उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में दो नाबालिग दलित लड़कियों का शव खेत में मिला है। जबकि एक अन्य लड़की की हालत गंभीर बनी हुई है। मामला यूपी के उन्नाव जिले के असोहा थाना क्षेत्र के बबुरहा गांव का है। कल 17 फ़रवरी की देर शाम यहां एक खेत में दो दलित लड़कियों के शव मिले हैं। दोनों मृत लड़कियों के साथ एक और लड़की भी थी जो अभी जिंदा है, उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। घायल अवस्था में उस लड़की को तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया है। मिली जानकारी के अनुसार ये तीनों लड़कियां खेत पर चारा लेने गई थीं। घटना की जानकारी मिलते ही डीएम व अन्य अधिकारी जिला अस्पताल पहुंच चुके हैं। मामले के बाद गांव और जिला अस्पताल के आसपास भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है।
उन्नाव के पुलिस अधीक्षक सुरेशराव ने इस मामले में बयान जारी करते हुए कहा है कि असोहा थाना क्षेत्र में 3 लड़कियां अपने ही खेत में बेहोशी के हालात में मिली थीं। घटनास्थल पर काफी सारा झाग पड़ा था। डॉक्टर के द्वारा प्रथम दृष्ट्या प्वाइजन सिम्पटम्स बताए गए हैं। फिलहाल, घटनास्थल पर मौजूद लोगों के बयान दर्ज कर गहराई से जांच की जा रही है। आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।
जबकि लखनऊ रेंज के IG लक्ष्मी सिंह का कहना है कि “लड़कियों के भाई ने (हाथ बांधने का) ये बयान दिया है लेकिन हम अभी कुछ नहीं कह सकते क्योंकि पुलिस के स्पॉट पर पहुंचने से पहले ही लड़कियों को वहां से हटा दिया गया था।पुलिस इस बात की पुष्टि करने में लगी है कि लड़कियों के हाथ बांधे गए थे या नहीं।”
बता दें कि मृतक लड़कियों के भाई विशाल ने अपने बयान में कहा है कि 3 बजे तीनों एक साथ खेत गई थीं। शाम हो गयी पर वापस नहीं आईं तो हम उनको ढूंढने गए। तब हमने उन्हें खेत में देखा। उन्हें उनके दुपट्टे से बांध दिया गया था। वो बेहोश पड़ी थीं, उसमें से दो की मौत हो चुकी थी।
विशाल ने आगे बताया कि उनकी किसी से दुश्मनी नहीं है। फोन पर कोई बात नहीं हुई। पढ़ाई करती थीं लेकिन छुड़वा दिया, बस खेत देखती थीं। अभी किसी पर शक नहीं है। बच जाए तो मालूम चले कैसे क्या हुआ, यही बताएगी कैसे क्या हुआ?
उन्नाव केस को लेकर भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर ने ट्वीट करके कहा है कि उन्नाव मामले की एकमात्र गवाह बच्ची का बेहतर इलाज व उसकी सुरक्षा सबसे जरूरी है। बच्ची को तत्काल एयर एंबुलेंस से AIIMS दिल्ली लाया जाए। उत्तर प्रदेश सरकार का अपराधियों को संरक्षण व अपराधियों के मामले में सरकार की कार्यशैली को देश हाथरस कांड में देख चुका है।
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