स्कूल एक बुनियादी संस्थान है जहां आने वाली पीढ़ी को इतिहास,वर्तमान और आने वाली चुनौतियों से रूबरू कराया जाना अनिवार्य…
प्राचीन युग की ओर लौटने की चाह: यथार्थ और कल्पना का संघर्ष
मानव समाज में प्राचीन काल की पुनर्रचना की आकांक्षा प्रमुख विचारधारात्मक प्रवृत्ति रही है, जो समाज के वास्तविक परिवर्तन के…
फासीवादी राष्ट्रवाद का असली चेहरा: स्वार्थ, संपत्ति और सत्ता की भूख
राष्ट्रवाद, ऐसा शब्द जो समय-समय पर सत्ता के खेल में सबसे प्रभावशाली हथियार बनकर उभरता है। इतिहास गवाह है कि…
अनैतिक और आधी अधूरी दुनिया का हास्यास्पद हश्र
हिंसक, अनैतिक और आधी अधूरी दुनिया में इसी तरह का शर्मनाक और हास्यास्पद नाटक चलेगा जैसा कि इस वक्त भारत,…
राज्यमाता गाय और माँसाहारी सावरकर
गाय पिछले तीन दशकों से भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भावनात्मक मुद्दा बनी हुई है। गाय को एक पवित्र पशु…
सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 6A की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 6A की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है। मुख्य न्यायाधीश…
भारत में फासीवाद का उभार: मध्यमवर्गीय असुरक्षाओं की राजनीति
फासीवाद, जो कि 20वीं सदी में यूरोप में उभरी राजनीतिक परिघटना थी, आज के भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में नए रूप…
कासगंज की रामलीला में शम्बूक का आत्मवध
शम्बूक को लेकर अनेक रामकथाओं में दर्ज प्रसंग से रूप में थोड़ा अलग किन्तु सार में यथावत पूर्ववत मंचन उत्तर…
नोबेल पुरस्कार और ‘संस्थागत अविश्वास’ का पूंजीवादी तर्क
इस वर्ष के अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से उस शोध को सम्मानित किया गया है, जो अमीर और गरीब देशों…
2024 ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत ‘गंभीर’ सूची में, लेकिन पिछले वर्ष की तरह कोई हो-हल्ला नहीं!
पिछले वर्ष ग्लोबल हंगर इंडेक्स (वैश्विक भूख सूचकांक- जीएचआई) के आंकड़ों पर देश, विपक्ष और मीडिया ने संज्ञान लिया था,…