उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप के बाद बर्बरता की शिकार दलित लड़की की आज मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। बलात्कारियों ने पीड़िता की रीढ़ की हड्डी तोड़ने के साथ ही उसकी जुबान काट दी थी। वो पिछले 15 दिनों से वेटींलेटर पर मौत के खिलाफ़ संघर्ष कर रही थी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस मामले में ट्वीट करके राज्य की योगी सरकार पर हमला किया है।
हाथरस गैंगरेप पीड़िता की सफजरजंग हॉस्पिटल में मौत पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा का नामो-निशान नहीं है। प्रियंका ने लड़की के साथ दरिंदगी करने वाले बदमाशों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा की जवाबदेही सरकार की बनती है।
इससे पहले बसपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी हाथरस में दलित लड़की के संग हुई बर्बरता और गैंगरेप पर ट्वीट करके योगी सरकार और राज्य के पुलिस प्रशासन पर हमला बोला था।
मायावती के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए हाथरस पुलिस ने बताया था कि एससी-एसटी एक्ट के तहत मुआवजे के लिए संबंधित विभाग को रिपोर्ट दे दी है। फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने के लिए कार्रवाई की जाएगी। पुलिस क्षेत्राधिकारी को जल्द से सुबूत संकलित कर विवेचना पूर्ण करने को कहा गया है।
सफाई कर्मचारी आयोग की सदस्य मंजू दिलेर, हाथरस सांसद राजवीर दिलेर भी गांव का दौरा कर चुके हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू ने भी एक पूर्व मंत्री की अगुवाई में यहां प्रतिनिधिमंडल भेजा था। भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर रावण रविवार 27 सितंबर को अलीगढ़ में भर्ती युवती से मिलने गए थे।
ठाकुरवाद का आरोप
योगी सरकार के राज में दलित लड़कियों और महिलाओं संग बलात्कार के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं। लगभग रोज ही दलित महिलाओं संग रेप की ख़बरें आती रहती हैं। दलित वॉयस ने एक ट्वीट में गैंगरेप आरोपियों की जाति, ठाकुर मुख्यमंत्री और ठाकुर डीएम, ठाकुर एसएचओ, ठाकुर की जाति को जोड़ते हुए ठाकुरवाद का आरोप लगया है।
#BREAKING Woman, gang-raped and assaulted in UP’s Hathras two weeks ago, dies in Delhi Safdarganj Hospital.
Culprits Thakur, Police SHO Thakur, Judge Thakur, DM Thakur, CM Thakur, There is no justice for Dalits, Rest in Power Sister.
#RIPManishaValmiki
https://t.co/CTktsMPjRR
https://twitter.com/ambedkariteIND/status/1307289610528063488
Originally tweeted by The Dalit Voice
@ambedkariteIND on September 29, 2020.
इस पूरे मामले में पुलिस का रवैया कठघरे में है। पीड़ित समुदाय के लोग आरोपियों की जाति और एसएचओ की जाति से जोड़कर देख रहे हैं। गैंगरेप के बावजूद पुलिस ने रेप की धाराओं में केस न दर्ज करते हुए छेड़खानी के आरोप में एक युवक को हिरासत में लिया था। बता दें कि थाना चंदपा इलाके के इस गांव की जनसंख्या 450 के करीब है। इसमें 150 ठाकुर समाज के लोग और 150 के करीब ब्राह्मण समाज के लोग हैं। वहीं 150 के करीब अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग हैं। परिजनों का आरोप है कि गांव के अंदर ठाकुरों की दबंगई है।
14 सितंबर को हुई थी गैंगरेप की वारदात
14 सितंबर को सोमवार सुबह साढ़े दस बजे दलित लड़की अपनी मां और भाई के साथ पशुओं का चारा लेने के लिए खेतों पर गई थी। उसी दौरान लड़की का भाई घास काटने के बाद चारा लेकर खेतों से घर चला गया था। इसके बाद पीड़िता की मां कुछ दूरी पर जाकर घास काटने लगी। उसी दौरान पीड़िता को अकेला पाकर गांव के रहने वाले चार युवक बाजरे के खेत में खींचकर ले गए।

गैंगरेप की घटना को अंजाम देते वक्त चिल्लाने की आवाज सुनकर मौके पर पहुंची मां को देखने के बाद आरोपी युवक फरार हो गए थे। पीड़िता की हालत नाजुक होने पर इलाज के लिए उसे परिजन जिला अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने पीड़िता की गंभीर हालत देखते हुए अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। फिर वहां से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया था।
मेडिकल परीक्षण में पता चला था कि बलात्कारियों ने गैंगरेप के बाद पीड़िता की रीढ़ की हड्डी को तोड़ डाला था। पुलिस ने छेड़खानी के आरोप में इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। 21 सितंबर को किशोरी के होश में आने के बाद की गई मेडिकल जांच की रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि हुई। आरोपियों ने पीड़िता की जीभ काट दी थी, जिससे वह लोगों को घटना के बारे में न बता सके।
मामले के तूल पकड़ने के बाद आरोपियों के खिलाफ़, गैंगरेप और धारा 307 (हत्या की कोशिश) में मुकदमा दर्ज किया गया था। गैंगरेप की पुष्टि होने के बाद हाथरस पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि चौथे आरोपी को शनिवार 26 सितंबर को गिरफ़्तार किया गया। शनिवार को ही कोतवाली इंचार्ज को लाइन हाजिर भी कर दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना के बाद 19 सितंबर को पीड़िता का बयान लेने कार्यवाहक सीओ सादाबाद महिला आरक्षियों संग अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज गए तो युवती की हालत बहुत ठीक नहीं थी। पीड़िता ने इशारों-इशारों में खुद पर हमले और छेड़खानी किए जाने की बात ही बता सकी। इस पर हमले के साथ-साथ 20 सितंबर को छेड़खानी की धारा बढ़ाई गई।
मौजूदा सीओ सादाबाद मामले में 21 सितंबर को बयान दर्ज करने पहुंचे तो उस समय भी परिवार ने बता दिया कि अभी बेटी की हालत ठीक नहीं है। सीओ ने 22 सितंबर को फिर महिला आरक्षी संग पहुंचकर पीड़िता का बयान दर्ज किया, जिसमें उसने इशारों-इशारों में अपने साथ हुई दरिंदगी को बयां किया। इसके बाद मुकदमे में सामूहिक दुष्कर्म की धाराओं की बढ़ोतरी कर चारों आरोपियों को जेल भेजा गया।
(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)