नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने बिहार में जारी मतदाता सूची से संबंधित विशेष गहन पुर्नसमीक्षा अभियान में कुछ बदलाव किया है। उसने बगैर दस्तावेजों के भी फार्म भरवाने की बीएलओ को छूट दे दी है। बिहार के स्टेट चीफ इलेक्टोरल आफिसर (सीईओ) दफ्तर ने कहा है कि अब कोई जरूरी नहीं है कि फार्म भरने वाला शख्स तुरंत कोई दस्तावेज उपलब्ध कराए। बीएलओ को कहा गया है कि वो अभी लोगों के हस्ताक्षर वाले फार्म अपलोड करें। जहां तक रही दस्तावेज की बात तो वो उनसे बाद में पेश करने के लिए कहा जा सकता है। हालांकि अभी यह बात साफ नहीं हो पायी है कि जो दस्तावेज देने में अक्षम रहने वाले लोगों के साथ क्या किया जाएगा। क्योंकि सीईओ ने एक ट्वीट कर कहा है कि ईसीआई के आदेश में किसी तरह की तब्दीली नहीं की गयी है। जो प्रक्रिया चल रही है सब कुछ उसी के आदेशों के मुताबिक है।
हिंदी में प्रकाशित एक विज्ञापन में बिहार के सीईओ ने कहा कि अपना इन्यूमरेशन फार्म भर कर दस्तावेजों और अपने फोटो के साथ जितने जल्दी संभव हो बीएलओ के पास जमा करें। अगर आपके पास जरूरी दस्तावेज नहीं हैं तो केवल हस्ताक्षरित फार्म को ही बीएलओ के पास भेज दें।
हालांकि चुनाव आयोग की ओर से कोई ताजा आदेश नहीं आया है। लेकिन बिहार के सीईओ की पहल को जनता के बीच फैली बदहवासी के नतीजे के तौर पर देखा जा रहा है। क्योंकि फार्म जमा करने की अंतिम तारीख में अब केवल दो हफ्ते का समय बचा था। जिसके चलते लोगों का रोष और बढ़ता जा रहा था।
सीईओ के दफ्तर ने जिलाधिकारियों को जारी निर्देश में कहा है कि सभी डीएम बगैर दस्तावेज के फार्म को इकट्ठा कर लें। और इस बात को सुनिश्चित करें कि ज्यादा से ज्यादा फार्म इकट्ठा किया जाए जिससे ड्राफ्ट दस्तावेज में अधिकतम मतदाताओं के नाम प्रकाशित किए जा सकें।……दस्तावेज बाद में जुटाए जा सकते हैं…..और उन्हें बीएलओ के जरिये अपलोड किया जा सकता है।…..बीएलओ अपने 90 फीसदी मतदाताओं को पहले से ही जानते हैं। उन लोगों के अलावा जिनका निधन हो गया है और जो स्थाई रूप से प्रवासी हो गए हैं। सभी फार्मों को अपलोड करिए।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक बांका के एक बीएलओ ने बताया कि ये सारे निर्देश उसे मिल गए हैं। उसने कहा कि हां हमें ऐसा निर्देश दिया गया है कि सभी तरह के फार्म स्वीकार करें जिसमें दस्तावेज और बगैर दस्तावेज वाले फार्म दोनों शामिल हैं। उसने बताया कि केवल लोगों में ही नहीं बल्कि हम लोगों में भी बदहवासी का माहौल है। उसने बताया कि उसके पास 1300 इन्यूमरेशन फार्म हैं जिन्हें जमा करना है और कुछ दस्तावेज हैं जिन्हें अभी स्कैन करने शेष हैं। और ऐसा नहीं लगता कि 26 जुलाई से पहले यह हो पाएगा। हम डेडलाइन को बढ़ाने की गुजारिश कर रहे हैं।
बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी ने रविवार को एक्स पर जारी बयान में कहा है कि बिहार में एसआईआर 24 जून, 2025 को इलेक्शन कमीशन द्वारा जारी आदेशों के तहत ही आगे बढ़ रहा है। उस आदेश के मुताबिक 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित होने वाले ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल में उन मौजूदा मतदाताओं के नाम शामिल होंगे जिनका न्यूमरेशन फार्म हासिल हो गया होगा।
मौजूदा मतदाताओं के दस्तावेजों को पूरा कर लेने के लिए सभी तरह के तरीके अपनाए जा रहे हैं। इन मौजूदा मतदाताओं के पास दस्तावेजों को मुहैया कराने के लिए इन्यूमरेशन फार्म के जमा करने के बाद भी मौका दिया जाएगा। सभी गतिविधियां ईसीआई के 24 जून ,2025 के आदेश के बिल्कुल मुताबिक हो रही हैं।
(इंडियन एक्सप्रेस से कुछ इनपुट लिए गए हैं।)