नई दिल्ली। चार राज्यों में विधानसभा चुनाव की मतगणना की शुरुआत में ही साफ हो गया कि किस राज्य में किसकी सरकार बनेगी। तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस तो मध्य प्रदेश और राजस्थान में भाजपा निर्णायक बढ़त बनाए हुए है। रुझानों से यह साफ है कि चारों राज्यों में पार्टियां पूर्ण बहुमत की ओर हैं।
मध्य प्रदेश का रुझान सबसे चौंकाने वाला है। कांग्रेस के लिए यह किसी हादसे से कम नहीं है। जिस राज्य में कांग्रेस सरकार बनाने की उम्मीद कर रही थी वहां उसे जोरदार झटका लगा है। मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिला था। कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी थी। लेकिन साल भर में ही भाजपा ने कमलनाथ की सरकार को गिरा दिया। तब कांग्रेस नेता रहे ग्वालियर राजघराने के ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस का लोटस ऑपरेशन करके शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बन गयी। कमलनाथ इतने अक्षम साबित हुए कि मुख्यमंत्री रहते हुए वह अपनी सरकार बचा नहीं पाए। अब चार साल बाद कांग्रेस हाईकमान ने उन्हीं कमलनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ा। सवाल यह है कि जो नेता पांच साल पहले बनी बनाई सरकार बचा नहीं पाया वह चुनाव कैसे जिता सकता है?
राजस्थान में भी कांग्रेस के साथ यही हुआ। पांच साल तक अशोक गहलोत के नेतृत्व मे सरकार चलती रही। लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट अंत तक बगावत के मूड में रहे। चुनाव नजदीक आने पर राजस्थान में सत्ता परिवर्तन की कवायद के बीच अशोक गहलोत के नेतृत्व में जिस तरह का ड्रामा हुआ, और गहलोत समर्थक मंत्रियों और विधायकों ने हाईकमान और सचिन पायलट को नीचा दिखाने के लिए जो तेवर दिखाए वह कांग्रेस के इतिहास में कभी नहीं हुआ था। राजस्थान भाजपा में फूट गुटबाजी और तमाम अंतर्विरोधों के बावजूद पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया। 7 सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा गया और परिणाम सामने है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और भाजपा के बीच में कड़ी टक्कर है। रुझानों से साफ है कि कांग्रेस और भाजपा के बीच एक-एक सीट पर जोरदार लड़ाई है। राज्य में कांग्रेस ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में चुनाव लड़ा वहीं वरिष्ठ नेता टीएस सिंह देव पांच सालों तक असंतुष्ट की भूमिका में रहे। लेकिन वह पार्टी की सीमा के अंदर ही अपना असंतोष व्यक्त करते रहे। इस तरह से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अपनी सरकार बचा ले गयी तो यह बघेल की बड़ी जीत होगी। फिलहाल अभी कांग्रेस-भाजपा में से कोई भी जीत सकता है। कम से कम रुझान तो यही बता रहे हैं।
तेलंगाना में बीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव की दस वर्षों से सरकार है। सत्ता विरोधी लहर का बीरआरएस को नुकसान हुआ। कांग्रेस रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जीत की तरफ अग्रसर है।
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