कल तीन कृषि कानूनों के खिलाफ़ हरियाणा के 17 किसान संगठनों के 20 हजार किसान, कार्यकर्ता और नेता उपमुख्यमंत्री दुष्यंत कुमार चौटाला और बिजली मंत्री रणजीत सिंह के आवास का घेराव करने के लिए बाबा भूमणशाह चौक पर पहुँचे थे। किसानों को रोकने के लिए भारी मात्रा में तैनात पुलिस बल ने दोनों नेताओं के घर के 100 मीटर दूर बैरीकेड्स लगा रखा था। बताया जा रहा है कि कुछ किसान पुलिस अवरोधक पार करने का प्रयास कर रहे थे इससे गुस्साए पुलिस प्रशासन ने किसानों पर आंसू गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई से नाराज़ किसान भूमणशाह चौक पर ही स्थायी रूप से धरने पर बैठ गए। और डिप्टी सीएम व ऊर्जामंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए ‘कुर्सी चाहिए या किसान’ के नारे लगाने लगे।
प्रदर्शनकारी किसानों ने उप मुख्यमंत्री के साथ-साथ बिजली मंत्री रणजीत सिंह से भी सवाल करते हुए चेतावनी भरे अंदाज में चौटाला और सिंह से पूछा कि वो या तो कुर्सी चुन लें या किसान। साथ ही प्रदर्शनकारी किसानों ने अपील की कि किसान इन कानूनों की वकालत करने वाले किसी भी मंत्री, विधायक या सांसद को अपने गांव में प्रवेश न करने दें।
बता दें कि 6 अक्तूबर को हरियाणा के सिरसा में 17 किसान संगठनों के आह्वान पर 20 हजार किसान इकट्ठा हुए। जय किसान आंदोलन के योगेंद्र यादव और AIKSCC के वीएम सिंह भी विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए। कई पंजाबी गायक और कलाकार भी किसानों को समर्थन देने पहुँचे थे।
हरियाणा पुलिस का आरोप – किसान भी हुए पत्थरबाज
आरोप है कि हरियाणा पुलिस ने किसानों पर 2 राउंड लाठीचार्ज और आंसू गैस का दौर चलाया। कई किसानों के सिर फूटने की भी सूचना है। पुलिस का आरोप है कि किसानों की ओर से पुलिस पर पत्थरबाजी की गई थी। है न अजीब बात पहले कश्मीर के लोग पत्थरबाज थे। फिर सीएए-एनआरसी के खिलाफ़ विरोध करने वाले पत्थरबाज हुए अब किसान भी पत्थरबाज हो गये हैं। तो अब वो दिन दूर नहीं जब किसानों को भी पुलिस की जीप के बोनट पर बांधकर सिरसा में घुमाया जाएगा। ख़ैर।
रात में सेवादारों ने धरनारत किसानों के लिए भूमणशाह चौक पर लंगर लगाया। वहीं किसान मंच के नेता प्रह्लाद सिंह भारुखेड़ा ने कहा कि जिन्होंने बैरिकेड्स तोड़ने का प्रयास किया वे किसान नहीं बल्कि असामाजिक शरारती तत्व थे।
बुधवार की सुबह फिर हुआ किसानों पर हमला
रात भर धरने पर बैठे रहे किसानों और किसान नेताओं पर बुधवार की सुबह हरिय़ाणा पुलिस ने पूरे बल के साथ हमला बोल दिया। डीएसपी कुलदीप सिंह, एसडीएम डा. जयवीर यादव की अगुवाई में सिरसा पुलिस ने भूमणशाह चौक पर धरना दे रहे किसानों को बलपूर्वक उठा दिया और उन्हें हिरासत में लेकर पुलिस लाइन ले गए। साथ ही सिरसा पुलिस ने धरना स्थल पर बिछाई गई दरियां, मैट इत्यादि को कब्जे में ले लिया और रात भर धरना स्थल बना रहे बरनाला रोड पर यातायात बहाल कर वाहनों की आवाजाही शुरू करवा दी।
इस तरह से हरियाणा के सिरसा में कृषि कानूनों के विरोध में धरना दे रहे 100 से अधिक किसानों, नेताओं और आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने स्वराज पार्टी के नेता योगेंद्र यादव को भी हिरासत में लिया है।
योगेन्द्र यादव का बयान
सिरसा के सदर थाने में हिरासत में रखे गए योगेन्द्र यादव ने कहा कि पंजाब से जो चिंगारी चली है वो अब निश्चित हरियाणा पहुँच गई है। कल हजारों किसान उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के घर की ओर ये कहते हुए मार्च किए कि ‘कुर्सी या किसान’ तुम दोनों में से एक चुन लो। किसानों ने कहा कि हम हिंसा नहीं करेंगे हम यहीं बैठ जाएंगे। रात भर वहीं बैठे रहे। मैं भी वहीं किसानों के साथ था। और आज सुबह 10 बजे पुलिस ने अचानक हमला करते हुए सारे धरने को तोड़ दिया। सभी किसानों और किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया। मुझे भी डिटेन कर लिया गया है। हमारा संदेश और हमारा संकल्प स्पष्ट है। ये पक्के मोर्चे का ऐलान है। मोर्चा चलता रहेगा। हरियाणा के बाकी किसानों से आह्वान है कि आप भी उसी चौक पर आओ वहीं पर आकर धरना जारी रखो। जिसे कहते हैं दम है तेरे दमन में कितना देख लिया है, देखेंगे; जगह है तेरे जेल में कितनी, देख लिया है देखेंगे।
सिरसा थाने में धरने पर बैठे किसान, पुलिस तोड़ने की कोशिश कर रही
सिरसा पुलिस कुछ हिरासत में लिए गए किसानों के खिलाफ केस दर्ज कर रही है और कुछ को रिहा कर रही है। केस दर्ज़ करने के खिलाफ़ किसान सिरसा सदन थाने के अंदर धरने पर बैठ गए हैं।
किसानों का आरोप है कि सरकार इस आंदोलन को खत्म करने का हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन किसानों की आवाज़ अब दबने वाली नहीं है। सिरसा पुलिस सुबह हिरासत में लिए गए सभी किसानों में से सिर्फ चार लोगों पर फर्जी केस दर्ज करने का प्रयास कर रही। किसानों की एकता तोड़ने की कोशिश हो रही है। लिहाजा सभी किसान सिरसा सदर थाने में धरने पर बैठ गए हैं।
(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)