छात्रों का विरोध प्रदर्शन।
प्रयागराज। 69000 प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में व्यापक पैमाने पर पेपर आउट की जांच समेत छात्रों द्वारा उठाए गए कई सवालों का जवाब दिए बिना ही सरकार भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जा रही है जिसका प्रतियोगी छात्रों ने विरोध करते हुए प्रतिवाद दिवस मनाया।
न्याय मोर्चा उत्तर प्रदेश के संयोजक सुनील मौर्य ने कहा कि आज हजारों ट्वीट कर भर्ती में भ्रष्टाचार को उजागर कर भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग की गई।
उन्होंने कहा कि नियुक्ति देने की जल्दबाजी भ्रष्टाचारियों व नकल माफिया को बचाने की कोशिश है। छात्रों ने कहा कि जो छात्र हाईस्कूल, इंटर, स्नातक में प्रथम श्रेणी में नहीं आ सके, टेट परीक्षा में कम नंबर से पास हुए वे अचानक सुपर टेट में सुपर मैन कैसे हो गए यानि टापर हो गए।
छात्रों ने टॉप 10 छात्रों का लाइव इंटरव्यू कराने की मुख्यमंत्री मंत्री से मांग की। छात्रों में रोष बढ़ रहा है, यदि लॉक डाउन नहीं होता तो हजारों छात्र पीएनपी घेर लेते और सरकार को उनके सवालों का जवाब देना पड़ता।
छात्रों ने इस पूरे प्रकरण में सीबीआई जांच की मांग करते हुए निम्न सवालों का जवाब मांगा है-
-वायरल एंसर की की जांच रिपोर्ट का क्या हुआ?
-दर्ज एफआईआर और जेल भेजे गए लोगों के लिंक से नकल माफिया को क्यों नहीं पकड़ा गया?
-40,000 अभ्यर्थी का रिज़ल्ट न आने के क्या क्या कारण हैं?
-विवादित लगभग 10 प्रश्नों पर पीएनपी स्पष्टीकरण क्यों नहीं दे रहा है?
-150 में 130 नंबर से ऊपर पाने वाले की जांच क्यों नहीं? 144 अंक हासिल करना असम्भव लगता है।
छात्रों का कहना है कि 150 में 142 नंबर बिना नकल के संभव नहीं है। इस परीक्षा में जो भी 130 नंबर से ऊपर अंक हासिल किया है उन तक लीक पेपर जरूर पहुंचा होगा।
न्याय मोर्चा के आह्वान पर लखनऊ, सीतापुर, प्रतापगढ़, लखीमपुर, बलिया, गाजीपुर, गोरखपुर, वाराणसी, अमरोहा, भदोही, इलाहाबाद, कन्नौज, उन्नाव,बिजनौर, बरेली, जौनपुर, फर्रुखाबाद, मिर्ज़ापुर, अलीगढ़, गोंडा, मुजफ्फरनगर, इटावा, सुल्तानपुर, बांदा, राय बरेली, चित्रकूट, बुलंदशहर, हरदोई, अंबेडकर नगर, समेत छात्र – युवा प्रदर्शन में शामिल हुए।
(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)
This post was last modified on May 25, 2020 8:25 am