न्यूज़क्लिक मामला: प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा

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नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती की गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा उनकी रिमांड, एफआईआर और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया। 4 अक्टूबर को पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। दोनों को इन आरोपों के बाद गिरफ्तार किया गया था कि न्यूज पोर्टल को चीन समर्थक प्रचार प्रसार के लिए पैसे दिए गए थे।

अदालत में बहस के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार ने कहा कि “दो मुद्दे हैं जिनकी मोटे तौर पर जांच की आवश्यकता है। एक गिरफ्तारी का सवाल है और दूसरा पुलिस हिरासत में उनकी रिमांड है। मुझे आरोपों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है लेकिन चीन में रहने वाले एक व्यक्ति से लगभग 75 करोड़ की बड़ी रकम आती है और उद्देश्य क्या है, यह सुनिश्चित करना है कि देश की अखंडता से समझौता किया जाए। याचिकाकर्ताओं और चीन में किसी व्यक्ति के बीच ईमेल एक्सचेंज में पाए गए सबसे गंभीर आरोपों में से एक…किस तरह अरुणाचल प्रदेश को मानचित्रों में भारत के हिस्से के रूप में नहीं दिखाया गया। अपराध बहुत गंभीर प्रकृति के हैं ।”

न्यूज़क्लिक के एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती के वकील ने कहा कि “मैं 59 प्रतिशत विकलांगता से पीड़ित हूं, पोलियो के कारण दोनों पैरों में लकवा मार गया है। मुझे कभी गिरफ्तार नहीं किया गया और मैंने कभी अग्रिम जमानत के लिए आवेदन नहीं किया।”

“मैं पत्रकार/संपादक नहीं हूं। मैं केवल कुछ प्रशासनिक कार्य करता हूं। इस गिरफ्तारी और रिमांड प्रक्रिया के दौरान मुझे एक साथ रखा गया है। मेरी भूमिका पर कोई विचार नहीं किया गया, या हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। रिमांड आवेदन में मेरे शारीरिक अपंगता का कोई उल्लेख नहीं है।”

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