ऑपरेशन कगार : अडानी और कॉर्पोरेट्स के लिए रेड कारपेट बिछाने का मिशन 

इसी 21 मई को बस्तर के नारायणपुर के माड इलाके के गुंडेकोट जंगल में हुई मुठभेड़ में सशस्त्र बलों ने…

निशाने पर सिर्फ मूर्ति भर नहीं है

मध्यप्रदेश। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के परिसर में डॉ बी. आर. अम्बेडकर की मूर्ति लगाने के सवाल पर हो रहे…

एक चुटकी सिन्दूर की कीमत तुम क्या जानो नरेन बाबू !!

अंततः खुद उन्हीं ने इसका प्रमाण भी प्रस्तुत कर दिया है कि वे सचमुच में नॉन बायोलॉजिकल हैं, अपौरुषेय हैं।…

इतने तन्हा तो हम कभी भी न थे!

1948 की बात है: द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद नवगठित संयुक्त राष्ट्रसंघ अभी नया-नया ही था। कश्मीर के सवाल पर एक…

चौंकाने और डराने वाला सप्ताह ! इधर, सूरज पाले का शोर, उधर, अंधेरा पसरता चहुँओर

मई का दूसरा सप्ताह देश और समूचे भारतीय प्रायद्वीप के लिए अभूतपूर्व रहा। तीन दिन चला भारत-पाकिस्तान युद्ध-या वह जो…

विजय शाह लक्षण हैं, नफरती वायरस का जखीरा कुनबा है

मोहन यादव की सरकार में मंत्री, खुद को तथाकथित कुंवर बताने वाले विजय शाह ने इस बार खुद अपने ही…

जाति जनगणना की सुध : तमाशा, झांसा, पासा या तीनो !

अपने कुनबे के संगपरस्तों, पक्के भक्तों और पाले पोसे एंकर-एन्करानियों तक को चौंकाने, हैरत में डालने और मुंह छुपाने के…

मई दिवस और आज उसे याद करने की वजहें !

अमेरिका के शहर शिकागो में 1 मई 1886 को घटी घटना और उसके बाद इस अंतरराष्ट्रीय दिवस के प्रचलन में…

फिल्म तो बहाना है, गुलामगिरी फिर लाना है

‘फुले’ फिल्म को लेकर जिस तरह का तूमार खड़ा किया जा रहा है, वह केवल उतना नहीं है, जितना दिखाया…

संघ में इजाज़त: न्योता या जाल !

इन दिनों अब मुसलमानों पर हमला उमड़ रहा है; आज़ादी के बाद का सबसे बड़ा “क़ानून बनाकर संपत्ति हड़पो” घोटाला…