G-20 की आड़ में LG-420: जम्मू-कश्मीर के LG मनोज सिन्हा पर लगा 13,000 करोड़ के गबन का आरोप

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नई दिल्ली। कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत पर बड़े आरोप लगाए हैं। सोमवार 11 सितंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि G-20 की आड़ में LG-420 को छुपाया जा रहा है। उन्होंने जल जीवन मिशन परियोजना में हुई कई अनियमितताओं का हवाला देते हुए LG मनोज सिन्हा पर 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है।

पवन खेड़ा ने कहा कि IAS अशोक परमार ने व्हिसलब्लोअर का काम किया। लेकिन इसकी उनको सजा भुगतनी पड़ी। उन्होंने लगातार चिट्ठी लिख कर प्रशासन का ध्यान इस ओर आकर्षित करने की कोशिश की और 13,000 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश किया। सरकार बजाय मामले की जांच कर दोषियों को सजा दिलाने के उल्टे अशोक परमार के पीछे पड़ जाती है। और एक साल में चार-पांच बार उनका ट्रांसफर किया जाता है। भरी सभा में स्वयं LG उनको अपमानित करते हैं। IAS अशोक परमार ने जिन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं उनकी पदोन्नति कर दी गई।

कांग्रेस ने ये भी आरोप लगाया कि तकनीकी मंजूरी और प्रशासनिक अनुमोदन के बगैर टेंडर निकाले गए।अनियमितताएं बाहर न आने पाएं उसके लिए योजनाओं को बांट दिया गया। कंपोजिट टेंडर की प्रथा को त्याग दिया गया। IAS, अशोक परमार ने इस संबंध में 17 अगस्त को एक व्यापक शिकायत की थी। शिकायत में उन्होंने कहा था कि “एलजी मनोज सिन्हा ने 6 जून, 2022 को उन्हें बिना किसी गलती के परेशान करने और अपमानित करने के उद्देश्य से बैठक तक से बाहर निकाल दिया।”

भारत सरकार की स्थानान्तरण नीति का उल्लंघन करते हुए उनका लगातार स्थानांतरण किया जाता है। अशोक परमार ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को पत्र लिख कर उत्पीड़न की शिकायत की लेकिन आयोग ने कोई संज्ञान नहीं लिया।

कांग्रेस ने इस घोटाले के बारे में सरकार से तीन सवाल किए…

1- इस घोटाले का किंग पिंग कौन है?

2- गृह मंत्रालय में शिकायतों के बावजूद, सीबीआई जांच की मांग के बावजूद सरकार ने जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में जो घोर अनियमितताएं हुई हैं उसकी जांच के आदेश क्यों नहीं दिए?

3- IAS अधिकारी की शिकायत पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने मनोज सिन्हा को क्यों नहीं तलब किया?

उन्होंने ये भी कहा कि मोदी सरकार ने IAS अधिकारी अशोक परमार पर आरोप लगाए कि वो कॉन्ट्रैक्ट समिति का प्रमुख बनना चाहते थे, जबकि इस आरोप का कोई सबूत सरकार के पास नहीं है।

(कुमुद प्रसाद की रिपोर्ट।)

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