भाजपा में मची भगदड़, मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी दिया इस्तीफा

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उत्तर प्रदेश में भाजपा का सियासी जहाज डूबता देख भाजपा में भगदड़ मच गई है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के एक और मंत्री दारा सिंह चौहान ने इस्तीफ़ा दे दिया है। इससे पहले कल स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी योगी सरकार से त्यागपत्र दे दिया था।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा और योगी सरकार से इस्तीफा देने वाले मंत्री दारा सिंह चौहान के साथ अपनी तस्वीर ट्विटर पर शेयर करते हुए कहा है कि “सामाजिक न्याय’ के संघर्ष के अनवरत सेनानी श्री दारा सिंह चौहान जी का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन! सपा व उसके सहयोगी दल एकजुट होकर समता-समानता के आंदोलन को चरम पर ले जाएँगे… भेदभाव मिटाएँगे! ये हमारा समेकित संकल्प है! सबको सम्मान, सबको स्थान!”

योगी सरकार में वन और पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने अपने त्यागपत्र में लिखा है कि योगी सरकार में पिछड़ों और दलितों की उपेक्षा हुई है। सरकार की पिछड़ों, वंचितों, दलितों, किसानों और बेरोज़गार नौजवानों की घोर उपेक्षात्मक रवैए के साथ-साथ पिछड़ों और दलितों के आरक्षण के साथ जो खिलवाड़ हो रहा है, उससे आहत होकर मैं उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दे रहा हूँ।

इस्तीफा देने के बाद वन और पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा – लोग मलाई खा रहे,दलितों को कुछ नहीं मिला। मेरी बातों को अनसुना किया गया। पिछड़ों, वंचितों को 5 साल में न्याय नहीं मिला। हाईकमान ने भी मेरी बात अनसुनी की।

उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या ने दारा सिंह चौहान से पुनर्विचार की अपील की

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से इस्तीफ़ा देने वाले मंत्री दारा सिंह चौहान को मनाने के लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सामने आए हैं। यूपी सरकार में वन और पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने दलितों और पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दे दिया है।

केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करके दारा सिंह चौहान से अपील की है कि वे अपने फ़ैसले पर पुनर्विचार करें। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है- परिवार का कोई सदस्य भटक जाए,तो दुख होता है। जाने वाले आदरणीय महानुभावों से मैं बस यही आग्रह करूँगा कि डूबती हुई नाव पर सवार होने से नुक़सान उनका ही होगा। बड़े भाई श्री दारा सिंह जी आप अपने फैसले पर पुनर्विचार करिए।

भाजपा में भगदड़

भाजपा पार्टी छोड़ने वाले विधायकों की लाइन लग गई है। कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने पहले इस्तीफा के बाद तीन विधायकों के इस्तीफे की सूचना आ रही है। मौर्य के साथ तिलहर विधायक तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात भी कर चुके हैं।

स्वामी मौर्य के इस्तीफे के बाद बांदा के तिंदवारी विधानसभा सीट से विधायक ब्रजेश प्रजापति ने त्यागपत्र दे दिया है। इनके अलावा शाहजहांपुर की तिलहर सीट से विधायक रोशनलाल वर्मा और कानपुर के बिल्हौर के विधायक भगवती प्रसाद सागर ने इस्तीफा दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने पद से इस्तीफा देने के बाद समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है। वहीं, अन्य तीन विधायकों के भी पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी में जाने की चर्चा है।

स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद भारतीय जनता पार्टी को एक और झटका लगा है। बिधूना के विधायक विनय शाक्य जिनके लापता होने की बात परिवार ने कही थी, उनका बयान सामने आया है। विनय शाक्य ने लापता या अपहरण की बात को गलत बताया और कहा कि वह स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ समाजवादी पार्टी में जाएंगे।

विधायक रोशन लाल ने कहा है कि योगी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में उनकी शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हुई। इस कारण हमें पार्टी छोड़ने का निर्णय लेना पड़ा। वहीं, खबर आ रही है कि केंद्रीय नेतृत्व ने इस्तीफा देने वाले विधायकों को मनाने की भी तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल को इसके लिए लगाया गया है।

ब्रजेश प्रजापति ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को भेजे गए इस्तीफे में कहा है कि पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं और जन प्रतिनिधियों को कोई तवज्जो नहीं दी गई। उन्हें उचित सम्मान नहीं मिला। प्रदेश सरकार की ओर से दलित, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों और छोटे, लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षा की गई। सरकार के कूटनीतिपरक रवैये के कारण मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को अपना नेता बताया है।

बिधूना विधायक विनय शाक्य ने स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ जाने की सहमति जताई है। उन्होंने अपहरण होने की बात का खंडन किया है। विनय शाक्य का स्वास्थ्य खराब है और पैरालिसिस होने के कारण वह साफ बोल नहीं पाते। अस्पष्ट शब्दों में ही शाक्य ने सपा में जाने की बात कही। इतना ही नहीं विनय शाक्य की मां और भाई ने अपहरण की बात का खंडन किया है।उन्होंने विनय की बेटी रिया के वीडियो को ही साजिश बता दिया है।

इस बीच औरैया के पुलिस अधीक्षक ने कहा था कि विधायक विनय शाक्य बिधूना, शान्ति कालोनी जनपद इटावा में सकुशल अपनी मां के साथ मौजूद हैं। अपहरण का आरोप असत्य एवं निराधार है, प्रकरण पारिवारिक विवाद से सम्बन्धित। अब विनय ने खुद इस पर बयान दे दिया है।

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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