यूपी में तीन सप्ताह के भीतर जमीन के अलग-अलग झगड़ों में 12 लोगों की हत्या

नई दिल्ली। यूपी हत्याओं का प्रदेश बनता जा रहा है। राम राज अब अपराधियों के राज में तब्दील हो गया है। तीन सप्ताह के भीतर जमीन संबंधी झगड़े को लेकर अब तक वहां 12 लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं। ये घटनाएं सितंबर के मध्य और अक्तूबर के पहले सप्ताह के बीच घटित हुई हैं। 

सबसे हालिया घटना कानपुर देहात में घटी है। गुरुवार को कानपुर देहात जिले के गजनेर इलाके की इस घटना में दो भाइयों की मौत हो गयी और उनके परिवार के चार सदस्य घायल हो गए। यह घटना रात में घटी। इस मामले में 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी है और उसमें से 8 को गिरफ्तार कर लिया गया है।

घटना शाहजहांपुर निनाया गांव में घटी। जहां मोहन लाल शुक्ला के परिवार वालों ने सत्यनारायण लोहार के परिवार के सदस्यों पर लाठियों और हथियारों से हमला कर दिया। इस हमले में 72 वर्षीय सत्यनारायण और 60 वर्षीय रामवीर की मौत हो गयी। दोनों सगे भाई थे। रामवीर को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां बाद में उनकी मौत हो गयी। रामवीर की पत्नी 55 वर्षीय मधु और उनकी बेटियां मधु और काजल और बेटा सोनू को घायलावस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज चल रहा है।

कानपुर देहात के जिला अधिकारी आलोक सिंह के यहां 30 सितंबर को दर्ज एक शिकायत के मुताबिक दोनों परिवारों के बीच जमीन को लेकर झगड़ा चल रहा था। सिंह ने इस मामले को स्थानीय रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अधिकारियों के पास भेज दिया था। मोहन लाल शुक्ला ने शिकायत में कहा था कि स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी।

रविवार को हत्या के बाद लापरवाही बरतने के आरोप में 8 पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा रेवेन्यू विभाग के दो कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गयी है। स्थानीय लेखपाल सचिन को निलंबित कर दिया गया जबकि रेवेन्यू क्लर्क विनोद कुमार मिश्र के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जा रही है।

देवरिया में छह की मौत

पिछली 2 अक्तूबर को जब दुनिया गांधी जयंती मना रही थी और चारों तरफ सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया जा रहा था उसी समय देवरिया में हत्या का नांग नाच हो रहा था। एक परिवार के पांच सदस्यों समेत यहां छह लोगों की हत्या कर दी गयी। यह घटना देवरिया के फतेहपुर गांव की है और जमीन का यह विवाद एक दशक से चल रहा था।

प्रेम यादव (53) नाम के एक पूर्व जिला परिषद सदस्य पर भोथरे हथियार से हमला किया गया और उनकी हत्या कर दी गयी। इसको अंजाम देने का काम सत्य प्रकाश दुबे और उनके परिवार के सदस्यों ने किया। बदले में लोगों के एक समूह ने सत्य प्रकाश, उनकी पत्नी और दो लड़कियों समेत तीन बच्चों की हत्या कर दी। हमले में एक बच्चे की जान बच गयी और उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने इस मामले में 20 लोगों को गिरफ्तार किया है।

इस घटना के बाद 15 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। और 8 कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी की जा रही है। ऐसा दुबे की पहले की शिकायत पर कोई कार्रवाई न किए जाने के चलते किया गया है।

निलंबित अफसरों में उप जिलाधिकारी, डीएसपी, दो तहसीलदार, एक एसएचओ, तीन एकाउंटेंट, एक हेड कांस्टेबल, चार कांस्टेबल और दो बीट इंचार्ज शामिल हैं। दो तहसीलदार और एक डीएसपी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी शुरू कर दी गयी है। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि पुलिस कर्मियों समेत दूसरे कर्मचारियों की ओर से गंभीर लापरवाही बरती गयी है।

ऐसा पाया गया है कि सत्य प्रकाश दुबे द्वारा जमीन से जुड़े इस झगड़े के मामले में शिकायत राज्य सरकार के इंटीग्रेटेड ग्रीवांस रिड्रेशल सिस्टम (आईजीआरएस) को भेजा गया था।

सुल्तानपुर में डॉक्टर की पीट-पीट कर हत्या

24 सितंबर को सुल्तानपुर जिले में जमीन के एक झगड़े में 53 वर्षीय एक डॉक्टर की पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी। इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसमें एक शख्स का बेटा भी शामिल है जिससे डॉक्टर ने जमीन खरीदी थी।

डॉ. घनश्याम तिवारी जयसिंह कम्युनिटी हेल्थ सेंटर पर कांट्रैक्ट के आधार पर तैनात थे। डॉक्टर की पत्नी निशा तिवारी ने अपनी शिकायत में कहा है कि उन्हें स्थानीय निवासी अजय नारायण सिंह ने पीट-पीट कर मार डाला। कहा जा रहा है कि तिवारी को पीट-पीट कर बेसुध करने के बाद ई रिक्शा पर बैठाकर उन्हें उनके घर भेज दिया गया। तिवारी कुछ मिनटों बाद ही बेहोश हो गए और फिर उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

डॉक्टर की पत्नी के मुताबिक उनके पति अजय नारायण सिंह के पिता जगदीश नारायण से 50 लाख रुपये में दो प्लॉट खरीदे थे। डाक्टर की पत्नी ने बताया कि “पूरी रकम देने के बाद भी जगदीश और उनका बेटा जमीन उनको नहीं दे रहे थे। अजय नारायण और ज्यादा पैसे की मांग कर रहे थे। हमने 50000 और ज्यादा दिया। और उसके बाद उन्होंने 2.5 लाख और रुपये की मांग कर दी।”

इस मामले में जगदीश नारायण सिंह (70), उनके बेटे अजय नारायण सिंह (49) और विजय नारायण सिंह (46) को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके अलावा जिला प्रशासन ने आरोपियों से जुड़ी तीन संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया है। उसका कहना था कि वो सब अवैध थीं।

डॉक्टर की मौत के बाद स्थानीय थाने के एचएसओ आरए उपाध्याय को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।

कौशांबी में तीन की हत्या

15 सितंबर को संपत्ति के एक झगड़े में एक दलित परिवार के तीन सदस्यों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। ऐसा उस समय हुआ जब परिवार के सदस्य रात में घर के बाहर सो रहे थे। घटना के तुरंत बाद पीड़ित के रिश्तेदारों ने आरोपियों के घरों में लगा दी।

घटना कौशांबी के मोहिद्दीनपुर गांव में घटी जो संदीपन थाना क्षेत्र के तहत आता है। पीड़ितों की पहचान होरी लाल (62), बेटी ब्रिजकली (22) और दामाद शिव सागर (26) के रूप में की गयी है।

आरोपी होरी लाल के पड़ोसी थे। जिनके साथ उनका जमीन के एक टुकड़े को लेकर विवाद चल रहा था।

इस मामले में नौ लोगों की गिरफ्तारी की गयी है। जिसमें पड़ोसी अमित सिंह, अनुज सिंह, अरविंद, तीरथराम, अमर सिंह और गुड्डू शामिल हैं। घटना के दो सप्ताह बाद 30 सितंबर को स्थानीय एसएचओ और आउटपोस्ट इंचार्ज को हटा दिया गया और उन्हें पुलिस लाइन भेज दिया गया। इसके साथ ही शुक्रवार को लापरवाही बरतने के आरोप में रेवेन्यू विभाग के छह अफसरों को भी निलंबित कर दिया गया। 

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