अपने समय से पीछे रह गए लोगों के लिए समय से आगे की ख़बरें

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समय को अपना कह देने से वह अपना नहीं हो जाता है। हम एक गुज़र चुके समय को गुज़रता हुआ देखते हैं। फेसबुक और ट्विटर की टाइमलाइन दुनिया भले ही ग्लोबल होने का दावा करती है लेकिन वह है तो पूरी तरह से ग्लोबल। बल्कि आपके मोहल्ले का छोटा सा सेक्टर-2 मार्केट टाइप। उसके बाहर बदल रही दुनिया पर किसी का ध्यान ही नहीं जाता है। तभी जब खचाखच भरे बाज़ार में कोई अंग्रेज़ चला आता है जिसे हम देखकर फिर से वापस खचाखच हो जाते हैं।

उस छोटी सी जगह में रोज़ 9 से 10,000 गाड़ियां आती हैं। 1500 बसे आती हैं। 80,000 हज़ार लोग आते हैं। 14 से 24 घंटे तक कतार में इंतज़ार करते हैं। तब जाकर दर्शन करते हैं। व्यस्तता से भरी इस दुनिया के इसी समय में दर्शन के लिए 24 घंटे कतार में होने का धीरज कहीं बचा हुआ है। वैसा ही जैसा हज़ारों वर्ष पूर्व रहा होगा।

मंदिर प्रशासन इस इंतज़ार को चार घंटे करना चाहता है। दर्शन के चार लेयर थे। इसे दो किया जाएगा। वीआईपी और सरकारी अधिकारियों के लिए अलग से मार्ग रहेगा क्योंकि उन्हें जनता की सेवा करनी होती है। उनका समय बहुमूल्य होता है।

ग़रीब लोग मंदिर तक नहीं पहुंच पाते। सोचिए जिस जगह पर रोज़ 80,000 लोग दर्शन के लिए कई साल से जा रहे हों वहां अभी भी ग़रीब नहीं पहुंच पाते हैं। इसलिए उदार मंदिर प्रशासन ने नया आइडिया निकाला है।

तिरुमाला-तिरुपति देवस्थानाम ने फैसला किया है कि वह और मंदिर बनवाएगा। इससे श्रद्धालुओं को प्रोत्साहन मिलेगा। चंद्राबाबू नायडू की सरकार ने इस पुराने फैसले पर अमल नहीं किया। वाईएसआर रेड्डी की सरकार इसे आगे बढ़ाने जा रही है।

आंध्र प्रदेश सरकार ने एक सिस्टम बनाया है। दलितवाड़ा में मंदिर बनाने का सिस्टम। ताकि ग़रीब लोग दर्शन कर सकें। जो लंबी दूरी की यात्रा तय कर तिरुमाला तिरुपति के दर्शन के लिए नहीं आ सकते, उनके लिए मंदिर ही पहुंच जाएगा। मुख्य मंदिर की अनुकृति बनाई जाएगी। मंदिर ट्रस्ट 5-10 लाख में छोटे मंदिर बनवा देगा। मंदिर के पास एक अस्पताल भी है जिसे एम्स की तरह विश्वस्तरीय बनाया जाएगा ताकि ग़रीबों का इलाज हो सके।

बिजनेस स्टैंडर्ड में वाई वी सुब्बा रेड्डी का इंटरव्यू छपा है। रेड्डी साहब वाई एस आर रेड्डी के पिता के भाई हैं। चाचा लगते हैं। विवाद था कि आप ईसाई हैं। मगर इंटरव्यू में कहा है कि वे हिन्दू हैं। 30 बार सबरीमला गए हैं। तिरुपति मंदिर को एक बिल्डिंग दान दी है। कोई उनके घर जाकर देख सकता है कि वे किसकी पूजा-अर्चना करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हिन्दू धर्म का प्रचार करें।

उधर चीन में अपार्टमेंट और मॉल में हज़ारों सेंसर लगा दिए गए हैं। आपका चेहरा, पसीने की गंध, हवा, हवा में नमी, किसी चीज़ को उठाकर देखने और न ख़रीदने का भाव सब पढ़ा जा रहा है। आपका अध्ययन हो रहा है कि आप कौन सा सामान ख़रीदते हैं। कौन सा नहीं ख़रीदते हैं। इसे प्रोपटेक नाम दिया गया है। आपकी जेब में बचा पैसा आपके व्यवहार के इन अध्ययनों से ख़र्च होगा। इतना निवेश किताब के लिए नहीं हो रहा है। आपको ख़रीदना ही होगा। नहीं ख़रीदेंगे तो ये कंपनी वाले पटक कर मारेंगे। आज नहीं होगा मगर आने वाले कल में होगा।

हमें पूरा विश्वास है कि 5 ट्रिलियन डॉलर की इकानमी होकर रहेंगे। बड़ा सोचना चाहिए। इसके सामने 3800 करोड़ का फ्राड सौ रुपये के नोट का खुदरा भर है। पंजाब नेशनल बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक को रिपोर्ट किया है कि भूषण स्टील ने 3800 करोड़ का फ्राड किया है। भूषण स्टील ने अपने बहीखाते में हेराफेरी की है।

अर्थव्यवस्था में जो हो रहा होता है वह उन दावों से अलग होता है जो किए जाते हैं। जैसे आपके समय में आपके सामने आपकी समझ से अलग हो रहा होता है जो आप नहीं समझ सकते हैं। व्हाट्स एप और शेयर चैट करना किसी भी हाल में न छोड़ें। यही वो चीज़ हैं जिसके कारण कुछ न कर पाने का अहसास मिट जाता है।

(ये लेख वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार के फेसबुक पेज से साभार लिया गया है।)

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