जन्मशती वर्ष में पुण्य स्मरण: ऐसे ही नहीं बनते मधु दंडवते

जन्मशती वर्ष में मधु दंडवते (21 जनवरी 1924-12 नवंबर 2005) का स्मरण जहां प्रेरणा देने वाली ऊर्जा से भर देता…

जीरो माइल अयोध्या यानी दूसरी परंपरा की खोज

जब राममंदिर के साथ अवतरित होती त्रेता युग की भव्य अयोध्या का डंका पूरे देश में बजाया जा रहा हो…

गांधी में कला और कला में गांधी

सन 2005 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार पाने वाले ब्रिटिश नाटककार हेराल्ड पिंटर ने पुरस्कार प्राप्त करते समय जो व्याख्यान…

इंडिया बनाम भारत के बीच हम हिंदू का क्या करें?

विलियम शेक्सपीयर का मशहूर नाटक है रोमियो जूलियट। उसकी नायिका जूलियट नायक रोमियो से कहती है कि `नाम में क्या…

लोकतंत्रः अतीत, वर्तमान और भविष्य

(वरिष्ठ पत्रकार और लेखक अरुण कुमार त्रिपाठी के संपादकत्व में ‘आज के प्रश्न’ श्रृंखला के तहत ‘लोकतंत्र: अतीत, वर्तमान और…

सत्ता और संपत्ति के भार से डगमग पत्रकारिता

हिन्दुस्तानियों के हित हेतु तथा उन्हें परावलंबन से मुक्ति दिलाकर स्वतंत्र दृष्टि प्रदान करने के निमित्त 30 मई 1826 को…

एक सच्चे अयोध्यावासी थे शीतला सिंह

शीतला सिंह नहीं रहे। शीतला सिंह अमर हैं। 1947 के भारत विभाजन और फिर 1971 के पाकिस्तान विभाजन (कश्मीर इन्हीं…

सरकारें आती जाती रहेंगी, इतिहास के अनुशासन का विकास होता रहेगाः प्रोफेसर मुखिया

सरकारें आती जाती रहेंगी लेकिन ज्ञान के एक अनुशासन के रूप में इतिहास का विकास जिस अवस्था में पहुंच चुका…

गांधी अभय हैं पर सावरकर में भय है

दिल्ली स्थित गांधी दर्शन और स्मृति नामक संस्थान ने अपनी पत्रिका `अंतिम जन’ का सावरकर विशेषांक निकाला है। एक तरफ…

आजादी की अलख जगाती एक जरूरी किताब

सैंतालिस साल पहले भारत में लागू हुआ था आपातकाल। तब उसे लागू करने वाली सरकार ने 19 महीनों में ही…