लखनऊ। रिहाई मंच और पीपुल्स एलायंस मिलकर प्रवासी मज़दूरों को बसों के जरिये शहरों से उनके घरों तक पहुँचाने का सिलसिला जारी रखे हुए हैं। इस सिलसिले में आज एक बस आज़मगढ़ के मज़दूरों को लेने के लिए दिल्ली रवाना होगी।
रिहाई मंच ने इसके लिए दिल्ली के सामाजिक कार्यकर्ता मोहित राज और इंडिया अगेंस्ट कोरोना की पूरी टीम के प्रति आभार जताया है। आप को बता दें कि यह सब कुछ इन लोगों की पहल पर ही संभव हुआ है।
संगठन का कहना है कि इन लोगों ने बिहार और पूर्वांचल के मज़दूरों के दर्द को समझा और उनके लिए घर वापसी की राह आसान बनाई।
लॉक डाउन शुरू होने के साथ ही प्रवासी एवं दिहाड़ी मज़दूरों के सामने सिर्फ काम काज ही नहीं बल्कि रोज़मर्रा की ज़रूरतों का भी संकट खड़ा हो गया था। लिहाज़ा शहरों में रहने पर उनके लिए मरने के सिवा दूसरा कोई रास्ता नहीं दिख रहा था। उनकी इन्हीं ज़रूरतों को ध्यान में रखकर रिहाई मंच ने यह पहल की और दूसरे व्यक्तियों और संगठनों से बात की। जिसका नतीजा है कि शहरों में फँसे पूर्वांचल के ऐसे लोगों को वह निकाल पाने में सफल हो रहा है।
इन संगठनों की भूमिका केवल यहीं तक सीमित नहीं रही। रिहाई मंच, पीपुल्स अलायंस पहले दिन से ही उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में राहत कार्यों में जुटे रहे। साथ ही प्रवासी मज़दूरों से संपर्क कर अलग-अलग राज्यों में उन तक सहयोग पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किए। इसी का नतीजा है कि प्रवासी मज़दूर लगातार उनसे संपर्क कर रहे हैं।
अभी जब से लॉक डाउन बढ़ा है तब से लगातार प्रवासी मज़दूरों का बड़े शहरों से पलायन शुरू हो गया है वो जिस तरह से पैदल, साइकिल, बाइक और ट्रकों में भर-भर कर अपने घरों के लिए भूखे प्यासे निकल रहे हैं उसको देखना किसी के लिए भी बेहद पीड़ादायक है।
इसी पीड़ा को समझते हुए दिल्ली के सामाजिक कार्यकर्ता मोहित राज और लखनऊ से गुफरान सिद्दीकी ने पहल की और फिर रिहाई मंच के साथियों से संपर्क कर दिल्ली में रहने वाले आज़मगढ़ के प्रवासी मज़दूरों को उनके घरों तक पहुँचाने की प्रक्रिया शुरू की।
रिहाई मंच ने आज़मगढ़ की तरफ से इंडिया अगेंस्ट कोरोना की पूरी टीम को धन्यवाद दिया है जिन्होंने प्रवासी मज़दूरों की राह को आसान बनाई।
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