Sunday, April 28, 2024

एनडीए की 400 सीटों में महज 19 महिला उम्मीदवार रखने पर सुप्रीम कोर्ट ने किया केंद्र से जवाब तलब

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगते हुए कहा कि वह स्पष्ट करे कि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) 2023 परीक्षा की 400 सीटों में से महिला उम्मीदवारों के लिए 19 सीट ही क्यों सीमित की गई है। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि केद्र सरकार को यह स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि यूपीएससी द्वारा जारी अधिसूचना में एनडीए 2023 में महिला उम्मीदवारों के लिए 19 सीट ही क्यों तय किया गया है।

पीठ ने केंद्र से कहा कि यह तो 2021 के आंकड़ों के बराबर ही है। पिछले साल आपने कहा था कि अवसंरचना की कमी की वजह से महिलाओं का कम प्रवेश लिया जा रहा है। अब आपने फिर महिला उम्मीदवारों के लिए उतनी ही संख्या का प्रस्ताव किया है। आपको स्पष्ट करना होगा। पीठ ने केंद्र से 2021 में एनडीए परीक्षा देने वाले कुल उम्मीदवारों के साथ महिला उम्मीदवारों की कुल संख्या को भी रिकॉर्ड में लाने को कहा है। पीठ ने उस आवेदन पर संघ को नोटिस जारी किया जिसमें कहा गया था कि एनडीए – 2022 परीक्षा के लिए भी, सेना, नौसेना और वायु सेना के लिए महिला उम्मीदवारों का सेवन 19 तक सीमित कर दिया गया है।

आवेदक ने तर्क दिया कि यद्यपि केंद्र ने मई, 2022 तक महिला उम्मीदवारों के लिए ढांचागत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए न्यायालय के समक्ष वचन दिया था, लेकिन इसने प्रवेश की संख्या को 19 उम्मीदवारों तक सीमित कर दिया है।

पीठ ने अपने आदेश में दर्ज किया कि वरिष्ठ अधिवक्ता चिन्मय प्रदीप शर्मा का कहना है कि एनडीए II – 2021 के अनुसार शामिल होने वाले उम्मीदवारों की संख्या सेना में 208 है जिनमें 10 महिलाएं, नौसेना में 42 उम्मीदवार शामिल हैं जिनमें तीन महिलाएं हैं और भारतीय वायुसेना में छह महिलाओं सहित 120 उम्मीदवार हैं, और इस प्रकार, यह प्रस्तावित है कि 19 महिलाएं, सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के अधीन, जून 2022 तक शामिल होने में सक्षम होनी चाहिए।

यह प्रस्तुत किया गया है कि महिलाओं की संख्या को उस तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए और विभिन्न मानदंडों पर आधारित होना चाहिए जो आने वाले लंबे समय तक जारी रखें और इस अदालत की विभिन्न न्यायिक घोषणाओं के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में शामिल की जा सकने वाली महिलाओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए, संभावित रूप हों। नोटिस जारी करें। राज्य के वकील नोटिस स्वीकार करते हैं। जवाब 3 सप्ताह के भीतर दायर किया जाएगा। जवाब अगर कोई हो, उसके बाद दो सप्ताह के भीतर दाखिल हो।

सुनवाई के दौरान, पीठ ने केंद्र के वकील से कहा कि यह तो साल 2021 के आंकड़ों के बराबर ही है। पिछले साल आपने कहा था कि अवसंरचना की कमी की वजह से महिलाओं का कम प्रवेश लिया जा रहा है। अब आपने फिर साल 2022 में उम्मीदवारों के लिए उतनी ही संख्या का प्रस्ताव किया है। आपने ये आंकड़े क्यों तय किए? आपको अब यह स्पष्ट करना होगा। 19 सीट हमेशा के लिए नहीं होनी चाहिए। यह केवल एक तदर्थ उपाय है।

वर्ष 2022 में एनडीए की परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों को 2023 में प्रवेश दिया जाएगा। केंद्र की ओर से पेश वकील ने पीठ के समक्ष तर्क दिया कि एनडीए में महिला कैंडिडेट का प्रवेश बल की आवश्यकता पर आधारित है। पीठ ने केंद्र के वकील से यह कहते हुए अपना सवाल आगे बढ़ाया कि केंद्र सरकार ने महिला उम्मीदवारों की संख्या 19 क्यों तय की है। पीठ ने जोर देकर कहा, आपको इसे समझाना होगा। 19 सीटें आने वाले समय के लिए नहीं हो सकती हैं।

याचिकाकर्ता कुश कालरा ने एक अतिरिक्त हलफनामे में कहा कि अगले वर्ष यानी 2023 के लिए भी महिला उम्मीदवारों की संख्या केवल 19 ही जारी रखना और 22 दिसंबर, 2021 की परीक्षा सूचना के अनुसार केवल पुरुष उम्मीदवारों को नौसेना में प्रवेश की अनुमति देना मनमाना और संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16 और 19 का उल्लंघन है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता चिन्मय प्रदीप शर्मा ने तर्क दिया कि केंद्र का मौजूदा रुख उसके रुख के विपरीत है, जो पिछले साल 18 अगस्त और 22 सितंबर को पारित शीर्ष अदालत के आदेशों में परिलक्षित होता है।

संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) के विज्ञापन और सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2021 के एनडीए-2 में एनडीए 400 कैडेट को लेगा। शर्मा ने बताया, ”इनमें 10 महिलाओं सहित 208 उम्मीदवार सेना में लिए जाएंगे। नौसेना तीन महिलाओं के साथ 42 उम्मीदवारों को लेगी। भारतीय वायुसेना भी छह महिलाओं के साथ 120 उम्मीदवारों को प्रवेश देगी। इस प्रकार जून 2022 में एनडीए में प्रवेश लेने वाली महिलाओं की संख्या 19 होगी।

शर्मा ने कहा कि याचिकाकर्ता के हलफनामे में कहा गया है कि यूपीएससी और सरकार द्वारा जारी विज्ञापन के अनुसार, एनडीए वर्तमान एनडीए-द्वितीय 2021 इंटेक में 400 कैडेट लेगा। उन्होंने कहा, इनमें से 10 महिलाओं सहित 208 उम्मीदवार सेना में जाएंगे। नौसेना 3 महिलाओं सहित 42 उम्मीदवारों को लेगी, जबकि भारतीय वायुसेना 120 उम्मीदवारों को स्वीकार करेगी, जिनमें से 6 महिलाएं होंगी। इस प्रकार, जून 2022 में एनडीए में शामिल होने वाली महिलाओं की कुल संख्या 19 है।

इसके बाद केंद्र एक विस्तृत हलफनामा दायर करने के लिए सहमत हुआ, जिसमें बताया जाएगा कि उसने आखिर यह स्टैंड क्यों लिया है। इस पर केंद्र तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब देगा।

पीठ ने केंद्र को हलफनामा दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया और सभी पक्षों से भी दो सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने को कहा। मामले को आगे की सुनवाई के लिए 6 मार्च को पोस्ट किया गया है। शीर्ष अदालत ने 2022 में राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज (आरआईएमसी), राष्ट्रीय सैन्य स्कूल (आरएमएस) और सैनिक स्कूलों में महिलाओं के प्रवेश पर भी केंद्र सरकार से जवाब मांगा।

पिछले साल सितंबर में, उच्चतम न्यायालय ने महिला उम्मीदवारों को पिछले साल नवंबर में निर्धारित एनडीए में प्रवेश परीक्षा देने की अनुमति दी थी।

(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles