि देकर भी कागज दिया जाए।
3- प्रत्येक परिवार को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा दिया जाए।
4-घायलों का निशुल्क इलाज कराया जाए।
5-हमलावरों पर रासुका लगाकर तत्काल जेल भेजा जाए।
6- जिले के डीएम एवं एसपी को अब तक पीड़ितों के बीच जाकर कोई त्वरित कार्रवाई न किए जाने के लिए दंडित किया जाए।
7- प्रत्येक परिवार को 6 माह के लिए राशन व कपड़ा सहित जीवन उपयोगी आवश्यक वस्तुएं दी जाए।
(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)
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