Monday, March 20, 2023

महात्मा की 150वीं जयंती पर “मैं गांधी बोल रहा हूं” नाटक दिखाने के लिए तैयार हैं ढेला स्कूल के बच्चे

Janchowk
Follow us:

ज़रूर पढ़े

ढेला स्कूल, (नैनीताल)। गांधी की 150 वीं जयंती जोरदार तरीक़े से देशभर में मनाए जाने की की तैयारियां शुरू हो गयी हैं।  उत्तराखण्ड के नैनीताल जनपद के कार्बेट पार्क के  मध्य में स्थित राजकीय इंटर कालेज ढेला की सांस्कृतिक टीम उज्यावक दगड़ी भी इस मौके पर कुछ खास करने की तैयारी में है। इसको लेकर बच्चों की 21 सितम्बर से 23 सितम्बर तक 3 दिवसीय थियेटर कार्यशाला भी सम्पन्न हुई। जिसमें दिल्ली की जानी-मानी थियेटर एक्सपर्ट टीम संगवारी के दो सदस्यों प्रेम और दीपक ने बच्चों को थियेटर की बारीकियों को सिखाने के साथ-साथ गांधी के जीवन की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं पर आधे घण्टे का एक नाटक तैयार करवाया है।

gandhi small1
रिहर्सल करते बच्चे।

नाटक की शुरुआत 30 जनवरी 1948 को गांधी की हत्या के दृश्य से होती है। फिर गांधी  अचानक उठ खड़े होते हैं और दर्शकों को फ्लैश बैक कर अपने बाकी जीवन, आंदोलन की घटनाओं को बताना शुरू करते हैं। फिर नाटक दक्षिण अफ्रीका के उस दृश्य को बताने लगता है जब गांधी को जून 1883 में केवल काले होने के कारण ट्रेन के डिब्बे से नीचे फेंक दिया जाता है।

गांधी को पहली बार अहसास होता है काले होने का और वे घोषणा करते हैं इस असमानता ऒर भेदभाव के खिलाफ लड़ाई की। भारत पहुंचकर गांधी को चम्पारण के किसानों की और से वहां आने का निमंत्रण मिलता है। वे किसान स्थानीय जमींदारों और अंग्रेजों द्वारा उनसे करवाई जा रही  नील की खेती के दुष्परिणामों से बुरी तरह  त्रस्त थे। कैसे गांधी ने उनकी लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाया नाटक में दिखाया गया है।

gandhi small2
रिहर्सल करते ढेला स्कूल के बच्चे।

 इसके साथ ही गांधी द्वारा किया गया नमक सत्याग्रह, डांडी मार्च भी बच्चों ने मंचित किया। अछूत समस्या, और महिलाओं को लेकर गांधी का क्या नजरिया था इसको भी नाटक का हिस्सा बनाया गया है। नाटक का अंत फिर से गांधी की हत्या के दृश्य से ही होता है। परंतु उसके तत्काल बाद गांधी के प्रिय भजन “वैष्णव जन तो तेने कहिए” का गायन नाटक को काफी कारुणिक बना देता है।

नाटक में गांधी के रूप में नौवीं कक्षा के शुऐब, किसान की पत्नी  के रोल में आकांक्षा सुंदरियाल, गोरे के रूप में खुशी बिष्ट, अछूत महिला के रोल में निकिता सत्यवली के साथ-साथ हर दृश्य पर बहुत ही सधे हुए तरीके से ढपली पर थाप दे रही ज्योति फर्त्याल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कुल मिलाकर नाटक में सरकारी स्कूलों के  साधारण से दिखने वाले बच्चों प्रतिभा और मेहनत उभर कर सामने दिखती है।

कार्यक्रम संयोजक ढेला में अंग्रेजी प्रवक्ता नवेन्दु मठपाल जानकारी देते हुए बताते हैं कि गांधी के विचारों को गांधी द्वारा लिखित पुस्तक “मेरे सपनों का भारत” से लिया गया है। हमारा प्रयास है कि इस नाटक को हम अधिकतर स्कूलों में ले जाएं ताकि गांधी की डेढ़ सौवीं जयंती के अवसर पर बच्चे गांधी के बहाने आजादी के इतिहास को जानने ,समझने औऱ पढ़ने के लिए प्रेरित हों। विधिवत रूप से इसका पहला शो खण्ड शिक्षा अधिकारी बीएन पांडे के दिशा निर्देशन में राजीव नवोदय विद्यालय कोटाबाग, नैनीतालमें 29 सितम्बर को होगा।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of

guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest News

Kisan Mahapanchayat: मांग नहीं मानी तो फिर से होगा किसान आंदोलन, 30 अप्रैल को मोर्चे की बैठक

नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा किसानों के साथ किए गए वायदे पूरे न होते देख सोमवार को एक बार...

सम्बंधित ख़बरें