बगैर जरूरी तकनीकी परीक्षण किए चितरंजन लोकोमोटिव ने दिए 10 सेट गियर सिस्टम की खरीद के आदेश

चितरंजन स्थित लोकोमोटिव वर्क्स ने 10 अगस्त, 2021 को एक लिखित मांग पत्र में पुणे स्थित इनवॉल्यूट प्राइवेट लिमिटेड से 10 सेट अल्टरनेटिव गियर सिस्टम आपूर्ति करने की मांग की है। प्रथम दृष्ट्या यह एक सामान्य चिट्ठी है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस चिट्ठी में सुरक्षा के स्थापित मानदंडों की अवहेलना की गई है और इससे किसी बड़ी रेल दुर्घटना होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।  

भारतीय रेल अपने परिचालन के लिए ज़रूरी उपकरणों की आपूर्ति अपने पैनल में शामिल निजी कम्पनियों से करवाती रही है। भारतीय रेल के करोड़ों यात्रियों की जान और माल की सुरक्षा के मद्देनज़र रेल में इस्तेमाल होने वाले भिन्न उपकरणों की गुणवत्ता के लिए भिन्न मानदंड सुनिश्चित किए गए हैं। जैसे किसी नए विक्रेता (वेंडर) से अल्टरनेटिव गियर सिस्टम की खरीद से पहले, स्थापित नियम व मानक के अनुसार अल्टरनेटिव गियर सिस्टम को कम से कम 50 हज़ार किलोमीटर की यात्रा टेस्ट पास करनी होगी। उक्त मामले में इस नियम का सरेआम उल्लंघन हुआ है।

 चितरंजन लोकोमोटिव को अपनी अपनी तेज गति वाले रेल इंजन WAP5 के लिए 10 सेट अल्टरनेटिव गियर सिस्टम की आवश्यकता थी। 4 अगस्त 2021 को चितरंजन लोकोमोटिव ने अल्टरनेटिव गियर सिस्टम की आपूर्ति की मांग इनवॉल्यूट प्राइवेट लिमिटेड के सामने पेश की। इनवॉल्यूट प्राइवेट लिमिटेड ने एक सेट अल्टरनेटिव गियर सिस्टम आयातित करवाया। इस सैंपल सेट का परीक्षण गुणवत्ता की जांच के लिए, स्थापित मानक के अनुसार, पचास हज़ार किलोमीटर की रेल यात्रा के बाद होना था। लेकिन सम्बद्ध अधिकारी ने स्थापित नियम की अनदेखी करते हुए इनवॉल्यूट प्राइवेट लिमिटेड को 10 अगस्त को ही बाकी और नौ अल्टरनेटिव गियर सिस्टम सेट की आपूर्ति सम्बन्धी चिट्ठी दे दी।      
       

स्थापना के समय से ही रेल यात्रियों की सुरक्षा भारतीय रेल के सर्वोपरि उद्देश्यों में से एक है। आज जब रेल की गति सीमा नई ऊँचाई छूने को तैयार है ऐसे में सुरक्षा का मामला भी पहले से कहीं ज़्यादा अहम् हो गया है। सरकारी कामों में चुस्ती लाने के नाम पर वर्षों से स्थापित नियमों की अनदेखी कर जिस तत्परता से अल्टरनेटिव गियर सिस्टम की आपूर्ति की जा रही है उससे कई तरह के वित्तीय भ्रष्टाचार की गंध आती है।

इस मामले में जब चितरंजन लोकोमोटिव के जनरल मैनेजर सतीश कुमार कश्यप से बात करने की कोशिश की गयी तो सर्वप्रथम उन्होंने इसे एक मामूली प्रोक्योरमेंट प्रक्रिया कह कर टाल देने की कोशिश की। लेकिन जब रेल यात्रियों की सुरक्षा का हवाला दिया गया तो उन्होंने कहा कि हम मामले की जांच करेंगे।

अभी 11 नवंबर को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में श्रीकृष्ण नगर रेलवे स्टेशन के पास एक माल वाहक गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस दुर्घटना में गाड़ी के कोई 21 डिब्बे पटरी से नीचे उतर गए। यों अभी तक दुर्घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया है, परन्तु एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक PW 1 बृजेश यादव के अनुसार दुर्घटना किसी डिब्बे के पहिया के जाम होने के कारण से हुई।

रेलवे की तकनीकी मामलों के एक जानकार ने बताया कि रेल में होने वाली ऐसी दुर्घटना ज़्यादातर समय किसी तकनीकी कारण से ही होती है जिसे रोका जा सकता है। परन्तु अगर उपकरणों के मानिकी की अनदेखी की जाएगी तो ऐसी दुर्घटनाएं और बढ़ेंगी।

इस संवाददाता ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन रिपोर्ट लिखे जाने तक उन्होंने न तो फोन उठाया और न ही टेक्स्ट मैसेज का जवाब दिया।

(लेखक और एक्टिविस्ट श्यामानंद झा की रिपोर्ट।)

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