पीएम मोदी के जन्मदिन पर वाराणसी में महिलाओं ने की महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने की मांग

वाराणसी। पीएम नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में महिलाओं के बीच काम कर रही सामाजिक कार्यकर्ताओं ने संसद के विशेष सत्र में लंबे समय से प्रतीक्षारत महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने की मांग की है। महिला आरक्षण विधेयक को समय की मांग बताते हुए महिलाओं ने कहा है कि इसे पारित करा कर पीएम मोदी वाराणसी की महिलाओं समेत समूचे देश की महिलाओं को उनका हक अधिकार प्रदान करें और लम्बे समय से प्रतीक्षारत यह विधेयक साकार रूप ले सके।

सामाजिक कार्यकर्ता शिरीन शबाना खान कहती हैं, “जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तमाम विधेयकों को पारित कराते हुए आए हैं, उसी तरह इस बहुप्रतीक्षित महिला आरक्षण विधेयक को भी पारित करने में उन्हें तनिक भी देर नहीं करनी चाहिए।”

मानवाधिकार जन निगरानी समिति और सावित्री बाई फुले महिला पंचायत की कार्यक्रम निदेशक शिरीन शबाना खान ने महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने के लिए एक याचिका अभियान की शुरुआत की है। अभियान Change.org पर होस्ट किया गया है, जो व्यापक समर्थन और सहभागिता के लिए एक मंच प्रदान करता है। इस अभियान को अब तक तकरीबन 4,500 लोगों का समर्थन है।

शिरीन शबाना खान “जनचौक” को बताती हैं कि “इस अभियान का समर्थन महिलाओं के साथ ही साथ कई पुरुषों ने भी किया है। जो यह दर्शाता है कि महिलाओं के साथ ही पुरूष भी इसको पारित कराने के पक्षधर हैं।”

तीन दशकों से अधिक समय से समाज सेवा में समर्पित और कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से अलंकृत डॉ लेनिन रघुवंशी महिला आरक्षण बिल के समर्थन में कहते हैं कि “महिलाओं की भागीदारी के बिना हम संघर्ष को मुकाम तक नहीं पहुंचा सकते।” लेनिन रघुवंशी ने राज्य विधानसभाओं और संसद में महिलाओं के लिए कम से कम 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग की है। उन्होंने इसको पारित कराने के लिए चिट्ठी भी लिखी है।

विधेयक को मिलने लगा समर्थन

शिरीन शबाना खान ने राजनीतिक दलों, प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल के सदस्यों और सांसदों को पत्र लिखकर महिला आरक्षण विधेयक के लिए समर्थन मांगा है। इस पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ. महेंद्र भाई कालूभाई मुंजपारा ने केंद्रीय कानून मंत्री को पत्र लिखा है। उनके पत्र पर सरकार के कानून और न्याय मंत्रालय के विधायी विभाग से औपचारिक प्रतिक्रिया मिली है, जिसमें संविधान में संशोधन से पहले राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, और इससे सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई है।

जबकि पहले ही प्रधानमंत्री को लिखे पत्र को लोक शिकायत पर दर्ज होने के बाद कानून और न्याय मंत्रालय के विधायी विभाग से जवाब आया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की प्रवक्ता और राज्य अध्यक्ष विद्या चव्हाण ने भी ट्विटर पर इस पेटीशन का समर्थन किया है।

समर्थन जुटाने की मुहिम

मानवाधिकार जन निगरानी समिति और सावित्री बाई फुले महिला मंच के प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस की घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष सलमान खुर्शीद से भी मिलकर चर्चा की और आगामी चुनावों में महिला आरक्षण के लिए जोरदार समर्थन जुटाने का निर्णय लिया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आगामी उत्तर प्रदेश चुनाव में महिलाओं के लिए 40 प्रतिशत टिकट आवंटित करके इस पहल का समर्थन दिया है।

राजनीतिक कार्यकर्ता अभिमन्यु प्रताप का मानना है कि “इस पहल के समर्थन से महिलाओं की भागीदारी और सशक्तिकरण में एक महत्वपूर्ण योगदान होगा, इससे भारतीय लोकतंत्र को और भी मजबूत, न्यायसंगत और समावेशी बनाने में मदद मिलेगी।”

सावित्री बाई फुले महिला पंचायत वाराणसी की संयोजिका श्रुति नागवंशी कहती हैं, “देश के प्रधानमंत्री और वाराणसी के सांसद से हम महिला मतदाता होने के नाते मांग करती हैं कि वह (पीएम) संसद के इस विशेष सत्र में लंबे समय से प्रतीक्षित महिला आरक्षण विधेयक को पारित करें।”

समर्थन में जुटीं महिलाएं

वाराणसी के पांडेयपुर में मानवाधिकार जन निगरानी समिति एवं सावित्री बाई फुले महिला पंचायत द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जुटीं महिलाओं ने महिला आरक्षण विधेयक के पक्ष में आवाज बुलंद करते हुए व्यापक जनसमर्थन जुटाने का आह्वान किया। सम्मेलन में सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी इस विधेयक के लिए समर्थन हासिल करने की रणनीति बनाई गई।

सम्मेलन में वाराणसी के विभिन्न हिस्सों से चलकर आई महिलाओं के साथ जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर, सोनभद्र, मिर्ज़ापुर, प्रयागराज इत्यादि जनपदों से भी महिलाओं ने भागीदारी की। महिलाओं ने एक स्वर में देश के प्रधानमंत्री से महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने की मांग की।

महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने की मांग पर मिर्ज़ापुर की कंचन बिंद और मड़िहान की गुंजा कहती हैं, “इस विधेयक को पारित करने में किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि लंबे समय से इसकी मांग हो रही है। अब समय आ गया है कि इसे पारित कर दिया जाना चाहिए।”

सावित्री बाई फुले महिला पंचायत द्वारा वाराणसी के अलग-अलग हिस्सों में आयोजित किए गए जनसंवाद कार्यक्रमों में महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने की मांग की गई। साथ ही महिलाओं को इस विधेयक के बारे में जागरूक करते हुए उनसे इसके समर्थन में आगे आकर खड़े होने का आह्वान किया गया, ताकि इसे ज्यादा से ज्यादा जनसमर्थन हासिल हो सके।

(वाराणसी से संतोष देव गिरी की रिपोर्ट)

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