नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष विमान को टक्कर देने वाले हवाई जहाज में उड़ेंगे। देश में जब नौकरी मांगते करोड़ों बेरोजगार युवा, खेती को बचाने के लिए लाखों किसान और अपने जंगल को बचाने के लिए हजारों-हजार आदिवासी सड़कों पर हैं, ऐसे में प्रधानमंत्री के विशेष विमान पर इस देश के खजाने से 8458 करोड़ रुपये खर्च होने जा रहे हैं। यह विमान एक-दो हफ्ते के अंदर देश में उतरने वाला है।
अमेरिकी राष्ट्रपति को छोड़कर अभी तक मोदी के दोस्त और इस्राइल के विवादास्पद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ही सबसे महंगे विमान में उड़ रहे हैं। लेकिन भारतीय प्रधानमंत्री के लिए अमेरिका में बनाया जा रहा विमान इस्राइली प्रधानमंत्री के विमान के मुकाबले चार गुना सुरक्षित किले वाला और चार गुना लग्जरी वाला है।
भारत सरकार ने एयर इंडिया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बड़े वाले दो बोइंग 777-300 विमानों को कस्टमाइज (यानी बदलाव करके फिर से बनाना) करके बनाने का निर्देश दिया है। इसे अमेरिका में तैयार किया जा रहा है और इसे स्पेशल एक्स्ट्रा सेक्शन फ्लाइट (एसईएसएफ) या वीवीआईपी नाम दिया गया है। इस विमान में कभी-कभी राष्ट्रपति भी उड़ सकेंगे। दो विमान की इस फ्लीट का एक विमान करीब 15 दिनों में आने वाला है लेकिन दूसरा विमान इस साल के अंत तक आ सकता है।
बिजनेस टुडे ने हाल ही में इस कस्टमाइज विमान की खूबियां प्रकाशित की थीं। इसके मुताबिक यह विमान अंदर से अभेद्य किले जैसा होगा। इसका अपना डिफेंस मिसाइल सिस्टम होगा, इसके अपने सेल्फ प्रोटेक्शन स्यूइट्स (एसपीएस) होंगे। दुश्मन के रडार सिस्टम की फ्रिक्वेंसी को ये एसपीएस सिस्टम जाम करने में सक्षम है। इसके अलावा इस पूरे एसपीएस में कम्युनिकेशन सिस्टम अत्य़ाधुनिक होगा। ऐसा कम्युनिकेशन सिस्टम जिसके बारे में अभी सुना तक नहीं गया है। इसके आडियो और वीडियो सिस्टम को कोई हैक नहीं कर सकेगा। ये सुविधाएं और तकनीक अभी तक सिर्फ अमेरिका के एयर फोर्स 1 विमान में हैं, जिसमें सिर्फ अमेरिकी राष्ट्रपति उड़ते हैं।
इसीलिए इसे अमेरिका के एयरफोर्स 1 की तरह अलग से एयर इंडिया 1 नाम दिया गया है। ऐसे एयरक्राफ्ट जो प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के लिए होते हैं, उसमें 1 लगाने का चलन अमेरिका ने शुरू किया था। हालांकि ये विमान एयर इंडिया की देख-रेख में कस्टमाइज किए जा रहे हैं लेकिन भारत में आने के बाद इनका कमांड और कंट्रोल एयरफोर्स के पास होगा। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इस विमान में बिना ईंधन भराए इसे 17 घंटे तक लगातार उड़ाया जा सकेगा। भारतीय प्रधानमंत्री के पास अभी जो विशेष विमान है उसे बिना ईंधन भराए दस घंटे से ज्यादा नहीं उड़ाया जा सकता।
भारत के प्रधानमंत्री की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए लेकिन आपकी प्राथमिकताएं क्या हों, इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है। देश के खजाने से 8458 करोड़ रुपये ऐसे समय खर्च किए जा रहे हैं, जब देश कोविड19 की महामारी से जूझ रहा है। इतने बजट में कई अच्छे अस्पताल कोरोना मरीजों के लिए खोले जा सकते थे। हाल ही में देश के करोड़ों बेरोजगार युवकों ने प्रदर्शन कर भाजपा सरकार की नीतियों को कटघरे में खड़ा कर दिया। केंद्र सरकार तीन कृषि कानून लेकर आई लेकिन देश के दो बड़े कृषि प्रधान राज्यों पंजाब और हरियाणा के किसानों ने इन कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया।
हरियाणा में तो भाजपा की सरकार है। खुद भाजपा और उसके सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के कई विधायकों ने पार्टी से बगावत कर दी। हरियाणा के रादौर में पूर्व भाजपा विधायक ने किसानों के मुद्दे पर पार्टी छोड़ दी और अभय चौटाला की पार्टी इनेलो में शामिल हो गए। पंजाब में भाजपा के सबसे बड़े सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने एनडीए से अलग होकर गठबंधन ही तोड़ दिया। जाहिर है कि स्थितियां भाजपा के खिलाफ होती जा रही हैं और ऐसे में सरकारी खजाने से पैसा सिर्फ ऐशोआराम और सुरक्षा के नाम पर लुटाया जाएगा तो सवाल उठेंगे ही।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं।)