कोरोना काल: जापान, ब्रिटेन और अमरीका में क्या हो रहा है

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ब्रिटेन में कोरोना से मरने वालों की संख्या 15000 हो गई है। 17 अप्रैल की शाम 6 बजे तक ब्रिटेन में 888 लोगों की मौत हो चुकी थी। इस कारण मरने वालों की संख्या 15, 464 हो गई है। मरने वाले सिर्फ संख्या हैं। किन परिवारों के लोग हैं, मृतक के बाद परिवार का क्या होगा, वो किस मन:स्थिति से गुज़र रहे हैं इसकी कहीं कोई सूचना नहीं है।

ब्रिटेन में PPE किट की कमी होती जा रही है। वहां पर हर दिन डेढ़ लाख PPE किट की खपत है। नए दिशा निर्देश के मुताबिक डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी इस्तेमाल हुए PPE किट को ही दोबारा पहनें और अगर वो भी नहीं है तो एप्रेन पहन कर इलाज करें। ऐसा करना स्वास्थ्यकर्मियों को आग में झोंकने जैसा है। ब्रिटेन में करीब 50 स्वास्थ्यकर्मी कोरोना से संक्रमित होकर मर चुके हैं। स्वास्थ्यकर्मियों के यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर पर्याप्त मात्रा में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट PPE नहीं दिए गए तो काम नहीं करेंगे। यूनियन का कहना है कि अगर PPE गाउन नहीं हैं तो स्टाफ के लिए काम करना मुश्किल हो जाएगा।

कोरोना ने अमरीका को बेरोज़गार कर दिया है। वहां 2 करोड़ 20 लाख लोगों ने बेरोज़गारी भत्ते के लिए आवेदन किया है। एक परिवार के एक व्यक्ति को 1200 डॉलर दिया जा रहा है। साथ ही पिछली सैलरी के आधार पर भी तय किया जाता है। लेकिन लोगों के खाते में यह पैसा पहुंच गया है।

राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अमरीका के किसानों के लिए 19 अरब डॉलर के पैकेज की घोषणा की है। भारतीय रुपये में समझना चाहें तो यह राशि करीब 20,000 करोड़ होती है। इस पैसे से सरकार किसानों के हाथ में सीधे नगद देगी और उनके उत्पादों को भी ख़रीदेगी। 

न्यू जर्सी में घरों में रहने के आदेश के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। न्यू जर्सी में 3500 लोगों की मौत हुई है। मिशिगन, वर्जीनिया,मिनोसेटा, ओहियो और अन्य राज्यों में भी इस तरह के प्रदर्शन हुए हैं। कोरोना के समय में प्रदर्शनकारी अपनी अपनी कार में आते हैं। कारों को पंक्तिबद्ध करते हुए हार्न बजाते हैं और नारे लगाते हैं। ट्रंप ने शुक्रवार को ट्वीट कर इन प्रदर्शनों को समर्थन दिया है। लिखा है कि मिनोसेटा, मिशिगन और वर्जीनिया को मुक्त करो।

अमरीका में राजनीति चरम पर है। जैसे जब लोग मर जाएंगे तो राजनीति ही बचेगी। वैसे राजनीति ही बचेगी। राष्ट्रपति ट्रंप और राज्यों के गवर्नरों के बीच युद्ध जैसी स्थिति है। दोनों एक दूसरे को चुनौती दे रहे हैं। ट्रंप के विरोधी डेमोक्रेट सांसदों ने सरकार से मांग की है कि अमरीका के राहत पैकेज का कितना हिस्सा छोटे उद्यमियों को गया है। आरोप है कि राहत पैकेज का बड़ा हिस्सा बड़े कारपोरेट घरानों और कंपनियों को गया है। अमरीका में 34, 614 लोगों की मौत हुई है।

जापान में आपातकाल लागू है। वहां पर अभी तक कोरोना के 9000 मामले सामने आए हैं औऱ 200 लोगों की मौत हुई है। वहां की सरकार हर नागरिक के खाते में 928 डॉलर देने जा रही है। पहले तय हुआ था कि जिन परिवारों का आर्थिक नुकसान हुआ है उन्हें 2786 डालर दिए जाएंगे। जापान में शिंजे आबे ने इस संकट में खराब प्रदर्शन किया है इसलिए उनके प्रति नाराज़गी बढ़ी है इसलिए पार्टी की तरफ से भी दबाव है कि लोगों के खाते में ज्यादा पैसे दिए जाएं।

(वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार का यह लेख उनके फ़ेसबुक पेज से लिया गया है।)

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