इस देश का प्रधानमंत्री कायर है: प्रियंका गांधी

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नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को राजघाट पर आयोजित ‘संकल्प सत्याग्रह’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें ‘कायर’ और ‘घमंडी’ बताया। भारत में लोकतंत्र की स्थापना के लिए अपने परिवार के ‘योगदान’ की बात कही। उन्होंने कहा कि, मैं पूछना चाहती हूं कि एक आदमी का कितना अपमान करोगे? क्या यही है इस देश की परंपरा? आप कांग्रेस को परिवारवादी कहते हैं तो भगवान राम कौन थे? भगवान राम को वनवास भेजा गया। उन्होंने अपने परिवार और अपनी धरती के प्रति अपना धर्म निभाया। क्या भगवान राम परिवारवादी थे? क्या पांडव परिवारवादी थे? या वे अपने परिवार के संस्कारों के लिए लड़े? और हमें क्या शर्म आनी चाहिए कि हमारे परिवार के लोग शहीद हुए इस देश के लिए?

राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द करने के खिलाफ कांग्रेस रविवार को देशभर
में संकल्प सत्याग्रह कर रही है। प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी जैसे बड़े नेता सुबह-सुबह राजघाट पहुंचे। सत्याग्रह को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, ‘इस देश का प्रधानमंत्री कायर है। मुझ पर केस करो, जेल भेजो। लेकिन सच तो यह है कि इस देश का प्रधानमंत्री कायर है… अपनी सत्ता के पीछे छिपा है, अहंकारी है। इस देश की एक पुरानी परंपरा है, हिंदू धर्म की एक पुरानी परंपरा है … अहंकारी राजा को जनता जवाब देती है।”

प्रियंका ने कहा कि उनके भाई राहुल गांधी, जिन्हें शुक्रवार को लोकसभा सांसद
के रूप में डिसक्वलिफाई कर दिया गया था, ने प्रधानमंत्री से केवल कुछ सवाल पूछे थे। ‘आप जवाब नहीं दे सके। आप डर गए। और जो अहंकारी होते हैं, तानाशाह होते हैं क्या करते हैं? जब वे सवालों का जवाब नहीं दे पाते हैं तो अपनी ताकत का इस्तेमाल कर लोगों को अपने अधीन करने की कोशिश करते हैं।’

‘वे सवाल उठाने वालों को कुचलने की कोशिश करते हैं। क्या आपने इस बारे में कभी सोचा? आंखें खोलो, ये पूरी सरकार, मंत्री, सांसद…ये एक आदमी को बचाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? इस अडानी में ऐसा क्या है जो आप इसे पूरे देश की दौलत दे रहे हैं? कि उसका नाम लेते ही आप दंग रह जाते हैं…और उसे बचाने की होड़ मच जाती है।’

गांधी परिवार पर वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा देने के बीजेपी के आरोपों का जिक्र करते हुए प्रियंका ने कहा, ‘तो फिर भगवान राम कौन थे? उन्हें निर्वासन में भेज दिया गया था। उनके अपने परिवार, अपनी धरती के प्रति अपना धर्म निभाए (उन्होंने अपने परिवार, अपनी भूमि के प्रति अपना कर्तव्य निभाया)। क्या वह वंशवादी शासन को बढ़ावा दे रहे थे? क्या पांडव वंशवादी शासन को बढ़ावा दे रहे थे? वे अपने परिवार के मूल्यों के लिए लड़े।’

‘क्या हमें शर्म आनी चाहिए कि हमारे परिवार के सदस्यों ने इस देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए? उन्होंने इस तिरंगे झंडे के लिए खून बहाया। इस धरती में उनका खून है, इस देश के लोकतंत्र को मेरे परिवार के खून ने सींचा है जो सोचते हैं कि हमारा अपमान करके, एजेंसियों को हम पर छोड़ कर हमें डराया-धमकाया जा सकता है, उन्होंने गलत समझा है। हम डरने वाले नहीं हैं, हम और मजबूती से लड़ेंगे।’

यह बताते हुए कि राहुल हार्वर्ड और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालयों के पूर्व छात्र हैं, उन्होंने कहा, कि ‘और आप उन्हें ‘पप्पू’ बताते हैं। आपने उसकी डिग्री नहीं देखी, आपको सच्चाई नहीं पता लेकिन आपने उसे ‘पप्पू’ बना दिया। जब आपको पता चला कि यह ‘पप्पू’ यात्रा पर निकला है और पता चला कि यह पप्पू नहीं है, लाखों लोग उसके साथ चल रहे हैं, ईमानदार हैं, चीजों को समझते हैं, लोगों के पास जा रहे हैं, सुन रहे हैं, और लोग उनके साथ चल रहे हैं तो वे डर गए।’

प्रियंका ने मई 1991 में अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की अंतिम यात्रा
को याद करते हुए अपना भाषण शुरू किया। उन्होंने कहा कि राजीव के पार्थिव शरीर
को ले जाने वाली गाड़ी के तीन मूर्ति भवन से निकलने के कुछ मिनट बाद, राहुल ने गाड़ी से उतरने पर जोर दिया। ‘मेरी मां ने उसे ऐसा नहीं करने के लिए कहा…तब सुरक्षा भी एक चिंता का विषय था। लेकिन उसने जोर दिया…मैंने अपनी मां से कहा कि उसे नीचे उतार दो।’

‘राहुल गाड़ी से उतर गया और सेना के ट्रक के पीछे चलने लगा। तीन मूर्ति से यहां तक, वह तपती धूप में अपने पिता के शव के पीछे-पीछे चलते हुए यहां पहुंचे, और उन्होंने चिता को मुखाग्नि दी। मेरे दिमाग में वह तस्वीर आज भी ताजा है। मेरे पिता का पार्थिव शरीर राष्ट्रीय ध्वज में लिपटा हुआ था। उस शहीद पिता का संसद में अपमान होता है, उस शहीद के बेटे को देशद्रोही कहते हैं…आप उसे मीर जाफर कहते हैं, उसकी मां का अपमान करते हैं, आपके मंत्री संसद में मेरी मां का अपमान करते हैं।’

प्रियंका यहीं नहीं रूकीं। उन्होंने कहा, ‘आपके प्रधानमंत्री संसद में पूछते हैं कि यह
परिवार नेहरू का उपनाम क्यों नहीं रखता है, पूरे परिवार का अपमान किया जाता है, कश्मीरी पंडित समुदाय के रीति-रिवाजों का अपमान किया जाता है। कश्मीरी पंडितों की प्रथा का पालन करते हुए, एक बेटा अपने पिता की मृत्यु के बाद अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए पगड़ी पहनता है। लेकिन आपके खिलाफ कोई मामला नहीं है, आपको दो साल की सजा नहीं मिलती है, आपको संसद से बाहर नहीं किया जाता है, आपको कई सालों तक चुनाव लड़ने से नहीं रोका जाता है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि बार-बार अपमान के बावजूद उनका परिवार चुप है।
‘मेरे भाई ने क्या किया? वह संसद में मोदी के पास गए और उन्हें गले से लगा
लिया। उन्होंने कहा कि मैं आपसे नफरत नहीं करता। मुझे आपसे कोई नफरत
नहीं है, हमारी विचारधाराएं अलग हैं लेकिन हमारी विचारधारा नफरत की नहीं है।
एक आदमी का कितना अपमान करोगे? क्या यही हमारे देश की परंपरा है?’

प्रियंका ने कहा कि कांग्रेस के आदर्शों ने भारतीय लोकतंत्र की नींव रखी। ‘कांग्रेस ने भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और आज भी हम देश की आजादी के लिए लड़ रहे हैं।’ उन्नेहोंने कहा कि वह समझ नहीं पा रही हैं कि लोगों के मन में क्या है और वे विरोध क्यों नहीं कर रहे हैं। ‘क्या वे यह नहीं देख पा रहे हैं कि क्या हो रहा है? क्या आप नहीं देख पा रहे हैं कि आपकी सारी संपत्ति लूटी जा रही है? एक व्यक्ति को दिया जा रहा है, मुट्ठी भर उद्योगपतियों को दिया जा रहा है।’

‘यह किसका धन है? क्या यही है राहुल गांधी की दौलत? यही आपकी दौलत है। आपके लिए बनाए गए पीएसयू उन्हें बेचे जा रहे हैं, उन्हें एक के बाद एक दिए जा रहे हैं। आपका रोजगार इन पीएसयू, छोटे व्यवसायों और छोटे व्यापारियों से आता है। कोई बड़ा अडानी आपको नौकरी नहीं दे सकता है, वे केवल आपकी नौकरी छीन लेंगे। फिर आप क्यों नहीं समझ पा रहे हैं। आप गैस सिलेंडर के लिए 1000 रुपये दे रहे हैं और यहां आपकी सारी दौलत लुटाई जा रही है?’

उन्होंने कहा कि राहुल केवल लोगों की आवाज उठाने की कोशिश कर रहे हैं और उनके अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। जबकि बीजेपी मुद्दों को दबाने और भटकाने की कोशिश कर रही है। ‘जिस व्यक्ति ने सूरत में राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी, उसने अदालत से रोक लगाने की मांग की थी। लेकिन संसद में अडानी पर राहुल गांधी के भाषण के एक सप्ताह बाद, उसने फिर से केस खोलने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया।’

‘एक महीने के भीतर जज राहुल को दो साल की सजा सुनाते हैं। कितने लोग बिना सुनवाई के जेलों में सड़ रहे हैं? इस मामले में सुनवाई, फैसला, सजा, सब कुछ इतनी तेजी से हुआ। और अगले दिन, आपने कहा कि वह आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ सकता। उसे संसद से बाहर कर दिया जाएगा।’

उन्होंने राहुल को समर्थन देने वाले सभी राजनीतिक दलों का धन्यवाद किया और कहा कि, ‘हम सभी को अब एकजुट होना होगा क्योंकि देश खतरे में है। देश की दौलत एक शख्स को दी जा रही है और पूरी सरकार उस एक शख्स को बचाने के लिए खड़ी हो गई है।’

इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बीजेपी पर आरोप लगाया कि अगर नीरव मोदी और ललित मोदी को भगोड़ा कहा जाता है तो सत्तारूढ़ दल को ‘पीड़ा’ क्यों होती है। खड़गे ने कहा कि ‘वे अब ओबीसी की बात करते हैं, क्या ललित मोदी ओबीसी हैं, क्या नीरव मोदी ओबीसी हैं, क्या मेहुल चोकसी ओबीसी हैं? वे लोगों का पैसा लेकर भाग गए। यदि वे भगोड़े हैं तो उनकी आलोचना होने पर आपको कष्ट क्यों होता है? आप (बीजेपी) उस व्यक्ति को दंडित करते हैं जो देश को बचाने के लिए काम करता है और देश को लूटने वालों को विदेश भेजता हैं।’

(कुमुद प्रसाद जनचौक में कॉपी एडिटर हैं।)

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