रेवड़ियां और उनकी राजनीतिक महत्ता

क्रांतिकारी वामपंथी राजनीति में बहस का यह एक पुराना विषय रहा है कि जब किसी विश्व परिस्थिति में क्रांति का…

दुनिया के अनेक राष्ट्राध्यक्षों के विनयी सेवक बने पीएम मोदी

अघटन ऐसा कोई आसन्न विध्वंस नहीं होता, जिससे हम सही रणनीति बना कर अपने को बचा सकते हैं। अघटन अपने…

फासीवाद के कैंसर के खिलाफ संघर्ष में विपक्ष की बहुलतापूर्ण एकता और राहुल गांधी

सोमवार से बंगलुरू में विपक्ष की दो दिनों की बैठक शुरू होगी। इस बैठक की राजनीतिक पृष्ठभूमि और अहमियत की…

जनतंत्र और फासीवाद दोनों के लिए जीवन-मृत्यु का प्रश्न है 2024 का चुनाव

विपक्ष की बंगलुरू बैठक की पृष्ठभूमि में वर्तमान राजनीति की यह मूलभूत समझ है कि भारत में फासीवाद के उग्रतम…

कर्नाटक का संदेश: जनतंत्र और आरएसएस लंबे काल तक साथ-साथ नहीं चल सकते

अन्ततः कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री की घोषणा के साथ ही, कह सकते हैं कि कर्नाटक का चुनाव संपन्न हुआ। विजयी…

मोदी महज एक झुनझुना रह गये हैं

कर्नाटक में एग्जिट पोल के परिणामों से साफ है कि मोदी बहुत तेजी से आर्थिक गतिरोध में फंसी कंपनियों पर…

कर्नाटक, महिला कुश्तीगीरों और शांति निकेतन में खुल गयी संघी मानसिकता की कलई

मोदी और संघियों ने जिस नंगई के साथ कर्नाटक चुनाव में बजरंगबली के नारों से धर्म का खुला प्रयोग किया,…

करवट ले रहा है कर्नाटक!

कर्नाटक में सभी सूत्र अब कांग्रेस की भारी जीत की भविष्यवाणी कर रहे हैं। सी वोटर के यशवंत देशमुख, जो…

संयुक्त मोर्चा की कठमुल्लावादी समझ

कल के ‘टेलिग्राफ़’ में प्रभात पटनायक की एक टिप्पणी है — सीमित रणनीति (Limited Strategy) । दिमित्राफ और फासीवाद के…

प्रतिवाद को क्या शब्दों का अभाव !

एक युग हुआ। सन् 2010 के बसंत का महीना था। तब अरब देशों में ‘सदियों’ की तानाशाहियों की घुटन में…