झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की बहू और विधायक सीता सोरेन ने थामा भाजपा का दामन 

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रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो शिबू सोरेन की बड़ी बहू और जामा विधानसभा से विधायक सीता सोरेन ने 19 मार्च यानी आज झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता सहित पार्टी महासचिव पद से इस्तीफा देकर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर झारखंड के राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैला दी। 

उन्होंने शिबू सोरेन को लिखे पत्र में कहा है कि मैं सीता सोरेन, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की केन्द्रीय महासचिव एवं सक्रिय सदस्य वर्त्तमान विधायक हूं, आपके समक्ष अत्यन्त दुःखी हृदय के साथ अपना इस्तीफा प्रस्तुत कर रहीं हूं:

“मेरे स्वर्गीय पति, श्री दुर्गा सोरेन, जो कि झारखण्ड आंदोलन के अग्रणी योद्धा और महान क्रांतिकारी थे, के निधन के बाद से ही मैं और मेरा परिवार लगातार उपेक्षा का शिकार रहे हैं। पार्टी और परिवार के सदस्यों द्वारा हमे अलग-थलग किया गया है, जो कि मेरे लिए अत्यन्त पीड़ादायक रहा है। मैंने उम्मीद की थी कि समय के साथ स्थितियां सुधरेगी, परन्तु दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ। झारखण्ड मुक्ति मोर्चा जिसे मेरे स्वर्गीय पति ने अपने त्याग समर्पण और नेतृत्व क्षमता के बल पर एक महान पार्टी बनाया था आज वह पार्टी नहीं रही। मुझे यह देख कर गहरा दुःख होता है कि पार्टी अब उन लोगों के हाथों में चली गयी है जिनके दृष्टिकोण और उद्देश्य हमारे मूल्यों और आदर्शों से मेल नहीं खाते।”

“श्री शिबू सोरेन (गुरुजी बाबा के) अथक प्रयासों के बावजूद जिन्होंने हम सभी को एकजुट रखने के लिए कठिन परिश्रम किया, अफसोस कि उनके प्रयास भी विफल रहे। मुझे हाल ही में यह ज्ञात हुआ है कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ भी एक गहरी साजिश रची जा रही है। मै अत्यन्त दुःखी हूं। मैंने यह दृढ़ निश्चय किया है कि मुझे झारखण्ड मुक्ति मोर्चा और इस परिवार को छोड़ना होगा।”

“अतः मैं अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहीं हूं और आप से निवेदन करती हूं कि मेरे इस्तीफे को स्वीकार किया जाय। मैं आपका और पार्टी की हमेशा अभारी रहूंगी और मेरी शुभकामनाएं सदैव आपके साथ रहेगी।”

इस्तीफे के बाद सीता सोरेन दोपहर में दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। सीता सोरेन को आज दोपहर में दिल्ली में बीजेपी के प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान उनके साथ संजय मयूख समेत अन्य नेता शामिल थे। बताया जाता है कि वह लंबे समय से झामुमो से नाराज चल रहीं थीं। पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद उन्हें उम्मीद थी कि चंपाई सोरेन की नई सरकार के मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिसका उन्होंने मुखर होकर विरोध भी जताया था।

बताते चलें कि सीता सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन के दिवंगत पुत्र दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं। 2009 में दुर्गा सोरेन की मौत हो गई थी। सीता इसी साल राज्य के जामा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुनी गईं। पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव के रूप में भी नियुक्त किया। इसके बाद 2014 में उन्होंने दोबारा चुनाव लड़ा और उसी सीट से दोबारा विधायक बनीं। साल 2019 में भी वे जामा विधानसभा सीट से तीसरी बार विधायक चुनी गयी।

ओडिशा के मयूरभंज निवासी नारायन मांझी और मालती मुर्मू के घर पैदा हुई सीता सोरेन 12 वीं तक पढ़ाई की है। उनकी दो बेटियां हैं, जिसका नाम राजश्री सोरेन और जयश्री सोरेन है। फिलहाल उनके पास कुल मिलाकर 1,45,11,983 रुपये की संपत्ति है। 

बताया जाता है कि सीता सोरेन को हेमंत सोरेन की सरकार में उम्मीद थी कि हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में उन्हें जगह मिलेगी। ऐसा नहीं होने पर उनकी नाराजगी सामने आई थी। बाद में वह मान गईं। उनकी बेटियों ने अपने पिता के नाम पर दुर्गा सोरेन सेना का भी गठन किया था। जब हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की नौबत आई तो उनकी पत्नी कल्पना सोरेन का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए आगे आया था, तब इसका सीता सोरेन ने कड़ा विरोध किया था। हालांकि, बाद में उनके तेवर नरम पड़ गए थे।

उसके बाद उन्होंने मीडिया पर बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया था। चंपई सोरेन की सरकार में भी सीता सोरेन को उम्मीद थी कि उन्हें मंत्री पद मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। जबकि हेमंत सोरेन के छोटे भाई और दुमका के विधायक बसंत सोरेन को महत्वपूर्ण विभाग मिले। इधर जब हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन की झामुमो में सक्रियता बढ़ी तो सीता सोरेन को यह नागवार लग रहा था। तब से ही राजनीतिक गलियारे में सीता सोरेन को लेकर कई तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म था।

इधर भाजपा ज्वाइन करने के बाद सीता सोरेन ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की और कहा कि मेरे ससुर शिबू सोरेन और मेरे स्वर्गीय पति ने झारखंड को अलग राज्य बनाने के लिए संघर्ष किया था। मेरे पति का सपना था कि झारखंड का विकास हो, लेकिन आज उनका सपना चकनाचूर हो रहा है। अब मैं मोदी जी के परिवार में आ गई हूं। मोदी जी के नेतृत्व में अपने पति का सपना पूरा करूंगी। झारखंड को झुकाएंगे नहीं, झारखंड को बचाएंगे। सीता सोरेन ने दावा किया है कि झारखंड की सभी 14 लोकसभा सीटें बीजेपी जीतेगी।

(झारखंड से विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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