Friday, April 19, 2024

चीन में कोरोना के टीके लगने शुरू

चीन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र के प्रमुख झेंग झोंगवेई (Zheng Zhongwei) ने 23 अगस्त रविवार को राज्य के मीडिया संगठन सीसीटीवी को बताया कि सरकार ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और सीमा अधिकारियों सहित श्रमिकों के लिए एक Sars-Cov-2 वैक्सीन के ‘आपातकालीन इस्तेमाल’ को मंजूरी दिया था। यह नैदानिक ​​परीक्षणों के परे चीन द्वारा वैक्सीन के इस्तेमाल करने की पुष्टि पहली बार की गई है। चीन सरकार जुलाई महीने से प्रमुख कार्यकर्ताओं के चयनित समूहों को कोरोनोवायरस वैक्सीन दे रही है।

टीकाकरण विकास कार्यबल का नेतृत्व करने वाले झेंग ने बताया कि सीमा कार्यकर्ताओं को उच्च जोखिम वाली श्रेणी में माना जाता है, हालांकि देश में पिछले सात दिन से स्थानीय संक्रमण का कोई भी केस नहीं आया है।

हालांकि इस बात का कोई विवरण नहीं दिया गया कि किस किस व्यक्ति विशेष को टीका दिया गया या कि कितने लोगों को टीका दिया जाना है। लेकिन झेंग ने बताया कि ये कानून के अनुरूप, ऐसी शक्तियों के तहत किया गया जो गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य घटनाओं के दौरान अप्रयुक्त टीकों के सीमित उपयोग की अनुमति देती है। 

झेंग ने आगे कहा, “हमने यह सुनिश्चित करने के लिए कि वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को अच्छी तरह से रेगुलेट और मॉनिटर किया गया है योजना पैकेज की एक पूरी श्रृंखला तैयार की है, जिसमें मेडिकल सहमति फॉर्म, साइड-इफेक्ट मॉनिटरिंग प्लान, बचाव योजना, क्षतिपूर्ति योजना शामिल हैं। इसके अलावा शरद ऋतु और सर्दियों से पहले अन्य समूहों पर परीक्षण की भी योजना बनाई गई है।

बता दें कि जून में चीनी सरकार ने दो टीकों का परीक्षण करने के लिए राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों के कर्मचारियों के बीच से उन वॉलंटियर्स को बुलाया था जो अक्सर विदेश यात्रा करते हैं।

चीन भी वैक्सीन प्रतिस्पर्धा में शामिल हुआ

वहीं सोमवार 24 अगस्त को चीनी प्रमुख, ली केकियांग ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टीके का उत्पादन शुरू होने के बाद चीन मेकांग क्षेत्र के देशों को प्राथमिकता देगा – जिसमें म्यांमार, लाओस, थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम शामिल हैं। ली ने एक लासंग-मेकांग कोऑपरेशन ऑनलाइन नेताओं की बैठक में कहा कि चीन इस क्षेत्र के लिए एक ‘विशेष सार्वजनिक स्वास्थ्य कोष’ भी स्थापित करेगा।

चीन की ये नीति अमेरिकी वैक्सीन ‘अमेरिका फर्स्ट’ मोनोपली को चैलेंज देने वाली है। जैसे-जैसे वैक्सीन बनाने की प्रगति जारी है, चीन अपने वैक्सीन कूटनीति प्रयासों को तेज करता दिखाई देता है, चीन ऐसे देशों में अपनी पहुँच बनाने को प्राथमिकता देना चाहता है जहाँ वह अन्य देशों जैसे कि अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के साथ बिगड़ते रिश्तों के बीच प्रतिस्पर्धा कर रहा है।

जून में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक अफ्रीकी राष्ट्रों की समिट को बताया था कि वे (अफ्रीकी) चीन-विकसित वैक्सीन से लाभान्वित होने वाले पहले लोगों में से एक होंगे, जबकि चीन के विदेश मंत्रालय ने कथित तौर पर फिलीपींस को शीघ्र वैक्सीन मुहैया कराने का वादा किया है। जबकि अग्रणी वैक्सीन डेवलपर्स ने पाकिस्तान, इंडोनेशिया और ब्राजील के साथ समझौता किया है। जुलाई में चीन ने लैटिन अमेरिकी देशों तक वैक्सीन पहुँच सके उसके लिए 1 बिलियन डॉलर ऋण की घोषणा की थी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनिया भर में 170 से अधिक  वैक्सीन कैंडीडेट्स पर नज़र रख रहा है, और चीन उस वैक्सीन का उत्पादन कर रहा है जो कि अभी तीसरे चरण के परीक्षण में हैं, और वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावशीलता की पुष्टि करने के लिए इसे हजारों लोगों को दिया जा चुका है ।

चीनी वैक्सीन का विदेशों में तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल

राज्य के स्वामित्व वाली चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप (CNBG) को संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, पेरू, मोरक्को और अर्जेंटीना में अपने टीके का मानव परीक्षण शुरू करने की मंजूरी दी गई है।

तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के अंतर्गत यूएई में 20,000 से अधिक लोगों को चीन निर्मित वैक्सीन दिया गया है। 

SinoVac और CanSino Biologics निर्मित चीनी वैक्सीन का रूस, इंडोनेशिया और ब्राजील में क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। 

वहीं पिछले सप्ताह सरकार द्वारा वैक्सीनेशन ट्रायल के बारे में चिंता प्रकट करने के बाद चीनी खदान श्रमिकों के एक प्लैनलोड को पापुआ न्यू गिनी में  प्रवेश देने से इनकार कर दिया गया। 

खदान मालिक, रामू निको, जो कि चीनी राज्य मटलर्जिकल कॉर्पोरेशन ऑफ चाइना द्वारा संचालित है, ने कथित तौर पर PNG को एक आधिकारिक बयान जारी किया था जिसमें कहा गया था कि उसके 48 कर्मचारियों को अगस्त की शुरुआत में सार्स-कोव -2 वैक्सीन दी गई थी। पीएनजी महामारी नियंत्रक डेविड मैनिंग ने पुष्टि की कि, “ये किस तरह के परीक्षण थे, और संभावित खतरों के जोखिम के बारे में पर्याप्त जानकारी के अभाव में” उन्हें देश में प्रवेश करने से मना कर दिया गया था।

 मुनाफा और मानवीय संकट से उबरने के बीच वैक्सीन की कीमत

राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि कोविड -19 टीका सार्वजनिक स्वास्थ्य उत्पाद हैं। वहीं अपने साक्षात्कार में, झेंग ने CNBG की मूल कंपनी सिनोफर्म की घोषणा का भी जिक्र किया और बताया कि वैक्सीन की दो-खुराक की कीमत लगभग 145 डॉलर होगी। जो कि अब तक घोषित किसी भी अन्य वैक्सीन के मूल्य से अधिक है।

दक्षिण चीन मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, झेंग ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य उत्पादों का एक सिद्धांत उनकी कीमत, माँग और आपूर्ति के आधार पर नहीं बल्कि लागत के साथ-साथ वाजिब मुनाफा के आधार पर तय होता है।

वहीं सिन फार्मा के अध्यक्ष लियू ने कहा है कि- “मैं आपको बता सकता हूं कि कीमत निश्चित रूप से कम होगी।”

(जनचौक विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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