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संस्कृति-समाज

पुण्यतिथि पर विशेष: भारतीय सिनेमा, शरतचंद्र और ऑल टाइम क्लासिक ‘देवदास’

सौ बरस से ज़्यादा उम्र के हिंदी सिनेमा में साहित्यिक कृतियों पर अनेक कामयाब फ़िल्में बनी हैं। कथा सम्राट प्रेमचंद की कृतियों पर ‘गबन’, ‘गोदान’ [more…]

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बीच बहस

ताकि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण हो

यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण के लिए बीते साल के आख़िर में देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फै़सला दिया। [more…]

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संस्कृति-समाज

गेंदालाल दीक्षित की पुण्यतिथि: एक भूला बिसरा क्रांतिकारी और उसके साहसिक कारनामे

देश की आज़ादी कई धाराओं, संगठन और व्यक्तियों की अथक कोशिशों और कुर्बानियों का नतीज़ा है। गुलाम भारत में महात्मा गांधी के अहिंसक आंदोलन के [more…]

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बीच बहस

अफ़स्पा की आड़ में मानवाधिकारों की ऐसी की तैसी

सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ़स्पा) एक बार फिर चर्चा में है। चर्चा की वजह, एक दर्दनाक वाक़या है। नगालैंड में 4 और 5 दिसंबर की [more…]

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बीच बहस

राजनीति और धर्म का गठबंधन सबसे ज़्यादा ख़तरनाक़: नेहरू

पंडित जवाहर लाल नेहरू का भारतीय इतिहास में अविस्मरणीय योगदान है। परतंत्र भारत में पंडित नेहरू की अहमियत जहां देश को आज़ाद कराने के लिए [more…]

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संस्कृति-समाज

‘बाइज़्ज़त बरी’ किताब की समीक्षा : बेगुनाहों की दर्द भरी दास्तां का दस्तावेजीकरण

इक्कीसवीं सदी की शुरुआत से ही देश के अंदर आतंकवाद की घटनाओं में अचानक इजाफ़ा हुआ और आरोपी के तौर पर लगातार मुसलमानों की गिरफ़्तारी [more…]

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संस्कृति-समाज

जन्मदिवस पर विशेष: फ़ारूक़ी में हिंदुस्तानी तहज़ीब और अदबी रिवायत की थी गहरी समझ

समूचे दक्षिण एशिया की उर्दू-हिंदी अदबी दुनिया में शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी का नाम किसी तआरुफ़ का मोहताज़ नहीं। उनका नाम बड़े ही इज़्ज़त-ओ-एहतराम के साथ लिया [more…]

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संस्कृति-समाज

रांगेय राघव की पुण्यतिथि: शोषण की घुटन सदैव नहीं रहेगी

रांगेय राघव हिंदी के सर्वोच्च रचनाकारों में से एक हैं। वे विलक्षण रचनाकार थे, जिनके लिए लिखना ही जीवन था। उन्होंने कम उम्र में विपुल [more…]

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संस्कृति-समाज

जयंती पर विशेष: प्रेमचंद के साहित्य में किसानों के सवाल

हिन्दी-उर्दू साहित्य में कथाकार प्रेमचंद का शुमार, एक ऐसे रचनाकार के तौर पर होता है, जिन्होंने साहित्य की पूरी धारा ही बदल कर रख दी। [more…]

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संस्कृति-समाज

किताब समीक्षा: कविता की जनपक्षधरता पर शैलेंद्र चौहान की नज़र

शैलेंद्र चौहान बुनियादी तौर पर कवि हैं उन्होंने कुछ कहानियां और एक उपन्यास भी लिखा है। लघु पत्रिका ‘धरती’ का एक लंबे अंतराल तक संपादन भी किया [more…]