मुस्लिम बच्चे की पिटाई वीडियो मामले में शिक्षिका के खिलाफ एफआईआर दर्ज, नेताओं ने बीजेपी की नफरती राजनीति को ठहराया जिम्मेदार

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नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर मुजफ्फरनगर के स्कूल में मुस्लिम छात्र के साथ टीचर के शर्मनाक सांप्रदायिक व्यवहार वाले वायरल वीडियो पर देश के तमाम हिस्सों से प्रतिक्रिया आने के बाद यूपी पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। हालांकि यह जमानती है। इसके साथ ही शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल को नोटिस जारी की गयी है। 

शिक्षिका तृप्ति त्यागी के खिलाफ एक दिन बाद एफआईआर दर्ज की गयी है।वीडियो में त्यागी ने छात्रों को मुस्लिम समुदाय से आने वाले 8 वर्षीय छात्र को उसके ही सहपाठियों से थप्पड़ मारने के लिए उकसाते दिखाया गया है। वीडियो में शिक्षिका तृप्ति त्यागी ने मुसलमानों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी भी की, जिसके बाद व्यापक आक्रोश फैल गया और शिक्षिका के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की गई।

वीडियो मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के खुब्बापुर गांव में नेहा पब्लिक स्कूल का है, जिसमें 8 वर्षीय किशोर पीड़ित को कक्षा के सामने खड़ा दिखाया गया है जिसे बारी-बारी से उसके ही सहपाठी मार रहे हैं। इसमें शिक्षिका सामने बैठे कक्षा के छात्रों को थप्पड़ मारने के लिए उकसा रही है। 

वीडियो वायरल होने के बाद बच्चों के लिए काम करने वाली राष्ट्रीय संस्था एनसीपीसीआर ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी। जिसमें उसने अध्यापिका के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

द टेलीग्राफ के मुताबिक बच्चे के परिवार की ओर से शिकायत के बाद आईपीसी की धारा 323 और 504 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस तरह की धाराएं जमानती होती हैं और उसमें तत्काल किसी गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं होता है।

हालांकि अपनी रक्षा में त्यागी ने कहा है कि वीडियो असली नहीं है और उससे छेड़छाड़ की गयी है। और तनाव फैलाने के मकसद से किया गया है। उनका कहना है कि वीडियो को लड़के के चाचा ने शूट किया था।

मुज़फ़्फ़रनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी, शुभम शुक्ला ने मीडिया को बताया कि उन्होंने स्कूल के प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

उन्होंने कहा, “स्कूल कक्षा 1 से 5 तक के लिए नेहा पब्लिक स्कूल के नाम से पंजीकृत है। हम जांच करेंगे कि स्कूल किन मानकों का पालन कर रहा है और अगर कोई अनियमितता पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी। वीडियो में साफ दिख रहा है कि टीचर बच्चों को एक बच्चे को पीटने के लिए उकसा रही है… स्कूल को 2019 में मान्यता मिली थी, हम जांच करेंगे कि क्या इसका नवीनीकरण किया गया था और क्या स्कूल सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार चलाया जा रहा है।’

बीएसए ने कहा कि स्कूल के पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।

खतौली सर्किल अधिकारी डॉ रविशंकर ने कहा कि “स्कूल एक बड़े हॉल में चलाया जा रहा था और आरोपी शिक्षिका मालिक भी है। तृप्ता त्यागी स्कूल की प्रमुख हैं”।

पीड़ित के पिता ने मीडिया को बताया कि वह अपने बच्चे को स्कूल नहीं भेजेंगे और न ही कोई मामला दर्ज कराएंगे। उन्होंने कहा, “मैं अपने बच्चे को दोबारा उस स्कूल में नहीं भेजूंगा और जो फीस मैंने जमा की है वे मुझे वापस कर देंगे”।

वीडियो के इंटरनेट पर वायरल होने के बाद राजनेताओं, कार्यकर्ताओं और मशहूर हस्तियों ने इसकी तीखी आलोचना की। वीडियो पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी टीचर की गिरफ्तारी की मांग की।

उन्होंने लिखा कि “मासूम बच्चों के मन में भेदभाव का ज़हर बोना, स्कूल जैसे पवित्र स्थान को नफरत के बाज़ार में बदलना – एक शिक्षक देश के लिए इससे बुरा कुछ नहीं कर सकता। यह भाजपा द्वारा फैलाया गया वही केरोसिन है जिसने भारत के कोने-कोने में आग लगा दी है। बच्चे भारत का भविष्य हैं – हम सभी को उन्हें प्यार सिखाना है, नफरत नहीं।”

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने शिक्षिका को तत्काल बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा कि यह पूरे शिक्षक समुदाय पर धब्बा है।बीजेपी के प्रवक्ता हरिश्चंद्र यादव ने सपा मुखिया की प्रतिक्रिया को राजनीतिक एजेंडा करार दिया।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विभाजनकारी सोच के लिए बीजेपी की जमकर आलोचना की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं भारत की वैश्विक छवि को खराब करती हैं। 

इस मामले में अपनी आपत्ति दर्ज करते हुए RLD प्रमुख जयंत सिंह ने भी ट्वीट कर कहा कि “मुज़फ़्फ़रनगर स्कूल का वीडियो एक दर्दनाक चेतावनी है कि कैसे गहरी जड़ें जमा चुके धार्मिक भेदभाव, हाशिये पर पड़े अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा दे सकते हैं। मुज़फ़्फ़रनगर के हमारे विधायक यह सुनिश्चित करें कि यूपी पुलिस स्वत: मामला दर्ज करे और बच्चे की शिक्षा बाधित न हो!” इसके बाद राष्ट्रीय लोक दल का एक डेलीगेशन भी मामले का संज्ञान लेने के लिए मुज़फ्फरनगर पहुंचा। 

मामले को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंका कानूनगो ने कहा कि संस्था ने कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए हैं।

उन्होंने कहा “हमें जानकारी मिली कि उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में एक ऐसी घटना सामने आई है जहाँ एक शिक्षक बच्चों को एक बच्चे को पीटने के लिए कह रही है। संज्ञान लेते हुए कार्रवाई के लिए निर्देश जारी किए जा रहे हैं।” उन्होंने लोगों से बच्चे का वीडियो साझा न करने का भी अनुरोध किया है ताकि पीड़ित बच्चे की पहचान उजागर ना हो। 

वहीं मुजफ्फरनगर के पुलिस अधीक्षक सत्यनारायण प्रजापति ने एक बयान में कहा, “आज, मंसूरपुर पुलिस स्टेशन को एक वीडियो मिला जिसमें एक महिला शिक्षक एक कक्षा के छात्रों को एक बच्चे को पीटने का आदेश दे रही थी। कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां भी थीं। जब हमने जांच की तो पाया कि महिला वीडियो में ‘घोषणा’ कर रही थी कि जब मोहम्मडन छात्र उनकी पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते हैं तो वे खराब हो जाते हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी को सूचित कर दिया गया है और शिक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।”

तृप्ता त्यागी को कैमरे के बाहर एक आदमी से यह कहते हुए सुना जाता है: “मैंने तो घोषणा कर दिया, जितने भी मुसलमान बच्चे हैं, इनके वहां चले जाओ…” यह अभी तक पता नहीं चला है कि वीडियो कैसे शूट किया गया। 

फिर, जैसे ही एक बच्चा मुस्लिम लड़के को मारने के बाद बैठता है, त्यागी उससे कहती हैं: “क्या तुम मार रहे हो? ज़ोर से मारो ना (तुम उसे इतने हल्के से क्यों मार रहे हो? उसे ज़ोर से मारो)।”

जैसे ही लड़का रोता है, त्यागी कहती हैं: “अबकी बार कमर पे मारो… चलो… मुँह पे ना मारो अब मुँह लाल हो रहा है… कमर पे मारो सारे (उसकी कमर पर मारना शुरू करो… उसका चेहरा लाल हो रहा है, इसकी बजाय कमर पर मारो)।”

(रितिक की रिपोर्ट।)

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