बिलकिस बानो केस: सुप्रीम कोर्ट ने 11 दोषियों की रिहाई का आदेश रद्द किया

नई दिल्ली। गुजरात 2002 दंगों के दौरान बहुचर्चित बिलकिस बानो गैंगरेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बिलकिस बानो के 11 दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया है। 2002 गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी।

मामले के 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने समय से पहले 15 अगस्त, 2022 को आजादी के अमृत महोत्सव के तहत रिहा कर दिया था जिसके बाद बानो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने अक्टूबर 2023 में सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, “गुजरात सरकार के पास माफी के लिए आवेदन पर विचार करने या आदेश पारित करने का कोई अधिकार नहीं था क्योंकि वह उपयुक्त सरकार नहीं थी।”

कोर्ट ने कहा कि गुजरात सरकार को दोषियों की रिहाई का फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं है। मामले का ट्रायल महाराष्ट्र में चला था इसलिए रिहाई पर फैसला लेने का अधिकार भी वहीं की सरकार को होगा। क्योंकि जिस राज्य में किसी अपराधी पर मुकदमा चलाया जाता है और सजा सुनाई जाती है, उसी को दोषियों की माफी याचिका पर फैसला लेने का अधिकार है। इसलिए इस मामले में महाराष्ट्र सरकार ही सक्षम होगी।

न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने यह भी देखा कि मई 2022 का आदेश जिसमें गुजरात सरकार को छूट तय करने का निर्देश दिया गया था, तथ्यों को छिपाकर और अदालत में धोखाधड़ी करके सुरक्षित किया गया था। इसलिए, यह आदेश कानून की नजर में अमान्य और गैर-स्थायी है।

कोर्ट ने कहा, “एससी के 13 मई, 2022 के आदेश के अनुपालन में सभी कार्यवाही निष्प्रभावी हो गई है। आदेश में कोर्ट ने गुजरात सरकार को 1992 की नीति के अनुसार छूट तय करने का निर्देश दिया था।

(‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments