दिल्ली में झुग्गियों को उजाड़ने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ 48 घंटे से जारी सीपीआई (एमएल) का अनशन समाप्त

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नई दिल्ली। कल भाकपा माले ने वज़ीरपुर में अपनी 48 घंटे की चेतावनी भूख हड़ताल समाप्त की। भूख हड़ताल करने वालों में भाकपा माले के दिल्ली राज्य सचिव रवि राय के साथ वजीरपुर झुग्गियों की पांच महिला निवासी शकुंतला देवी, सीता देवी, रामेश्वरी देवी, रिंकू और लरजरी देवी शामिल थीं। 

इसके साथ भाकपा माले ने दिल्ली के मजदूर वर्ग के लिए आश्रय के अधिकार की मांग का एक घोषणा पत्र जारी किया। घोषणा पत्र 48,000 घरों के विध्वंस के आदेश को रद्द करने और दिल्ली में झुग्गीवासियों के लिए एक व्यापक पुनर्वास योजना की मांग करता है।

भूख हड़ताल समाप्त करते हुए भाकपा माले दिल्ली के राज्य सचिव ने कहा कि ‘हमारे देश के गरीबों पर मोदी सरकार के हमलों की लंबी सूची है। नोटबंदी से शुरू कर अनियोजित लॉकडाउन तक मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है जिसके चलते बड़े पैमाने पर नौकरियां ख़त्म हो गयी हैं और अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गयी है। हमने देखा है कि झुग्गीवासियों के आंदोलन के दबाव के कारण दिल्ली सरकार को यह कहने के लिए मजबूर किया गया है कि यह पुनर्वास को सुनिश्चित करेगी लेकिन रेल मंत्रालय और मोदी सरकार का विश्वासघात आज सबके सामने है। केंद्र सरकार को साफ साफ कहना होगा कि वो तब तक किसी झुग्गी को नही तोड़ेंगे जब तक सबके पुनर्वास की गारंटी नही हो जाती”। 

उन्होंने कहा कि “हमें उम्मीद है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में सभी झुग्गीवासियों को उनके रिहाइश के 5 km के अंदर बसाने का आश्वासन केवल कोरी बयानबाजी नहीं होगी बल्कि गम्भीरता से इसको लागू किया जाएगा। साथ ही हम मांग करते हैं कि फ्रेश सर्वे कर पुनर्वास का काम किया जाए ताकि कोई भी झुग्गीवासी पुनर्वास से वंचित न रह जाए। झुग्गी तोड़ने का आदेश ख़ारिज होने और झुग्गीवासियों के अधिकार सुनिश्चित होने तक हमारा आन्दोलन जारी रहेगा”।

भाकपा माले झुग्गियों के विध्वंस आदेश के खिलाफ मानसरोवर पार्क और शहर के विभिन्न हिस्सों में अभियान चला रहे हैं। आज जारी की गए मांगों के घोषणा पत्र में दिल्ली में गरीबों और मज़दूरों के आश्रय के अधिकार के संघर्ष का आधार बनेगा।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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