NDA के 36 दलों में से तीन दल- ईडी, आयकर विभाग और सीबीआई सबसे मजबूत-उद्धव ठाकरे

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नई दिल्ली। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां जोर-शोर से लगी हुई हैं। देश में राष्ट्रीय पार्टियों और क्षेत्रीय पार्टियों का गठबंधन इस वक्त ऐसे मोड़ पर है जिसे हम मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र की संज्ञा दे सकते हैं, क्योंकि एक तरफ केंद्रीय पार्टी एनडीए है जिसके पास 36 दलों का समर्थन है और दूसरी तरफ ‘इंडिया’ है जिसके साथ 26 दल हैं। ठीक वैसे ही जैसे कभी विश्व युद्ध के दौरान दुनिया के अलग-अलग देश मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र में बंटकर युद्ध लड़ा था। सामना में प्रकाशित अपने इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने भाजपा को घेरते हुए कई सवाल उठाए और केंद्रीय एंजेसियों का गलत इस्तेमाल पर तीखी टिप्पणी की।  

भाजपा की चुटकी लेते हुए, शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर विभाग राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में “तीन मजबूत पार्टियां” हैं।

ठाकरे ने यह टिप्पणी शिवसेना (यूबीटी) पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक और राज्यसभा सांसद संजय राउत के साथ एक इंटरव्यू में की। इंटरव्यू का पहला भाग बुधवार को सामना में प्रकाशित हुआ और इसे पार्टी के सोशल मीडिया चैनलों पर भी प्रसारित किया गया।

ठाकरे कहते हैं कि “कई वर्षों के बाद मुझे पता चला कि एनडीए नामक अमीबा अभी भी इस देश में जीवित है। देशभक्त नेताओं के गठबंधन, जिसे इंडिया कहा जाता है, का मुकाबला करने के लिए हमारे प्रधानमंत्री को अचानक से 36 दलों (भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा) की बैठक बुलानी पड़ती है। दरअसल, उन्हें इन 36 पार्टियों की जरुरत भी नहीं है और वर्तमान समय में, एनडीए में तीन दल सबसे मजबूत हैं, जो ईडी, आयकर और सीबीआई हैं।”

उन्होंने कहा, “शिवसेना और अकाली दल जैसे पुराने सहयोगी ने पहले ही एनडीए का साथ छोड़ दिया है और एनडीए की बैठक में तो कुछ दल ऐसे हैं उनके पास एक भी सांसद नहीं है।”

एनडीए में शामिल 36 दलों के नेताओं ने 18 जुलाई को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई बैठक में हिस्सा लिया था। उसी दिन इंडिया की बैठक में कांग्रेस, शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना (यूबीटी) सहित अन्य 26 विपक्षी दल शामिल हुए थे और बेंगलुरु में मुलाकात की थी। इस गठबंधन को भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) नाम दिया गया।

ठाकरे ने मणिपुर में जारी जातीय हिंसा को लेकर भी केंद्र की आलोचना की और पूछा कि पीएम मोदी इस मुद्दे को सुलझाने के लिए मणिपुर का दौरा करने को क्यों तैयार नहीं हैं।

ठाकरे ने कहा “मैं बार-बार मणिपुर का जिक्र कर रहा हूं क्योंकि मणिपुर हमारे देश का एक अहम हिस्सा है। मुझे डर है कि जिस तरह से मणिपुर में हिंसा जारी है और देश के मुखिया का नजर उन पर नहीं पड़ रहा है, ऐसे में एक संदेश जो मणिपुर से आ रहा है कि राज्य देश से अलग होने की कगार पर है। मणिपुर में डबल इंजन (भाजपा) सरकार पूरी तरह से विफल रही है”।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा “आज के समय में दो राज्य (मणिपुर और कश्मीर) जल रहे हैं। एक ही समय में दो राज्यों में भारी अस्थिरता है, कश्मीर में पिछले छह साल से कोई चुनाव नहीं हुआ है। ऐसा लगता है कि सरकार चुनाव कराना ही नहीं चाहती, इसीलिए मैं कह रहा हूं कि 2024 देश के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष होने वाला है। अगर भाजपा सरकार 2024 में फिर से आती है, तो मुझे नहीं लगता कि इस देश में लोकतंत्र बचेगा और फिर कभी चुनाव होंगे।”

ठाकरे ने कहा कि इस देश में लोकतंत्र खतरे में है और जनता को खुद आगे आकर राज्य और देश में लोकतंत्र को बचाना होगा।

समान नागरिक संहिता पर, ठाकरे ने भाजपा को पहले ऐसा कानून लाने की चुनौती दी, जो पूरे देश में गौहत्या पर प्रतिबंध लगाएगा और कहा कि यदि कानून सभी के लिए समान है, तो केंद्रीय एजेंसियों को भ्रष्ट भाजपा नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए, न कि केवल विपक्षी दल के नेताओं के खिलाफ।

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