नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों ने 13 स्थानीय लोगों को मौत के घाट उतारा

नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों ने 13 स्थानीय लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। बचाव के लिये ग़लतफ़हमी का सहारा लिया गया है।  कहा जा रहा है कि स्थानीय लोगों को उग्रवादी संगठन NSCN से जुड़े होने की आशंका के चलते सिक्योरिटी फोर्सेस ने फायरिंग की थी, जिसमें इन लोगों की मौत हुई। इस घटना के बाद इलाके में हिंसा फैल गई। सुरक्षाबलों और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प भी हुई।


वहीं नगालैंड के मुख्यमंत्री नीफियू रियो ने घटना की निंदा करते हुए जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही उन्होंने सभी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।उन्होंने कहा है कि मोन के ओटिंग में नागरिकों की हत्या की घटना बेहद निंदनीय है। इसकी हाई-लेवल SIT जांच कराई जाएगी। सभी को कानून के हिसाब से न्याय मिलेगा। 


वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि, – “नगालैंड के ओटिंग में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना से दुखी हूं। मैं उन लोगों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना जाहिर करता हूं जिन्होंने अपनी जान गंवाई है। राज्य सरकार इसकी हाई-लेवल SIT जांच कराएगी, ताकि पीड़ित परिवारों को न्याय मिल सके।’


तमाम मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए सुरक्षाबल तिरु-ओटिंग रोड पर घात लगाकर तैनात थे लेकिन पहचान में गलती के चलते ग्रामीणों को विद्रोही समझ लिया गया। दरअसल, इनपुट में जिस रंग की गाड़ी के बारे में बताया गया था उसी रंग की गाड़ी वहां से गुजरी। जवानों ने गाड़ी को रोकने के लिए कहा लेकिन उसे नहीं रोका गया। इसके बाद सिक्योरिटी फोर्स ने फायरिंग शुरू कर दी।

बताया जा रहा है कि सभी पीड़ित मजदूर थे, जो काम के बाद एक पिकअप में सवार होकर अपने घर जा रहे थे। देर रात तक घर नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों ने उन्हें ढूंढना शुरू किया और तब उन्हें इस घटना की जानकारी मिली। गुस्साए ग्रामीणों ने सुरक्षाबलों की गाड़ियों को आग लगा दी। गुस्साई भीड़ को नियंत्रित करने में जवानों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

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