Author: बादल सरोज
मई दिवस और आज उसे याद करने की वजहें !
अमेरिका के शहर शिकागो में 1 मई 1886 को घटी घटना और उसके बाद इस अंतरराष्ट्रीय दिवस के प्रचलन में आने तथा बाद में यह [more…]
फिल्म तो बहाना है, गुलामगिरी फिर लाना है
‘फुले’ फिल्म को लेकर जिस तरह का तूमार खड़ा किया जा रहा है, वह केवल उतना नहीं है, जितना दिखाया या बताया जा रहा है। [more…]
संघ में इजाज़त: न्योता या जाल !
इन दिनों अब मुसलमानों पर हमला उमड़ रहा है; आज़ादी के बाद का सबसे बड़ा “क़ानून बनाकर संपत्ति हड़पो” घोटाला वक़्फ़ कब्ज़ा कांड करने के [more…]
समृद्ध साझी विरासत का तिरपालीकरण
रंगों के त्योहार होली को इस बार जितना बेरंग और बदरंग किया गया वैसा पिछले 70 सालों की तो छोड़िये इस पर्व के इतिहास में [more…]
कमबख्त ने ये बात भी उर्दू में कही है
पड़ना था ट्रम्प के बांह मरोड़कर टैरिफ कम करवाने की गुण्डई के पीछे, मुद्दा बनना चाहिए था 144 साल में जैसी नहीं हुई शेयर मार्केट [more…]

बागेश्वर धाम सरकार में भारत सरकार; हिन्दुत्ववादी साम्प्रदायिकता और कॉर्पोरेट का विधिवत पाणिग्रहण
कई बार वास्तविकता को उजागर करने के लिए उसे शब्दों में सूत्रबद्ध करना जरूरी नहीं होता, परिस्थितिजन्य साक्ष्य काफी होते हैं। कई बार कहे सुने [more…]
हादसों की आहुति से पूर्ण हुआ प्रचारलिप्सा का महाकुम्भ
जाने न जाने के संशय से उबरकर आखिरकार पन्तप्रधान भी पापमोचक माने जाने वाले कुम्भ में डुबकी लगा ही आये। हालांकि अपने बाकी सगे कुटुम्बियों [more…]
टैरिफ को तारीफ पढ़ता लगुआ-भगुआ मीडिया और ट्रम्प के आगे दण्डवत करती छप्पन इंच की विदेश नीति
अमेरिका यात्रा से जो कम से कम हासिल की उम्मीद लगाई जा रही थी वह भी पूरी नहीं हुई। इस यात्रा को लेकर शुरू से [more…]
बदलने थे गांव, बदल रहे हैं नाम
बात 1966 के नवम्बर की है। हिसार जिले के एक गांव में हुक्का गुड़गुड़ाते हुए एक ताऊ बोले कि पंजाब से अलग हो गए ये [more…]
ट्रम्प की हथकड़ी बेड़ी में जकड़ा भारत और मिमियाते हुक्मरान
5 फरवरी को भारत ने भारत की जमीन पर भारतीयों का जो अपमान देखा वह इतिहास में शायद ही पहले कभी देखा हो। जानवरों की [more…]