आपसी मतभेद खत्म कर किसान नेताओं ने लिया सामूहिक लड़ाई का संकल्प

नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय समिति ने शिव कुमार शर्मा कक्काजी के एक अखबार में छपे उस बयान के बारे में चर्चा की जिसमें उन्होंने गुरनाम सिंह चढ़ूनी के बारे में टिप्पणी की थी।

शिव कुमार कक्काजी ने समिति के सामने स्वीकार किया कि उनकी टिप्पणियां अनुचित थीं। यह एहसास करते हुए उन्होंने गुरनाम सिंह चढूनी के खिलाफ अपने सभी आरोप वापस ले लिए हैं। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन का हित सर्वोपरि है।

कक्काजी ने यह स्पष्ट किया कि वे कभी भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य नहीं रहे हैं। वे भारतीय किसान संघ से जुड़े रहे थे, लेकिन वर्ष 2012 में उनका निष्कासन कर भाजपा सरकार द्वारा उनको जेल में डाल दिया गया था। तब से उनका भारतीय किसान संघ से भी कोई संबंध नहीं है।

उनके स्पष्टीकरण का स्वागत करते हुए समिति ने इस मामले को समाप्त करने का फैसला लिया और सभी आंदोलनकारियों से प्रार्थना की कि वे एक दूसरे पर किसी भी आरोप प्रत्यारोप से परहेज़ करें। कल शाम से, 26 जनवरी को “किसान गणतंत्र दिवस परेड” के आयोजन के लिए दिल्ली पुलिस के साथ बातचीत चल रही है।

सयुंक्त किसान मोर्चा ने उम्मीद जताई कि सरकार के साथ कल की वार्ता में सरकार किसानों की मांगों पर सहमत होगी। झारखंड, ओडिशा, गुजरात और अन्य स्थानों से कल, महिला किसान दिवस मनाने के बारे में विभिन्न राज्यों से रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं। युवाओं की भागीदारी के साथ नेशनल एलायंस फॉर पीपुल्स मूवमेंट द्वारा आयोजित की जा रही “किसान ज्योति यात्रा” अपने आठवें दिन गुजरात होती हुई राजस्थान में प्रवेश कर गई है।

नवनिर्माण कृषक संगठन से जुड़े ओडिशा के किसानों की टीम ने बिहार को पार करने के बाद उत्तर प्रदेश में प्रवेश किया। टिकरी, सिंघु, गाजीपुर आदि विभिन्न सीमाओं पर किसानों की लगातार भूख हड़ताल चल रही है।

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