9 अप्रैल, प्रगतिशील लेखक संघ का स्थापना दिवस है। साल 1936 में इसी तारीख को लखनऊ के मशहूर ‘रिफ़ाह-ए-‘आम’ क्लब…
पुन्नी सिंह का साहित्य प्रेमचंद की परंपरा को आगे बढ़ाता है- वीरेन्द्र यादव
शिकोहाबाद। उत्तर प्रदेश प्रगतिशील लेखक संघ की शिकोहाबाद इकाई ने वरिष्ठ कथाकार पुन्नी सिंह के नये उपन्यास ‘साज कलाई का,…
जन्मदिन विशेष: अमृत काल के नागरिक के लिए उत्पल दत्त के पॉलिटिकल थियेटर को समझना क्यों है जरूरी?
हिंदी पट्टी की बहुधा आबादी उत्पल दत्त को एक हास्य कलाकार के तौर पर जानती है। उन्होंने ‘गोलमाल’, ‘चुपके चुपके’,…
मिर्ज़ा ग़ालिब स्मृति दिवस: कहते हैं कि ‘ग़ालिब’ का है अंदाज़-ए-बयां और
मिर्ज़ा ग़ालिब उर्दू के अज़ीम शायर हैं। वे जितने उर्दू ज़बान में मक़बूल हैं, उतने ही उन्हें हिंदी में चाहने…
देवेंद्र सत्यार्थी: लोकगीतों में धड़कती जिंदगी
देवेंद्र सत्यार्थी एक विलक्षण इंसान थे। पूरे हिंद उपमहाद्वीप में उनकी जैसी शख़्सियत शायद ही कोई हो। वे उर्दू-हिंदी-पंजाबी जुबान…
घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो ये कर लें: निदा फ़ाज़ली स्मृति दिवस
निदा फ़ाज़ली उर्दू और हिन्दी ज़बान के जाने-पहचाने अदीब, शायर, नग़मा निगार, डायलॉग राइटर थे। निदा फ़ाज़ली ने कुछ अरसे…
स्मृति दिवस पर विशेष: यंग मार्वल कॉमरेड पीसी जोशी
वे असाधारण स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, राजनीतिक चिंतक और करिश्माई संगठनकर्ता थे। देश में साम्यवादी आंदोलन उन्हीं की अगुआई में शुरू…
स्मृति दिवस पर विशेष: उदयशंकर ने भारतीय नृत्य और संगीत को दिया वैश्विक फ़लक
देश में उदयशंकर की पहचान भारतीय नृत्य और संगीत को वैश्विक फ़लक पर स्थापित करने वाले एक अद्भुत कलाकार की…
स्मृति दिवस पर विशेष: दिनेश ठाकुर, थिएटर जिनकी सांसों में बसता था
हिन्दी रंगमंच की दुनिया में दिनेश ठाकुर की पहचान रंगकर्मी, अभिनेता और नाट्य ग्रुप ‘अंक’ के संस्थापक और निर्देशक के…
जब बेदी और मंटो में ख़तो-किताबत बंद हो गई
अफ़साना निगार राजिंदर सिंह बेदी का दौर वह हसीन दौर था, जब उर्दू अदब में सआदत हसन मंटो, कृश्न चंदर,…