चीन ने तो लद्दाख में पूरा चारागाह पर कब्जा कर लिया है: राहुल गांधी

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नई दिल्ली। पत्रकारिता में एक बात कही जाती है “अगर कोई कहता है कि बारिश हो रही है और दूसरा व्यक्ति कहता है कि सूखा है, तो उन दोनों को हवाला देना आपका काम नहीं है। आपका काम खिड़की से बाहर देखना और पता लगाना है कि सच क्या है?” ठीक ऐसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दावा करते रहे हैं कि भारत में किसी तरह की चीनी घुसपैठ नहीं हुई लेकिन कल राहुल गांधी ने लद्दाख से ये बात साफ कर दिया है कि प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं। चीनी घुसपैठ भी हुई है और लद्दाख के लोगों की जमीन पर उन्होंने कब्जा भी किया है, और ये बात यहां के लोग भी आपको बता देंगे।

राहुल गांधी अभी लद्दाख दौरे पर हैं, कल पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि “भारत जोड़ो यात्रा में लद्दाख भी आना था लेकिन कुछ तार्किक कारणों की वजह से ऐसा नहीं हो पाया तो मैंने सोचा कि क्यों ना लद्दाख का विस्तृत दौरा किया जाए। इसलिए मैं लेह गया।”

लद्दाख दौरे के दौरान राहुल पैंगोंग गए, फिर नुब्रा जाएंगे और फिर कारगिल भी जाएंगे और जो जनता के दिल में है वो सुनेंगे।

पत्रकार की ओर से किए गए सवाल 17 अगस्त से जो आपका दौरा शुरू हुआ और आप युवाओं से मिलते रहे हैं तो युवाओं का क्या रिस्पांस है? का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि “लद्दाख में लोगों की काफी शिकायतें हैं। जो इनको स्टेटस दिया गया है उससे ये खुश नहीं हैं। इनको प्रतिनिधित्व चाहिए, और बेरोजगारी की समस्या है। सब लोग यही कह रहे हैं कि बेरोजगारी बहुत है और महंगाई बढ़ रही है।“

लद्दाख में काफी समय से चुनाव ना होने के सवाल पर राहुल कहते हैं कि यहां प्रतिनिधित्व की ज़रूरत है। राज्य को नौकरशाही के माध्यम से नहीं चलाना चाहिए। जनता की आवाज से राज्य चलना चाहिए।

राहुल गांधी के इस खुलासे के बाद भारतीय राजनीति को एक नया मुद्दा मिल गया है। हालांकि चीनी घुसपैठ की बातें देश में काफी समय पहले से गूंज रही थीं लेकिन राहुल गांधी ने ये भी साफ तौर पर बताया है कि लद्दाख की जिस जमीन पर चीनी घुसपैठ हुई है वो चारागाह जमीन पर की गयी है और ये बात वहां की जनता कह रही है। मतलब कल तक जिस जमीन पर लद्दाख के लोग अपने मवेशी को चराने जाते थे, वो जमीन अब चीन की हो गयी है। कुछ समय पहले तक चीनी घुसपैठ की खबरें उत्तराखंड से आ रही थीं और तब भी सरकार ने कहा था कि किसी तरह की घुसपैठ नहीं हुई है।

उधर, एएनआई से बात करते हुए शिवसेना(यूबीटी) सदस्य संजय राउत ने कहा कि “चीन ने भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है और इसके सबूत भी हैं। अगर रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री इसे स्वीकार नहीं करते हैं, तो मुझे लगता है कि यह भारत माता के साथ नाइंसाफी है। राहुल गांधी इस देश के प्रमुख नेता और सांसद हैं। अगर वो कोई बात सामने रखते हैं या कुछ कहते हैं तो सोच-समझकर कहते हैं। अगर राहुल ने ये बात कही है कि चीन ने हमारी जमीन कब्जे में ले ली है। उसके ऊपर प्रधानमंत्री हो या रक्षा मंत्री उनको जनता को गुमराह करने की जरूरत नहीं… सच बताइए बस यही राहुल जी चाहते हैं।”

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी कहा कि ‘चीन के साथ 19वें दौर की वार्ता विफल रही है, पिछले 3 साल से हर बार वार्ता से भारत को कोई फायदा नहीं हुआ।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘भारत माता’ की रक्षा के लिए बयानबाजी से कब आगे बढ़ेगी केंद्र सरकार? और सीमा पर पहले जैसी स्थिति कब बहाल होगी?

सुरजेवाला ने कहा कि अगर ”किसी ने भी भारतीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया”, तो चीनियों के साथ बातचीत क्यों की जा रही है और क्या सेना प्रमुख का यह कहना गलत है कि चीनियों ने अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है?

राहुल गांधी के इस बयान पर हर किसी का अपना रुख है। सुरक्षा विशेषज्ञ और सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी ने रविवार को कहा कि राहुल गांधी का दावा जिसमें ये कहा गया है कि भारत की जमीन पर चीन की सेना ने कब्जा किया है…वो गलत है। जब बातचीत चल रही है तो आप इस तरह का बयान नहीं दे सकते हैं।

संजय कुलकर्णी के अनुसार, भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता मुख्य रूप से इसलिए चल रही है क्योंकि दो टकराव के बिंदु हैं – डेमचोक और देपसांग, इन जगहों पर गश्त को प्रतिबंधित किया जा रहा है।

(राहुल कुमार की रिपोर्ट।)

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