मध्य प्रदेश से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहाँ मामूली विवाद के बाद एक भील आदिवासी युवक को मरने पर मजबूर किया गया। घटना गुरुवार को घटी लेकिन जब इसका वीडियो शनिवार को वायरल हुआ तब मध्य प्रदेश सरकार को होश आया और वो लीपापोती में जुट गई। अब उस भील युवक को चोर बताया जा रहा है।
स्थानीय पत्रकारों के मुताबिक़ नीमच के सिंगौली में छीतरमल गुर्जर और कन्हैया लाल भील के बाइक में टक्कर हो गई। इसके बाद दोनों में मारपीट हुई। आरोप है छीतरमल ने फ़ोन लगाकर अपने अन्य साथियों को मौक़े पर बुलाया। उन्होंने फिर जमकर कन्हैया लाल भील को पीटा। वहां से गुजर रहे पिकप वाहन ने हमलावरों का साथ दिया। फिर कन्हैया को उसी पिकप के पीछे बांधकर काफ़ी दूर तक घसीटा गया। बाद में बुरी तरह जख्मी कन्हैया को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
आरएसएस के मोहन भागवत ने जब से भारत के हिन्दू-मुसलमानों का डीएनए एक बताया है, तब से मध्य प्रदेश में लिंचिंग की घटनाएँ बढ़ गई हैं। हालाँकि यूपी भी मध्य प्रदेश से पीछे नहीं है। लेकिन हाल ही में जिस तरह इंदौर और देवास में मॉब लिंचिंग की घटनाएँ हुई हैं, वो हालात को बताने के लिए काफ़ी हैं। नीमच की घटना में भी रसूखदार परिवार के लोग शामिल हैं। मुख्य आरोपी छीतरमल सरपंच के परिवार का बताया जाता है, जिसे भाजपा नेताओं का संरक्षण प्राप्त है।
पुलिस और शिवराज सिंह चौहान की सरकार चाहकर भी इस घटना को दबा नहीं पा रही है। लिंचिंग की पिछली दो घटनाओं में पीड़ित पर ही उल्टा एफआईआर दर्ज कर दी गई। लेकिन इस घटना में दोनों पक्ष हिन्दू हैं, इसलिए प्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा कोई प्रेस कॉन्फ़्रेंस नहीं कर सके। उन्हीं नरोत्तम मिश्रा ने इंदौर की घटना के चंद घंटे के भीतर प्रेस कॉन्फेंस करके बता दिया कि चूड़ीवाला हिन्दू नाम रखकर चूड़ियाँ बेच रहा था। उसने नाबालिग से छेड़छाड़ भी की।
नीमच की घटना में पुलिस अधिकारी सिंगौली तक पहुँचे। उन्होंने गहनता से इस बात की पड़ताल की कि कहीं पिकप का ड्राइवर मुसलमान तो नहीं था। क्योंकि छीतरमल गुर्जर को भाजपा नेताओं का संरक्षण प्राप्त होने की वजह से किसी और को शिकार तलाशा जाए। लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते पुलिस को छीतरमल गुर्जर पर हत्या का केस दर्ज करना पड़ा है।
(यूसुफ किरमानी वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं।)
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