रेवड़ियां और उनकी राजनीतिक महत्ता
क्रांतिकारी वामपंथी राजनीति में बहस का यह एक पुराना विषय रहा है कि जब किसी विश्व परिस्थिति में क्रांति का पुराना रूप संभव न दिखाई [more…]
क्रांतिकारी वामपंथी राजनीति में बहस का यह एक पुराना विषय रहा है कि जब किसी विश्व परिस्थिति में क्रांति का पुराना रूप संभव न दिखाई [more…]
अघटन ऐसा कोई आसन्न विध्वंस नहीं होता, जिससे हम सही रणनीति बना कर अपने को बचा सकते हैं। अघटन अपने तात्त्विक अर्थ में हमारे जीवन [more…]
सोमवार से बंगलुरू में विपक्ष की दो दिनों की बैठक शुरू होगी। इस बैठक की राजनीतिक पृष्ठभूमि और अहमियत की हम दो दिन पहले ही [more…]
विपक्ष की बंगलुरू बैठक की पृष्ठभूमि में वर्तमान राजनीति की यह मूलभूत समझ है कि भारत में फासीवाद के उग्रतम रूप का ख़तरा साफ़ तौर [more…]
अन्ततः कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री की घोषणा के साथ ही, कह सकते हैं कि कर्नाटक का चुनाव संपन्न हुआ। विजयी कांग्रेस दल के विधायकों की [more…]
कर्नाटक में एग्जिट पोल के परिणामों से साफ है कि मोदी बहुत तेजी से आर्थिक गतिरोध में फंसी कंपनियों पर लागू होने वाले ‘लॉ आफ [more…]
मोदी और संघियों ने जिस नंगई के साथ कर्नाटक चुनाव में बजरंगबली के नारों से धर्म का खुला प्रयोग किया, वह संसदीय जनतंत्र के प्रति [more…]
कर्नाटक में सभी सूत्र अब कांग्रेस की भारी जीत की भविष्यवाणी कर रहे हैं। सी वोटर के यशवंत देशमुख, जो मोदी-शाह के तमाम नैतिक-अनैतिक चुनावी [more…]
कल के ‘टेलिग्राफ़’ में प्रभात पटनायक की एक टिप्पणी है — सीमित रणनीति (Limited Strategy) । दिमित्राफ और फासीवाद के ख़िलाफ़ उनकी संयुक्त मोर्चा की [more…]
एक युग हुआ। सन् 2010 के बसंत का महीना था। तब अरब देशों में ‘सदियों’ की तानाशाहियों की घुटन में बसंत की एक नई बहार [more…]