महाराष्ट्र की महाअघाड़ी सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने महाराष्ट्र में रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई को लेकर केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई करने वाली सभी कंपनियों से कहा कि वे महाराष्ट्र सरकार को ये इंजेक्शन न दें। केंद्र ने इन कंपनियों को लाइसेंस रद्द करने की भी धमकी दी है। वहीं केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट करके महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक के आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, “केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई करने वाली कंपनियों के निर्यात पर पाबंदी लगाई है। अब जब ये 16 कंपनियां विदेश में दवा निर्यात नहीं कर पा रही हैं और जबक उन्होंने देश के भीतर ही रेमडेसिविर बेचने की अनुमति मांगी है। महाराष्ट्र सरकार ने उन कंपनियों से सीधे संपर्क किया है। उन कंपनियों से कहा गया है कि अगर उन्होंने सीधे महाराष्ट्र सरकार को दे दवा दी तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने कहा, “यह दुखद और चौंकाने वाला है कि जब महाराष्ट्र सरकार ने रेमडेसिवर (Remdesivir) के लिए 16 निर्यात कंपनियों से पूछा, तो हमें बताया गया कि केंद्र सरकार ने उन्हें महाराष्ट्र को दवा की आपूर्ति नहीं करने के लिए कहा है। नवाब मलिक ने आगे कहा कि इन कंपनियों को चेतावनी दी गई है कि अगर उन्होंने ऐसा किया तो उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। यह एक ख़तरनाक़ मिसाल है और इन परिस्थितियों में, महाराष्ट्र सरकार के पास इन निर्यातकों से रेमेडिसविर के स्टॉक को जब्त करने और ज़रूरतमंदों को आपूर्ति करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।
नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि हमें लगता है कि केंद्र सरकार का ये रवैया खतरनाक़ है। देश के लोग दवा के बिना मर रहे हैं। अब महाराष्ट्र सरकार दवा खरीदना चाहती है तो उसे रोका जा रहा है। क्या ये भेदभाव का रवैया नहीं है?
वहीं केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट करके महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा, “यह आधा सच और झूठ से भरा है। मलिक जमीनी सच्चाई से अनजान हैं। केंद्र लगातार महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों के साथ संपर्क में है, ताकि किसी भी तरीके से रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति पूरी हो सके।
मनसुख मंडाविया ने कहा है कि हम देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन का उत्पादन दोगुना कर रहे हैं। इसके लिए निर्माताओं को 12 अप्रैल के बाद से 20 से अधिक प्लांटों को अनुमति दी गई है। महाराष्ट्र के लोगों को रेमडेसिविर की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है।
इसके आगे मनसुख मंडाविया ने कहा कि सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, महाराष्ट्र में ईओयू और एसईजेड की केवल एक इकाई है। सभी रेमडेसिविर निर्माताओं से हम संपर्क में है, इंजेक्शन की कोई खेप नहीं फंसी है।
मंडाविया ने नवाब मलिक से अनुरोध किया कि आप इन 16 कंपनियों की सूची उपलब्ध कराएं, यहां WHO-GMP के स्टॉक उपलब्ध हैं।
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