इन दिनों रंगकर्म के क्षेत्र में भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) इंदौर इकाई की प्रस्तुति "धीरेन्द्र मजूमदार की मां" नाटक चर्चा का विषय बना हुआ है। इंदौर के प्रेस क्लब स्थित राजेंद्र माथुर सभागृह तथा भोपाल के रंगश्री लिटिल...
सच्चाई है कि लुटियन के टीले पर जारी नाटक के समक्ष भारत के तमाम नाटक अप्रासंगिक होते जा रहे हैं। बावजूद इसके जनता का नाटक और सत्ता के नाटक का फर्क करते हुए हमने बरसों बाद पटना में नाटक...
हम सब कॉमरेड सफदर हाशमी के पार्थिव शरीर की अंत्येष्टि के लिए दिल्ली में यमुना तट पर निगमबोध घाट के इलेक्ट्रिक क्रिमेटोरियम ले जाने के लिए विट्ठल भाई पटेल (वीपी) हाउस परिसर से रवाना होने वाले थे। मैं उस...
एक ऐसे समय जब विकार का बोलबाला है…विकार आस्था, धर्म और राष्ट्रवाद का चोला ओढ़ विचार पर तांडव कर रहा है। संविधान सम्मत न्याय, अधिकार, समता की आवाज़ देशद्रोह है। लोकतंत्र की आत्मा प्रतिरोध देशद्रोह है। जब समाज एक...
गुरशरण सिंह हमारे दौर के योद्धा थे। एक विलक्षण सांस्कृतिक महा-लोकनायक। एक ऐसी मशाल जो मनुष्य विरोधी हर अंधेरे को चीरने के लिए सदैव तत्पर रहती है। उन्होंने लोक चेतना के लिए जो किया और जैसा जीवन जिया, उसे...
नाटककार गुरशरण सिंह जनवादी रंगमंच के पितामह थे। उन्हें सब प्यार से ‘भा जी’ (भाई साहब) कहते थे। वह दोज़ख के खौफ से इबादत करने वालों में से नहीं थे, नास्तिक थे। उन्हें यकीन नहीं था कि दुआ की...
राहुल सांकृत्यायन एक, अत्यंत प्रतिभाशाली व्यक्तित्व थे। उन्होंने, भरपूर यात्रायें की। चार खंडों में उनकी आत्मकथा मेरी जीवन यात्रा बेहद रोचक और ज्ञानवर्धक संकलन है। विशेषकर उनकी तिब्बत से जुड़ी यात्राएं। उनकी आत्मकथा पढ़ना एक बेहद रोचक अनुभव है।...
ढेला स्कूल, (नैनीताल)। गांधी की 150 वीं जयंती जोरदार तरीक़े से देशभर में मनाए जाने की की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। उत्तराखण्ड के नैनीताल जनपद के कार्बेट पार्क के मध्य में स्थित राजकीय इंटर कालेज ढेला की सांस्कृतिक...